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Sunday 10 December 2023 04:34:46 PM
मुंबई। भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने निष्ठा भवन न्यू मरीन लाइंस चर्चगेट स्टेशन केपास मुंबई-400020 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण मुंबई बेंच के नए कार्यालय परिसर का फीता काटकर उद्घाटन किया। बेंच का नया कार्यालय परिसर हितधारकों की जरूरतों को सर्वोत्तम संभव तरीकों से पूरा करने केलिए सभी सुविधाओं से लैस है। मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने इस अवसर पर अपने संबोधन में अन्य बातों के साथ-साथ न्यायिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में केंद्र सरकार के समर्पित प्रयासों और सहयोग की सराहना की, जिसका यह नया कार्यालय परिसर एक उदाहरण है। उन्होंने न्यायालयों द्वारा सामना की जानेवाली देरी और बैकलॉग का मुकाबला करने के उद्देश्य से 42वें संविधान संशोधन द्वारा न्यायाधिकरणों के निर्माण के बारेमें विस्तार से बताया।
मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायिक और प्रशासनिक सदस्य के संयोजन के सार पर प्रकाश डाला और कहाकि दोनों अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष कौशल रखते हैं, जिससे गुणवत्ता और मात्रा दोनों रूपों में न्याय प्रदान करने में योगदान मिलता है। उन्होंने इस ट्रिब्यूनल की स्थापना केबाद से इसके कई गुना विकास की प्रशंसा की और न्याय तक पहुंचने में कमजोर वर्गों केलिए बाधाओं को कम करने में प्रौद्योगिकी के महत्व को स्वीकार किया, लेकिन कहाकि वादियों द्वारा अदालत तक स्वयं पहुंचने को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजीत मोरे ने इस न्यायाधिकरण के आंतरिक विकास और विभिन्न पीठों में बुनियादी ढांचे के सृजन के बारेमें बताया।
न्यायमूर्ति रंजीत मोरे ने कहाकि इस ट्रिब्यूनल में निपटाए गए मामलों में से केवल 10 प्रतिशत मामले उच्च न्यायालयों में अपील में पहुंचे, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत ट्रिब्यूनल के निर्णयों को बरकरार रखा गया, जो ट्रिब्यूनल में गुणवत्तापूर्ण न्याय का स्वयं उदाहरण है। उद्घाटन समारोह में बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की मुंबई पीठ के न्यायिक सदस्य एवं विभागाध्यक्ष न्यायमूर्ति एमजी सेवलीकर, अधिकरण के सदस्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। समारोह केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, मुंबई पीठ के न्यायिक सदस्य और विभाग के प्रमुख न्यायमूर्ति एमजी सेवलीकर के धन्यवाद प्रस्ताव केसाथ समाप्त हुआ।