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यूके-भारत संबंधों को और मजबूत करने के इच्छुक

भारत के रक्षामंत्री और इंग्लैंड के प्रधानमंत्री की गर्मजोशी भरी मुलाकात

द्विपक्षीय रक्षा आर्थिक सहयोग से संबंधित और कई मुद्दों पर बातचीत

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Thursday 11 January 2024 01:43:28 PM

warm meeting between defense minister of india and prime minister of england

लंदन/ नई दिल्ली। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की डाउनिंग स्ट्रीट लंदन में गर्मजोशीभरी मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहाकि इंग्लैंड और भारत ने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक, बहुआयामी और परस्पर लाभकारी साझेदारी में ढालने और उन्हें फिरसे तैयार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। दोनों नेताओं ने रक्षा, आर्थिक सहयोग से संबंधित मुद्दों और शांतिपूर्ण एवं स्थिर वैश्विक नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करने केलिए मिलकर काम करने पर जोर दिया। राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के मध्य संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, बढ़ी हुई अंतरसंचालनीयता विशेष रूपसे समुद्री क्षेत्र में परस्पर सैन्य संबंधों सहित द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में हाल में हुई वृद्धि का स्मरण किया। उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्र सहित रक्षा औद्योगिक सहयोग में हो रहे मौजूदा प्रयासों पर जोर दिया। रक्षामंत्री ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को इंग्लैंड के रक्षा उद्योग जगत केसाथ हुई अपनी सकारात्मक बातचीत और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में नई सकारात्मक ऊर्जा के बारेमें जानकारी दी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि इंग्लैंड और समान विचारधारा वाले अन्य देशों को शांतिपूर्ण एवं स्थायी वैश्विक नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत बनाने केलिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जिसमें भारत के ठोस उत्थान में भागीदारी भी शामिल है, जिसे मैत्रीपूर्ण सहयोग से अधिक मजबूत, सुदृढ़ करने केसाथ गति प्रदान की जा सकती है। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के मध्य तक विकसित भारत बनने के राष्ट्रीय उद्देश्य की दिशा में 1.4 बिलियन भारतीयों के लक्ष्य का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके प्रयासों से उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं, विकास में लगातार वृद्धि हो रही है, ग़रीबी में लगातार कमी आई है और देश में व्यापार अनुकूल ढांचा स्थापित किया गया है। उन्होंने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर भारत सरकार इंग्लैंड जैसे दोस्तों को नियम आधारित विश्वव्यवस्था मजबूत बनाने केलिए साझेदारी करने केलिए तैयार है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इंग्लैंड-भारत के मिलकर काम करने के सुझाव पर रक्षामंत्री से पूरी तरह सहमत हुए। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि मौजूदा मुक्त व्यापार समझौता वार्ताओं को जल्दही सफल निष्कर्ष पर लाया जा सकता है। ऋषि सुनक ने द्विपक्षीय संबंधों के रक्षा और सुरक्षा स्तंभ को मजबूत करने केलिए अपनी और अपनी सरकार की उत्सुकता पर जोर दिया, जिसमें भारतीय समकक्ष संस्थाओं केसाथ मजबूत व्यापार और प्रौद्योगिकी भागीदारी केलिए सरकार का समर्थन भी शामिल है।
राजनाथ सिंह ने इंग्लैंड के प्रधानमंत्री को श्रीराम दरबार की मूर्ति उपहार में दी। इस दौरान इंग्लैंड के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर टिम बैरो भी मौजूद थे। रक्षामंत्री ने इससे पहले विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में ब्रिटेन के विदेश मंत्री लॉर्ड डेविड कैमरन से भी मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने भारत-इंग्लैंड भागीदारी की नई गति और दिशा की प्रशंसा की, जो विभिन्न स्तरों पर व्यापक जुड़ाव का प्रतीक है। राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय स्टार्टअप स्तर की बातचीत करने के महत्व और उन संयुक्त परियोजनाओं की पहचान और विचार-विमर्श पर जोर दिया, जिन्हें भारत-इंग्लैंड एकसाथ लागू कर सकते हैं। लॉर्ड डेविड कैमरन ने रक्षा क्षेत्रों विशेष रूपसे रक्षा औद्योगिक सहयोग के क्षेत्र में भारत केसाथ सहयोग करने की इंग्लैंड सरकार की इच्छा को दोहराया, यह एक ऐसा