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Friday 1 December 2023 03:16:42 PM
पुणे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे को उसके 75 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित भव्य परेड समारोह में प्रेसिडेंट कलर प्रदान किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा शिक्षा के उच्चतम स्तर के संस्थान के रूपमें प्रतिष्ठा अर्जित की है, उन्हें देश एवं देश के वीर सैनिकों की निरंतर सेवा में समर्पित एएफएमसी की चिकित्सा सेवा पर गर्व है। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के स्नातकों ने युद्ध, घुसपैठ और आतंकवाद विरोधी अभियानों, प्राकृतिक आपदाओं और महामारी का सामना करने में देश के भीतर एवं राष्ट्रीय सीमाओं के बाहर भी अपनी समर्पित चिकित्सा सेवाओं से देश को गौरवांवित किया है। उन्होंने कहाकि चिकित्सा विद्यार्थियों ने वीरता, अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं, जिनके फलस्वरूप यहां के कई विद्यार्थियों एवं कर्मियों को कीर्तिचक्र, वीरचक्र, सेना और नौसेना पदक से सम्मानित किया जा चुका है। गौरतलब हैकि मानवता केप्रति अनुकरणीय सेवा केलिए पद्मभूषण, पद्मश्री, राष्ट्रपति स्वर्ण पदक जैसे सम्मान भी दिए गए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उन्हें प्रसन्नता हैकि एएफएमसी से शिक्षा प्राप्त करने वाली बहुतसी महिलाओं ने सेना चिकित्सा के क्षेत्रमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है और सेना के विभिन्न अंगों में उच्च पदों को सुशोभित किया है। उन्होंने कहाकि उन्हें ज्ञात हुआ हैकि एएफएमसी की छात्रा रही पुनीता अरोड़ा देश की सेना में पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल बनी और भारतीय वायुसेना की पहली महिला एयर मार्शल पद्मा बंदोपाध्याय भी इसी संस्थान की कैडेट रही है, ऐसी अनेक महिला कैडेट्स यहांसे स्नातक होकर सेना में उच्च पदों पर पहुंची हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि आशा हैकि इन महिला कैडेट्स से प्रेरणा लेकर महिलाएं अधिक संख्या में भारतीय सेना को अपना कैरियर चुनेंगी एवं औरभी महिलाओं की मदद करेंगी। उन्होंने कहाकि हमारी सेना के अनुशासन, अदम्य साहस और कौशल ने सदा हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा की है, साथही देश के विकास केलिए शांतिपूर्ण आंतरिक वातावरण तैयार करने मेंभी बड़ी भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति ने कहाकि सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं हमारे वीर सैनिकों को सर्वाधिक स्वस्थ और युद्ध केलिए सदैव तैयार रहने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज से चिकित्सा विज्ञान, नर्सिंग, पैरामेडिकल की शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करके हज़ारों पेशेवरों ने राष्ट्र और विशेष रूपसे सशस्त्र सेनाओं केलिए अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने चिकित्सा विद्यार्थियों से आग्रह कियाकि वे चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान पर जोर दें और ज्यादा से ज्यादा नवीनतम तकनीकों का प्रयोग करें। उन्होंने कहाकि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रिसिजन मेडिसिन, 3डी प्रिंटिंग, टेलीमेडिसिन जैसी प्रौद्योगिकियों का चिकित्सा के क्षेत्रमें कारगर उपयोग किया जा रहा है, इसलिए सभी को यह सुनिश्चित करना हैकि देश की तीनों सेनाओं के सभी कर्मियों की चिकित्सा उच्चतम स्तर की हो। राष्ट्रपति ने कहाकि कुछ भी असंभव नहीं है, हमसब कोरोना महामारी के विकट समय से गुजरे हैं, हमने इसका डटकर सामना किया है, देशवासी आपकी नि:स्वार्थ सेवा और साहस को सदैव याद रखेंगे, आपने अपनी योग्यता सिद्ध की है और इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं आपसे पुन: राष्ट्रीय हित केप्रति अपने संकल्प, उत्साह और प्रतिबद्धता को नवीकरण करने का आग्रह करती हूं।