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Monday 4 December 2023 02:41:23 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को दिए वक्तव्य में कल आए चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को मिली ऐतिहासिक विजय पर टिप्पणी करते हुए कहाकि ठंड शायद बहुत धीमी गति से आरही है, लेकिन राजनीतिक गर्मी बड़ी तेजीसे बढ़ रही है, कल ही चार राज्यों के चुनाव नतीजे आए हैं, जो बहुतही उत्साहवर्द्धक परिणाम हैं। उन्होंने कहाकि ये उनके लिए उत्साहवर्द्धक हैं, जो देश के सामान्य मानवी के कल्याण केलिए प्रतिबद्ध और देश के उज्जवल भविष्य केलिए समर्पित हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि विशेषकर शहर-गांव की महिलाएं, समाज के सभी समूह के गांव, शहर के युवा, किसान और मेरे देश के ग़रीब ये चार ऐसी महत्वपूर्ण जातियां हैं, जिनके भविष्य को सुनिश्चित करने वाली ठोस योजनाओं को भरपूर समर्थन मिलता है और जब सुशासन होता है, पूर्णतया जनहित केलिए समर्थन होता है तो विरोधी लहर शब्द अप्रासंगिक हो जाता है और इतने उत्तम जनादेश केबाद आज हम संसद के इस नए मंदिर में मिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश ने नकारात्मकता को नकारा है। उन्होंने मीडिया को दिए वक्तव्य में कहाकि लगातार सत्र के प्रारंभ में विपक्ष के साथियों केसाथ हमारा विचार-विमर्श होता है, हमारी मुख्य टीम उनसे चर्चा करती है, मिल करके भी सबके सहयोग केलिए हम हमेशा प्रार्थना करते हैं, आग्रह करते हैं। इसबार भी इस प्रकार की सारी प्रक्रियाएं कर ली गई हैं और आपके माध्यम सेभी मैं सार्वजनिक रूपसे हमेशा हमारे सांसदों से आग्रह करता हूंकि लोकतंत्र का ये मंदिर जनआकांक्षाओं, विकसित भारत की नींव को अधिक मजबूत बनाने केलिए बहुत महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह कियाकि वो ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं, सदन में जोभी बिल रखे जाएं उनपर गहन चर्चा हो, उत्तम से उत्तम सुझाव आएं और उन सुझावों के द्वारा...क्योंकि जब एक सांसद सुझाव देता है तो जमीनी अनुभव का उसमें बहुत ही उत्तम तत्व होता है, लेकिन अगर चर्चा ही नहीं होती है तो देश उसे मिस करता है और इसलिए मैं फिरसे आग्रह करता हूं। उन्होंने कहाकि अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजों के आधार पर कहूं तो जो विपक्ष में बैठे हुए साथी हैं, ये उनके लिए सुनहरा मौका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय इस पराजय में से सीख करके पिछले नौ साल से चलाई गई नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़ करके इस सत्र में अगर सकारात्मकता केसाथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा, उनके लिए नया द्वार खुल सकता है और वो विपक्ष में हैं तो भी उनको एक अच्छी सलाह दे रहा हूंकि आइए सकारात्मक विचार ले करके आइए, अगर हम दस कदम चलते हैं तो आप बारह कदम चलकर फैसला ले करके आइए। प्रधानमंत्री ने कहाकि हर किसी का भविष्य उज्जवल है, निराश होने की जरूरत नहीं है, लेकिन कृपा करके बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत उतारना, हताशा-निराशा होगी, आपके साथियों को आपका दम दिखाने केलिए कुछ न कुछ करना भी पड़ेगा, लेकिन कम से कम लोकतंत्र के इस मंदिर को वो मंच मत बनाइए। उन्होंने विपक्ष से कहाकि देशहित में सकारात्मक चीजों का साथ दीजिए, उसमें जो कमियां हैं, उसकी डिबेट कीजिए, आप देखिए देश के मन में आज जो ऐसी कुछ बातों पर नफरत पैदा हो रही है, हो सकता है वो मोहब्बत में बदल जाए तो मौका है, ये मौका जाने मत दीजिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षियों से करबद्ध प्रार्थना करते हुए कहाकि सदन में सहयोग दीजिए। उन्होंने कहाकि आज मैं राजनीतिक दृष्टिकोण से भी कहना चाहता हूंकि आपका भी भला इसमें हैकि आप देश को सकारात्मकता का संदेश दें, आपकी छवि नफरत की और नकारात्मकता की नहीं बने, वो लोकतंत्र केलिए अच्छा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि लोकतंत्र में विपक्ष भी उतना ही महत्वपूर्ण है, उतना ही मूल्यवान है और उतना ही सामर्थ्यवान भी होना चाहिए। उन्होंने कहाकि 2047 अब देश विकसित होने के लक्ष्य में लम्बा इंतजार करना नहीं चाहता है, समाज के हर वर्ग में ये भाव पैदा हुआ हैकि बस आगे बढ़ना है, इस भावना को हमारे सभी मान्य सांसद आदर करते हुए सदन को उस मजबूती से आगे बढ़ाएं, यही मेरी उनसे प्रार्थना है।