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Monday 8 January 2024 01:49:21 PM
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र जयपुर में तीन दिवसीय पुलिस महानिदेशकों एवं महानिरीक्षकों के 58वें अखिल भारतीय सम्मेलन में नए आपराधिक कानूनों के अधिनियमन पर चर्चा करते हुए कहाकि नए कानूनों की आपराधिक न्याय प्रणाली में यह एक आदर्श बदलाव है। उन्होंने कहाकि नए आपराधिक कानून 'नागरिक पहले, गरिमा पहले और न्याय पहले' की भावना केसाथ बनाए गए हैं और पुलिस को अब 'डंडा' केसाथ काम करने के बजाय 'डेटा' केसाथ काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने पुलिस प्रमुखों से नए अधिनियमित कानूनों के पीछे की भावनात्मक भावना को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने केलिए कल्पनाशील ढंग से सोचने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों एवं नए आपराधिक कानूनों केतहत उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा के बारेमें जागरुक करने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने पुलिस से महिला सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि महिलाएं निडर होकर 'कभी भी और कहीं भी' काम कर सकें। प्रधानमंत्री ने नागरिकों में पुलिस की सकारात्मक छवि को सुदृढ़ करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने नागरिकों के लाभ केलिए सकारात्मक जानकारी और संदेश प्रसारित करने केलिए पुलिस स्टेशन स्तर पर सोशल मीडिया के उपयोग की सलाह दी। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं और आपदा राहत पर अग्रिम जानकारी प्रसारित करने केलिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने नागरिक-पुलिस संपर्क को मजबूत करने के तरीके के रूपमें विभिन्न खेल कार्यक्रम आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से स्थानीय आबादी केसाथ बेहतर कनेक्शन स्थापित करने केलिए सीमावर्ती गांवों में रहने का भी आग्रह किया, क्योंकि ये सीमावर्ती गांव भारत के 'पहले गांव' थे।
भारत के पहले सौर मिशन-आदित्य-एल1 की सफलता और भारतीय नौसेना द्वारा अरब सागर में अपहृत जहाज से 21 चालक दल के सदस्यों को तेजीसे बचाने पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसी उपलब्धियां दिखाती हैंकि भारत दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूपमें उभर रहा है। उन्होंने भारतीय नौसेना के सफल ऑपरेशन पर भी गर्व जताया। उन्होंने कहाकि वैश्विक प्रोफ़ाइल में सुधार और देश की बढ़ती राष्ट्रीय ताकत के अनुरूप भारतीय पुलिस को 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने केलिए खुदको एक आधुनिक और विश्वस्तरीय पुलिस बल में बदलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने विशिष्ट सेवाओं केलिए पुलिस पदक भी वितरित किए। सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्यमंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के महानिदेशक/ आईजीएसपी और केंद्रीय पुलिस संगठनों/ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रमुखों ने भाग लिया। हाइब्रिड मोड में आयोजित सम्मेलन में देशभर के विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल हुए थे। सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण घटकों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें नए कानून, आतंकवाद विरोधी रणनीतियां, वामपंथी उग्रवाद, उभरते साइबर खतरे, दुनियाभर में कट्टरवाद विरोधी पहल आदि प्रमुख विषय थे।