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Saturday 13 January 2024 06:03:45 PM
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पाकर श्रद्धा का भाव प्रकट करते हुए साझा कियाकि श्रीराम की कल्पना, रामराज्य की कल्पना भारत के संविधान में निहित है, संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा। उन्होंने कहाकि संविधान में जो बीस से ज्यादा चित्र हैं, उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो ऊपर चित्र हैं, उसमें श्रीराम-लक्ष्मण-सीता हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि मुझे बहुत पीड़ा होती है, जब कोई अज्ञानी इतिहास से अनभिज्ञ हलफनामा दे देते हैंकि श्रीराम काल्पनिक हैं, वह वर्तमान में किसीका अनादर नहीं कर रहे हैं, वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कररहे हैं, जिन्होंने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से उन चित्रों को संविधान में रखा है। उन्होंने कहाकि समाज तभी स्वस्थ रहेगा, जब समाज के सभी अंग एकसाथ रहेंगे, हमारी संस्कृति यही कहती हैकि सब मिलकर काम करो एकजुटता से रहो।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि जो लोग समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं, राजनीतिक फायदे केलिए जहर फैलाना चाहते हैं, वे ही 35 बनाम 1 की बात करते हैं, 20 बनाम 10 की बात करते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि ऐसे लोग समाज के दुश्मन ही नहीं, बल्कि खुदके भी दुश्मन हैं और उनका आचरण अमर्यादित ही नहीं घातक है। उन्होंने लोगों से अनुरोध कियाकि ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की दरकार नहीं है, क्योंकि वह अपने हैं, उनको जागरुक करने की दरकार है, उनको समझाने, सही रास्ते पर लाने की दरकार है और यह काम संस्थागत तरीके से नहीं अपने पड़ोस में होना चाहिए, अपने समाज में होना चाहिए, जिस वर्ग से हम जुड़े हुए हैं, वहां होना चाहिए। उन्होंने आह्वान कियाकि हम सबका परमकर्तव्य हैकि समाज को जोड़ने का कार्य करें। उपराष्ट्रपति आज जयपुर में इलेक्ट्रो होम्योपैथी सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राजस्थान के नए नेतृत्व केप्रति विश्वास जतायाकि राजस्थान प्रगति में देश का सर्वोच्च राज्य होगा।
जगदीप धनखड़ ने इस अवसर पर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा केसाथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए बतायाकि मैं पिछले साल सितंबर में धन्ना भगत जाट की जन्मस्थली चौरू धाम दूदू जाना चाहता था पर राजस्थान की तत्कालीन सरकार ने कह दियाकि यहांपर हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाएगा। स्वाभाविक हैकि लोग चाहते हैंकि जब अपनों में से कोई ऊपर जाता है तो हम उसका स्वागत भी करें और अपेक्षा भी रखते हैं, तब प्रेमचंद बैरवा के सुझाव पर एक किसान रामूलाल भामू ने जिलाधीश को लिखकर दियाकि मेरा खेत ले लो, जिसमें तीनों हेलीकॉप्टर एकसाथ उतर सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने लोगों से आग्रह कियाकि वे भारतीयता और राष्ट्रवाद केलिए प्रतिबद्ध रहें, राष्ट्रहित सदैव सर्वोपरि रहना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत का लोहा तो आज विकसित देश भी मान रहे हैं, भारतीय मेधा और प्रतिभा आज हर अंतर्राष्ट्रीय संस्था और विश्व की हर बड़ी कंपनी के उच्च पदों पर आसीन है। उन्होंने कहाकि आज हम विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, कुछ वर्ष में हम जापान और जर्मनी से भी आगे विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। उन्होंने कहाकि भारत कभी किसीको पीछे नहीं छोड़ता, वह महज अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ता जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के सामाजिक सशक्तिकरण और विकास की दिशा में किए गए प्रयासों की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि जब प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से स्वच्छता और शौचालय का आह्वान करते हैं तो देश का मानस और मानसिकता बदलती है। उन्होंने कहाकि 140 करोड़ लोगों के देश में 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण, 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को रसोई के धुएं से मुक्ति दी गई है। जगदीप धनखड़ ने कहाकि संसार का सबसे व्यापक स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम आयुष्मान भारत चलाया जारहा है। उपराष्ट्रपति ने लोगों से आग्रह कियाकि वे आयुर्वेद को अपनाएं। उन्होंने सरकार द्वारा औषधीय वनस्पतियों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने केलिए नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की स्थापना को सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहाकि आयुर्वेद की तरह इलेक्ट्रो होम्योपैथी भी औषधीय वनस्पतियों के रस पर आधारित है। उन्होंने किसानों से आग्रह कियाकि वे युवाओं को कृषि और कृषि संबंधित व्यवसाय अपनाने केलिए प्रोत्साहित करें। उपराष्ट्रपति ने कहाकि इलेक्ट्रो होम्योपैथी को राजस्थान सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है, अन्य राज्य भी इलेक्ट्रो होम्योपैथी का अनुमोदन करें। उन्होंने इलेक्ट्रो होमोयोपैथी के अभ्यासियों और संसद की स्वास्थ्य संबंधी समिति केबीच बैठक का प्रस्ताव रखा।
उपराष्ट्रपति ने आधुनिक जीवनशैली के कारण हो रही बीमारियों की रोकथाम में आयुर्वेद जैसी वैकल्पिक पारंपरिक चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उपराष्ट्रपति ने व्यवसायियों और उद्योगों से आर्थिक राष्ट्रवाद अपनाने का आह्वान किया और इसके लिए तीन मंत्र भी दिए। उपराष्ट्रपति ने कहाकि जब विदेशों में निर्मित दिए और खिलौने आयात किए जाते हैं तो हम देश के शिल्पियों के हाथ से अवसर छीन लेते हैं। उन्होंने उद्योग जगत से कहाकि वे देश की प्रगति केलिए सिर्फ अपरिहार्य सामान का ही आयात करें। उपराष्ट्रपति ने देश से कच्चे माल के निर्यात पर टिप्पणी करते हुए कहाकि हम कच्चे माल की जगह वर्धित मूल्य सामान का निर्यात करें, जिसके निर्माण में देश के कामगारों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद्र बैरवा, चुरू के सांसद राहुल कास्वां, पदाधिकारी और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।