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'आईएनएस इंफाल भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति'

रक्षामंत्री ने कमीशनिंग समारोह में आईएनएस इंफाल नौसेना को सौंपा

'भारत-प्रशांत क्षेत्र में जलमेव यस्य बलमेव तस्य सिद्धांत और सशक्त'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 27 December 2023 02:48:21 PM

defense minister hands over ins imphal to navy

मुंबई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल को देश की सेवा में समर्पित भारतीय नौसेना को नौसेना डॉकयार्ड मुंबई में आयोजित आकर्षक कमीशनिंग समारोह में सौंपा। रक्षामंत्री ने आईएनएस इम्फाल को रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' का एक चमकदार उदाहरण और राष्ट्रीय सुरक्षा केप्रति भारतीय नौसेना, एमडीएल एवं अन्य हितधारकों की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहाकि आईएनएस इंफाल भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति का प्रतीक है और यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में 'जलमेव यस्य, बलमेव तस्य' (जो समुद्र को नियंत्रित करता है, वह सर्वशक्तिमान है) के भारतीय नौसेना के सिद्धांत को और सशक्त करता है। यह आयोजन चार स्वदेशी 'विशाखापत्तनम' श्रेणी के विध्वंसकों में से तीसरे आईएनएस इंफाल को नौसेना में औपचारिक रूपसे शामिल किए जाने को चिन्हित करता है, जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई ने निर्मित किया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस इम्फाल को राष्ट्र की विभिन्न शक्तियों के समूह के रूपमें परिभाषित किया। उन्होंने कहाकि जैसे कई तत्वों ने आईएनएस इम्फाल को एक ठोस रूप दिया है, वैसेही विकसित भारत बनाने केलिए सभी क्षेत्रों के लोगों को मिलकर काम करना चाहिए, प्रत्येक नागरिक भारत की सुरक्षा और प्रगति का वाहक है। उन्होंने कहाकि कोई कार्य राष्ट्र की भलाई को ध्यान में रखकर करें। राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा केलिए तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण पर समान जोर देने के नरेंद्र मोदी सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहाकि पहले की सरकारें केवल देश को भूमि आधारित खतरों से बचाने पर ध्यान केंद्रित करती थीं। उन्होंने बतायाकि उत्तर में हिमालय और पश्चिम में पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण व्यवहार के कारण भारत का अधिकांश माल व्यापार समुद्र के माध्यम से होता है, जो इसे व्यापार के दृष्टिकोण से एक द्वीप देश बनाता है। उन्होंने नौसेना की क्षमताओं को लगातार विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि भारत के हितों को सुरक्षित रखने केलिए वैश्विक व्यापार बहुत जरूरी है।
रक्षामंत्री ने अरब सागर में व्यापारिक जहाज (एमवी) केम प्लूटो पर हालही में हुए संदिग्ध ड्रोन हमले और लाल सागर में 'एमवी साईं बाबा' पर हुए हमले का भी उल्‍लेख किया। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक शक्ति ने कुछ ताकतों में ईर्ष्या और नफरत भरदी है। उन्होंने कहाकि भारत सरकार ने हमलों को बहुत गंभीरता से लिया है और नौसेना ने भी समुद्र में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। उन्होंने आश्वासन दियाकि इन हमलों के अपराधियों को जल्दही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में एक नेट सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभाता है और हम यह सुनिश्चित करेंगेकि इस क्षेत्र में समुद्री व्यापार नई ऊंचाइयों को छुए, इसके लिए हम अपने मित्र देशों केसाथ मिलकर समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखेंगे, हमें अपनी नौसेना की क्षमता और ताकत पर पूरा भरोसा है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने भी कमीशनिंग समारोह को संबोधित किया और कहाकि आईएनएस इम्फाल को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के विजन को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता का एक शानदार प्रतीक होने का गौरव प्राप्त है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने इस पहल को मोदी सरकार के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' विजन के प्रमाण की संज्ञा दी। उन्होंने कहाकि इम्फाल जहाज न केवल समुद्र से उत्पन्न होने वाले भौतिक खतरों से निपटेगा, बल्कि यह एक एकीकृत देश की शक्ति को भी प्रदर्शित करेगा। एडमिरल आर हरिकुमार ने कहाकि आईएनएस इंफाल राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाली विभिन्न योजनाओं को रोकेगा, यह दुश्मन पर आग उगलेगा और विपरीत परिस्थितियों में अदम्य संकल्प का प्रदर्शन करेगा। नौसेना प्रमुख ने बतायाकि चौथा प्रोजेक्ट 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक 'सूरत' 2024 में कमीशन किया जाएगा। आईएनएस इंफाल के शामिल किए जाने से पहले एकही श्रेणी के दो विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और आईएनएस मोर्मुगाओ को नौसेना में क्रमशः 2021 और 2022 में शामिल किया जा चुका है। एडमिरल आर हरिकुमार ने बतायाकि व्यापारिक जहाजों पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों के मुकाबले केलिए नौसेना ने प्रोजेक्ट 15बी और 15ए श्रेणी के चार विध्वंसक तैनात किए हैं। उन्होंने कहाकि इन खतरों का मुकाबला करने केलिए पी8I विमान, डोर्नियर्स, सी गार्डियन, हेलीकॉप्टर और तटरक्षक जहाज सभीको संयुक्त रूपसे तैनात किया गया है।
नौसेना प्रमुख ने यह भी कहाकि नौसेना का लक्ष्य देश के प्रत्येक जिले, प्रत्येक ब्लॉक और प्रत्येक गांव से कम से कम एक अग्निवीर को शामिल करना है एवं रणनीति हैकि देश के हर कोने से युवाओं-पुरुषों और महिलाओं को आकर्षित करना, देशसेवा में रहने के दौरान उन्हें कुशल बनाना, शिक्षा संस्थानों के माध्यम से क्षमताओं को प्रमाणित करना, राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना और यह सुनिश्चित करनाकि वे नौसेना में अपनी नौकरी केबाद असैनिक क्षेत्र में फिरसे एक बहुत उपयोगी व्यक्ति के रूपमें शामिल हो सकें। उन्होंने कहाकि हमारा लक्ष्य ऐसे राष्ट्रवादी कार्यबल को देशभर में फैलाना है। गौरतलब हैकि आईएनएस इम्फाल जहाज की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर है और यह 7,400 टन का विस्थापन करता है। आईएनएस इम्फाल भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है, यह संयुक्त गैस और गैस विन्यास में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों से संचालित है और यह 30 नॉट्स से भी अधिक की गति करने में सक्षम है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने इसपर ब्रह्मोस मिसाइल स्थापित की है। लार्सन एंड टुब्रो के टॉरपीडो ट्यूब लॉंचर हैं। रैपिड गन माउंट भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने स्थापित किया है और मध्यम दूरी की मिसाइलें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने स्थापित की हैं। कई स्टार्ट-अप और एमएसएमई इसके निर्माण में शामिल हैं।
आईएनएस इंफाल को उत्तर-पूर्व के एक शहर के नामपर रखा जाने वाला पहला युद्धपोत होने का अनूठा गौरव प्राप्त है, जो राष्ट्र और भारतीय नौसेना केलिए उत्तर-पूर्व क्षेत्र एवं मणिपुर के महत्व और योगदान को रेखांकित करता है। जहाज की आधार बिल्ली 19 मई 2017 को रखी गई थी और 20 अप्रैल 2019 को जलावतरण किया गया था। जहाज 28 अप्रैल 2023 को अपनी पहली समुद्री सैर केलिए रवाना हुआ और 20 अक्टूबर 2023 को इसकी डिलीवरी केसाथ इसका बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षण किया गया, जो छह महीने से कम की रिकॉर्ड समय सीमा को चिन्हित करता है। आईएनएस इम्फाल के निर्माण और परीक्षण में लगा समय किसीभी स्वदेशी विध्वंसक केलिए सबसे कम समय है। जहाज ने अपने कमीशन होनेसे पहले विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसने इसे हथियार तैयार बना दिया। जहाज में लगभग 315 कर्मी हैं और इसकी कमान गनरी और मिसाइल विशेषज्ञ कैप्टन केके चौधरी के पास है। जहाज राष्ट्र की समुद्री रक्षा और राष्ट्र हितों की सुरक्षा में नौसेना की गतिशीलता, परविर्तनशीलता और पहुंच को बढ़ाएगा।
आईएनएस इंफाल ने स्टील्थ विशेषताओं को बढ़ाया है, जिसके परिणामस्वरूप रडार क्रॉस सेक्शन कम हो गया है, जो हल के कुशल आकार, पूर्ण बीम सुपरस्ट्रक्चर डिजाइन, प्लेटेड मस्तूल और खुले डेक पर रडार पारदर्शी सामग्री के उपयोग के माध्यम से हासिल किया गया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, पनडुब्बी रोधी युद्ध रॉकेट लॉन्चर और टॉरपीडो लॉन्चर, एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर, रडार, सोनार तथा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली सहित उन्नत एवं जटिल अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है। यह परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध की स्थितियों में लड़ने केलिए सुसज्जित है। एक अनूठी विशेषता इसके लगभग 75 प्रतिशत के उच्च स्तर का स्वदेशीकरण है, जो नरेंद्र मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत की कोशिशें को उजागर करता है। स्वदेशी उपकरणों/ प्रणालियों में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रॉकेट लॉन्चर, टॉरपीडो लॉन्चर, एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली, ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम, फोल्डेबल हैंगर डोर्स, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन हथियार प्रणाली और बो-माउंटेड सोनार शामिल हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और एमडीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के अतिरिक्त प्रभार केसाथ निदेशक (वित्त) संजीव सिंघल भी कमीशनिंग समारोह में उपस्थित थे।

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