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Saturday 9 December 2023 04:42:39 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 96वीं वार्षिक आम बैठक और सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा हैकि भारत एक वैश्विक विकास इंजन के रूपमें उभरा है और दुनिया को नई दिशा प्रदान कर रहा है। रक्षामंत्री ने व्यापारिक नेताओं और अर्थव्यवस्था के हितधारकों का 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने केलिए सरकार के साथ सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि भारतीय विकास की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शक नेतृत्व में एक अरब से अधिक भारतीयों की कड़ी मेहनत और क्षमता का परिणाम है। रक्षामंत्री ने कहाकि सरकार की परिवर्तनकारी नीतियों और कार्यक्रमों ने भारतीय विकास की कहानी को शक्ति दी है, जिसके विभिन्न पहलू आजकी दुनिया को आकार दे रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत ने प्रतिबद्धता जताई हैकि उसका विकास पर्यावरणीय क्षरण की कीमत पर नहीं होगा, हमने हरित विकास का रास्ता चुना है, पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाया है, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने केलिए पहल की है, हमने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को भी कम कर दिया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर देते हुएकि आर्थिक विकास लिंग-निरपेक्ष होना चाहिए बतायाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले की उस कहानी को सफलतापूर्वक बदल दिया है, जिसमें अर्थव्यवस्था के विकास का श्रेय अकेले पुरुषों और पुरुषों के योगदान को दिया जाता था। उन्होंने कहाकि महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता रही है, हमने यह सुनिश्चित किया हैकि भारत का आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास न केवल पुरुषों के बल पर हो, बल्कि नारी शक्ति के दम पर भी हो। महिलाओं को सशक्त बनाने केलिए रक्षा मंत्रालय के कदमों को गिनाते हुए रक्षामंत्री ने कहाकि लड़कियां अब सैनिक स्कूलों में पढ़ रही हैं, जबकि महिला अधिकारियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षित किया जारहा है। उन्होंने कहाकि अब महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूपमें नियुक्त किया जारहा है, युद्धपोतों पर तैनात किया जारहा है और सीमापार अग्रिम चौकियों पर तैनात किया जारहा है, इसके अलावा अग्निपथ योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में युवा लड़कियां सशस्त्र बलों में शामिल हो रही हैं।
राजनाथ सिंह ने भारत की विकास गाथा के एक अन्य प्रमुख पहलू पर प्रकाश डाला और कहाकि सरकार ने गतिविधियों को विकेंद्रीकृत करके और उन्हें दूर-दराज के क्षेत्रों तक लेजाकर पूरे देश में विकास का जाल तैयार किया है। पीएम गति शक्ति योजना जैसे कार्यक्रमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहाकि हमने बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से उत्तर-पूर्व के दूरदराज के हिस्सों और छोटे शहरों को मेट्रो शहरों से जोड़ा है, परिणामस्वरूप सभी क्षेत्र एकसाथ विकास कर रहे हैं। रक्षामंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में सरकार की पहलों और उपलब्धियों कोभी सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहाकि हमने सड़कों, हवाई अड्डों और रेलवे में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा दिया है, 2014 तक भारत में 91000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग थे, आज ये बढ़कर लगभग 1.5 लाख किलोमीटर हो गया है, जहां 2014 में भारत में केवल 74 हवाई अड्डे थे, वहीं आज यह संख्या दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहाकि पीएम गतिशक्ति योजना और राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के माध्यम से हमने देश में 100 लाख करोड़ रुपये तकके बुनियादी ढांचे के विकास की योजना बनाई है।
समावेशी विकास केप्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत की विकास कहानी दर्शाती हैकि आर्थिक विकास और वितरणात्मक न्याय केबीच कोई असंगत समझौता नहीं है। उन्होंने कहाकि हमारा विकास मॉडल दिखाता हैकि सभी केलिए समान अवसर और त्वरित विकास दर एकसाथ हासिल की जा सकती है। रक्षामंत्री ने आर्थिक प्रगति में मानव संसाधनों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने केलिए सरकार के कई हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला और 'देश के मानव संसाधनों को मजबूत करने' को सबसे प्रभावशाली बताया। उन्होंने बतायाकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 400 से अधिक नए विश्वविद्यालयों, सात नए आईआईटी और सात नए आईआईएम की स्थापना, कौशल विकास के मंत्रालय को बनाकर कौशल पर ध्यान केंद्रित करना सरकार द्वारा देश में मानव संसाधन को बढ़ावा देने केलिए लाए गए परिवर्तनकारी बदलाव को रेखांकित करता है। राजनाथ सिंह ने इस विकास गाथा को बनाए रखने केलिए देश के युवाओं में सरकार के विश्वास और विश्वास को व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि युवा देश का भविष्य हैं, जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे।