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उत्तराखंड में प्रभावित इलाकों में संक्रमण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 30 June 2013 08:03:11 AM

infection in the affected areas in uttarakhand

देहरादून। उत्तराखंड में राहत उपायों के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तीन सदस्‍यों का उच्‍च स्‍तरीय दल देहरादून में है, ताकि जन-स्‍वास्‍थ्‍य की स्थिति का मूल्‍यांकन किया जा सके और आवश्‍यकता के अनुसार सहायता प्रदान करने के लिए उत्‍तराखंड के स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों के साथ समन्‍व्‍ाय किया जा सके। इस टीम में निदेशक, आपात चिकित्‍सा कार्रवाई निदेशक, राष्‍ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और संयुक्‍त सचिव, राष्‍ट्रीय वेक्‍टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) शामिल हैं। महानिदेशक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं और अपर सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) ने देहरादून का दौरा किया है और राज्‍य सरकार के वरिष्‍ठ पदाधिकारियों के साथ व्‍यापक विचार विमर्श किया है। स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों का कहना है कि प्रभावित इलाकों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है और उसके व्‍यापक होने का खतरा बना है।
केंद्रीय जन स्‍वास्‍थ्‍य की तीन टीमें उत्‍तराखंड में भेजी गई हैं और उन्‍हें चमोली और जोशीमठ के पीड़ित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। दिल्‍ली से दो सदस्‍यों का एक जन स्‍वास्‍थ्‍य दल देहरादून पहुंच गया है और उसने राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों के साथ मिल कर काम करना शुरू कर दिया है। एआईआईएच एंड पीएच कोलकाता से तीन सदस्‍यों की एक अन्‍य जन स्‍वास्‍थ्‍य टीम रविवार को उत्‍तराखंड पहुंची है। सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पानी के नमूनों की जांच हेतु 40 कलोरोस्‍कोप्‍स और भारी मात्रा में रीएजेंट्स भेजे गए हैं।
निमहांस, बंगलौर से तीन-तीन सदस्‍यों की दो और टीमें उत्‍तराखंड पहुंच रही हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में पहले से तैनात प्रथम टीम के साथ मिल कर लोगों को मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सहायता प्रदान करेंगी। पहले से तैनात टीम ने क्षेत्र के दौरे और सर्वेक्षण शुरू कर दिए हैं। केंद्र सरकार के अस्‍पतालों से विशेषज्ञों के तीन दल उत्‍तराखंड सरकार की सहायता के लिए तैनात किए गए हैं। इनमें दो ह्दयरोग विशेषज्ञ, दो मेडिकल विशेषज्ञ और दो मनोचिकित्‍सक हैं। केंद्रीय अस्‍पतालों से औषधियों के तीन ट्रक भेजे गए हैं और ये दवाएं राज्‍य चिकित्‍सा अधिकारियों को सौंप दी गई हैं, ताकि आगे वितरण किया जा सके। क्‍लोरीन की 10 लाख गोलियों की खरीदी गई हैं और राज्‍य के प्रभावित क्षेत्रों में आवश्‍यकता अनुसार वितरित की गई हैं। राज्‍य सरकार की ओर से क्‍लोरीन की 20 लाख गोलियों, 10 टन ब्‍लीचिंग पाउडर और 3 लाख ओआरएस के तीन लाख पैकेटों के लिए अनुरोध प्राप्‍त हुआ है जिस पर अमल किया जा रहा है।
राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अंतर्गत समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) की जिला इकाइयां सभी प्रभावित जिलों में स्‍वास्‍थ्‍य जांच कर रही हैं। प्रारंभिक चेतावनी संकेत मिलने पर हरिद्वार (अल्वालपुर), उत्तरकाशी (उडवी) और रुद्रप्रयाग (चंद्रपुरी) में हैजे के मामलों पर शुरू में ही काबू पा लिया गया है। प्रभावित क्षेत्रों से जल जनित/ भोजन जनित/ वायु जनित या प्रत्‍यक्ष संपर्क से होने वाली किसी बीमारी के फैलने की खबर नहीं मिली है। राष्‍ट्रीय वेक्‍टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम का एक विशेषज्ञ राज्‍य सरकार के साथ तैनात किया गया है, ताकि मच्‍छर जनित बीमारियों के मामलों में सहायता की जा सके।
इंडियन रेडक्रास सोसायटी ने राष्‍ट्रीय मुख्‍यालय से दो सदस्‍यों का एक दल 19 जून, 2013 को उत्‍तरकाशी और एक अन्‍य दल पिथौरागढ़ में तैनात किया था। मुख्‍यालय से एक उच्‍च स्‍तरीय टीम ने भी राज्‍य का दौरा किया है ताकि स्थिति का मूल्‍यांकन किया जा सके और स्‍टेट रेडक्रास यूनिट के साथ राहत कार्यों में समन्‍वय किया जा सके। आईआरसीएस ने 7 ट्रक राहत सामग्री उपलब्‍ध कराई है, जिसमें टेंट, फेमिली पैक, किचन सेट, कंबल, लालटेन आदि शामिल हैं। शवों को भेजने की व्‍यवस्‍था करने के लिए इंडियन रेडक्रास सोसायटी (आईआरसीएस) के माध्‍यम से 1100 बैग उपलब्‍ध कराए गए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने भी अतिरिक्‍त 500 बैग खरीद कर भेजे हैं।

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