स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 14 January 2024 02:18:37 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पोंगल पर्व पर नई दिल्ली में केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन के आवास पर आयोजित पोंगल समारोह में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि पोंगल के पवित्र दिन तमिलनाडु के हर घर से पोंगल धारा का प्रवाह होता है, मेरी कामना है उसी तरह सभीके जीवन में भी सुख, समृद्धि और संतोष की धारा का प्रवाह निरंतर होता रहे। उन्होंने कहाकि कल ही देश ने लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया है, कुछ लोग आज मकर संक्रांति-उत्तरायण मना रहे हैं, कुछ लोग शायद कल मनाएंगे, माघ बिहू भी बस आने ही वाला है, मैं इन सभी पर्वों की देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहाकि पोंगल समारोह में मुझे मेरे कई परिचित चेहरे नज़र आ रहे है, पिछले साल भी हमसब तमिल पुथांडु पर यहां मिल चुके हैं और मैं एल मुरुगन को धन्यवाद देता हूंकि उन्होंने मुझे इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनने का अवसर दिया, ये ऐसा है जैसे मैं अपने परिवार और दोस्तों केसाथ कोई उत्सव मना रहा हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पोंगल के अवसर पर तमिल महिलाएं अपने घर के बाहर कोलम बनाती हैं, सबसे पहले वो आटे का इस्तेमाल करके जमीन पर कई डॉट्स बनाती हैं और एक बार जब सारे डॉट्स बन जाते हैं तो हर एक का एक अलग महत्व होता है, ये तस्वीर ही मन लुभाने वाली होती है, लेकिन कोलम का असली रूप तब और वैभवशाली हो जाता है, जब ये सभी डॉट्स मिला दिए जाते हैं और बड़ी कलाकृति बनाकर इसमें रंग भरा जाता है। उन्होंने कहाकि हमारा देश और इसकी विविधता भी कोलम के जैसी है, जब देश का कोना-कोना एक दूसरे से भावनात्मक रूपसे जुड़ता है तो हमारी शक्ति एक अलग रूप दिखाती है। उन्होंने कहाकि पोंगल का पर्व भी एक ऐसा ही पर्व है, जो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की राष्ट्र भावना को दर्शाता है, बीते समय में काशी-तमिल संगमम और सौराष्ट्र तमिल संगमम अत्यंत महत्वपूर्ण परंपरा शुरू हुई है और उसमें भी ये भाव प्रकट होता है, ये भावना दिखती है। इन सभी आयोजनों में बहुत बड़ी संख्या में हमारे तमिल भाई-बहन उत्साह से हिस्सा लेते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि एकता की यही भावना 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की सबसे बड़ी शक्ति है, सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहाकि आपको याद होगा लाल किले से मैंने जिन पंच प्राण का आह्वान किया है, उनका प्रमुख तत्व देश की एकता को ऊर्जा देना है, देश की एकता को मजबूत करना है। उन्होंने कहाकि पोंगल के इस पावन पर्व पर हमें देश की एकता को सशक्त करने का संकल्प दोहराना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि संत तिरुवल्लूवर ने कहा है-तळ्ळा विळैयुळुम् तक्कारुम् ताळ्विला चेव्वरुम् सेर्वदु नाडु यानी अच्छी फसल, पढ़े लिखे व्यक्ति और ईमानदार व्यापारी ये तीनों मिलकर राष्ट्र निर्माण करते हैं। तिरुवल्लूवरजी ने पॉलिटिशियन का उल्लेख नहीं किया है, ये हम सबको संदेश है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पोंगल पर्व में ताजी फसल को भगवान के चरणों में समर्पित करने की परंपरा है, इस उत्सव परंपरा के केंद्र में हमारे अन्नदाता, हमारे किसान हैं और वैसे भी भारत का हर त्योहार किसी न किसी रूपमें गांव, किसानी और फसल से जुड़ा हुआ होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मुझे याद हैकि पिछली बार हमने इस बारेमें भी चर्चा की थीकि कैसे हमारे मिलेट्स या श्री अन्न तमिल संस्कृति से जुड़े हुए हैं, मुझे खुशी हैकि इस सुपरफूड को लेकर देश और दुनिया में एक नई जागृति आई है, हमारे बहुत से नौजवान मिलेट्स-श्री अन्न को लेकर नए स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं और ये स्टार्टअप्स आज बहुत पॉपुलर हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि श्री अन्न के उत्पादन से हमारे देश के तीन करोड़ से अधिक छोटे किसान जुड़े हुए हैं, हम श्री अन्न को प्रमोट करते हैं तो सीधे-सीधे तीन करोड़ किसानों का भला होता है। उन्होंने कहाकि आज यहां बहुत से जाने-माने कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी हैं, ये सभी कलाकार राजधानी दिल्ली में तमिलनाडु को जीवंत बनाने वाले हैं। उन्होंने कहाकि कुछ पल हमें तमिल जीने का मौका मिला ये भी एक सौभाग्य है। प्रधानमंत्री ने सभी कलाकारों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं दीं और एम मुरगन का भी धन्यवाद किया। पोंगल समारोह में कई केंद्रीय मंत्री और पुडुचेरी की उपराज्यपाल और तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन भी मौजूद थीं।