माध्यम है, जिससे इंग्लैंड नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था केलिए समर्थन को मजबूत बनाने की आशा करता है। इसके बाद रक्षामंत्री ने इंडिया हाउस लंदन में भारतीय समुदाय से मिले, जिसमें भारतीय मूल के 160 से अधिक प्रमुख व्यक्ति, द्वितीय विश्वयुद्ध के दिग्गजों के कुछ परिजन सहित कई पूर्व भारतीय सैनिक भी उपस्थित थे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन यात्रा के अंतिम दिन लंदन ट्रिनिटी हाउस में आयोजित कार्यक्रम में ब्रिटेन के शीर्ष रक्षा उद्योग कारोबारियों तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मिले। राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन-भारत रक्षा उद्योग मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोलमेज सम्मेलन की सह अध्यक्षता ब्रिटिश समकक्ष ग्रांट शाप्स केसाथ की, जिसमें बड़ी संख्या में ब्रिटेन के रक्षा उद्योग से आनेवाले मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष तथा सीआईआई इंडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व करने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों में बीएई सिस्टम्स, जीई वर्नोवा, जेम्स फिशर डिफेंस, लियोनार्डो एसपीए, मार्टिन बेकर एयरक्राफ्ट कंपनी लिमिटेड, एसएएबी यूके, थेल्स यूके, अल्ट्रा-मैरीटाइम रोल्स-रॉयस, एडीएस ग्रुप और एमबीडीए यूके शामिल थे। बैठक में ब्रिटेन के रक्षा खरीद राज्यमंत्री जेम्स कार्टिल्ज भी उपस्थित थे। गोलमेज सम्मेलन के दौरान भारत और ब्रिटेन के मध्य रक्षा औद्योगिक संबंधों को मजबूत बनाने पर भी विषयगत चर्चा की गई। रक्षामंत्री ने ब्रिटेन से निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग मिलने का स्वागत किया। उन्होंने कहाकि भारत कुशल मानव संसाधन आधार, एक सशक्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहयोग, व्यापार समर्थक पारिस्थितिकी तंत्र तथा एक विशाल घरेलू बाजार केसाथ तत्पर है।
राजनाथ सिंह ने भारत और ब्रिटेन के संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहाकि हमारी आपसी शक्तियों का समन्वय करके हम एकसाथ महान कार्य कर सकते हैं। ब्रिटेन के मंत्री ग्रांट शाप्स भारत और ब्रिटेन केबीच पारस्परिक, लाभदायक एवं आंतरिक साझेदारी के संबंध में राजनाथ सिंह के बयान से सहमत हुए। ग्रांट शाप्स ने कहाकि ये पारस्परिक, लाभदायक एवं आंतरिक साझेदारी संबंध सामान्य खरीदार-विक्रेता संबंधों से ऊपर हैं और हमारे बीच मूलरूप से एक रणनीतिक सहभागिता है। ब्रिटेन से उद्योग जगत के कारोबारियों ने भारत केलिए अपनी वर्तमान एवं भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। संयुक्त रूपसे कार्य करने के कुछ मुख्य क्षेत्रों के रूपमें एयरो-इंजन, इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन, मिसाइल, पावर-पैक और समुद्री प्रणालियों की पहचान की गई। रक्षामंत्री ने भारत और भारतीय कंपनियों केसाथ काम करने को लेकर ब्रिटेन के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों एवं प्रमुख कारोबारियों की सकारात्मकता तथा उत्साह पर अपने विचार साझा किए।
भारत और ब्रिटेन केबीच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, इनमें द्विपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय कैडेट विनिमय कार्यक्रम के संचालन पर समझौता वहीं, दूसरा समझौता अनुसंधान एवं विकास में रक्षा सहयोग पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की सहायता से और ब्रिटेन की रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला की सहभागिता हेतु एक व्यवस्था पत्र पर किया गया है। रक्षामंत्री ने टैविस्टॉक स्क्वायर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने लंदन में आंबेडकर हाउस का भी दौरा किया और बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। आंबेडकर हाउस बाबासाहेब का वह घर था, जिसमें वे 1921 और 1922 केबीच रहे थे, उस समय वे ग्रे इन में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र केलिए डिग्री और कानून की डिग्री हासिल कर रहे थे। रक्षामंत्री ने बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आगंतुक पुस्तिका संदेश में लिखाकि हमारे गणतंत्र के मार्गदर्शक भारतीय संविधान के निर्माता के स्मारक पर जाना एक स्मरणीय अनुभव है। राजनाथ सिंह नेस्डेन में श्रीस्वामीनारायण मंदिर भी गए। रक्षामंत्री ने ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल तथा विकास मामलों के मंत्री डेविड कैमरन से भी भेंट की।

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