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Saturday 16 December 2023 11:40:12 AM
बैंगलुरू (कर्नाटक)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने कर्नाटक में चित्रदुर्ग एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से स्वदेशी रूपसे विकसित उच्चगति वाले मानवरहित विमान फ्लाइंग विंग ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर का सफल उड़ान परीक्षण किया है। ऑटोनॉमस रडार से बचने में सक्षम इस गोपनीय मानवरहित विमान का सफल उड़ान परीक्षण भारत में प्रौद्योगिकी तत्परता के स्तर में परिपक्वता का प्रमाण है। भारत इस सफलता केसाथ ही टेललेस कॉन्फिगरेशन में फ्लाइंग विंग तकनीक के नियंत्रण में महारत हासिल करने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है।
मानवरहित विमान को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान ने तैयार और विकसित किया है। इसकी पहली सफल उड़ान जुलाई 2022 में की गई थी और इसके बाद दो आंतरिक रूपसे निर्मित प्रोटोटाइप का उपयोग करके विभिन्न विकासात्मक विन्यासों में छह उड़ान परीक्षण किए गए। इन उड़ान परीक्षणों से सशक्त वायुगतिकीय एवं नियंत्रण प्रणाली के विकास, एकीकृत वास्तविक समय और हार्डवेयर-इन-लूप सिमुलेशन तथा अत्याधुनिक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन स्थापित करने में सफलता प्राप्त हुई है। टीम ने अंतिम कॉन्फिगरेशन में सफल सातवीं उड़ान केलिए वैमानिकी प्रणाली, एकीकरण एवं उड़ान संचालन को अनुकूलित किया था। एयरक्राफ्ट प्रोटोटाइप को एक जटिल एरोहेड विंग प्लेटफॉर्म केसाथ स्वदेशी रूपसे विकसित कम भार वाले कार्बन प्रीप्रेग मिश्रित सामग्री केसाथ तैयार और विकसित किया गया है।
फाइबर इंटेरोगेटर्स से युक्त कामकाजी निगरानी केलिए समग्र संरचना, एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता का एक उदाहरण है। ग्राउंड राडार/ बुनियादी ढांचे/ पायलट की आवश्यकता के बिना इस उच्चगति वाले मानवरहित विमान की ऑटोनॉमस लैंडिंग ने एक अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन किया, जो संचालन में पाए गए निर्देशांक केसाथ किसीभी रनवे से टेकऑफ तथा लैंडिंग की अनुमति देता है। इसमें जीपीएस नेविगेशन की सटीकता और समग्रता में सुधार केलिए जीपीएस एडेड जीईओ ऑगमेंटेड नेविगेशन रिसीवर का उपयोग करके स्वदेशी उपग्रह आधारित संवर्द्धन केसाथ ऑनबोर्ड सेंसर डेटा फ्यूजन का उपयोग करना संभव है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मानवरहित विमान फ्लाइंग विंग ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर प्रणाली के सफल उड़ान परीक्षण केलिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, सशस्त्र बलों तथा रक्षा उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने कहाकि स्वदेशी रूपसे ऐसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के सफल विकास से सशस्त्रबल और भी सशक्त होंगे। रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और इस सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी।