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Sunday 14 January 2024 04:07:37 PM
कानपुर। भारतीय सशस्त्र बल के पूर्व सैनिकों को उनके कर्तव्य और बलिदान का सम्मान करने और उनके परिजनों केप्रति लगाव को मजबूत करने केलिए आज देशभर में कई स्थानों पर 8वां सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया गया। श्रीनगर, पठानकोट, दिल्ली, कानपुर, अलवर, जोधपुर, गुवाहाटी, मुंबई, सिकंदराबाद, कोच्चि और कई अन्य स्थानों पर पुष्पांजलि समारोह हुए और रैलियां निकाली गईं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना स्टेशन कानपुर में भूतपूर्व सैनिकों की रैली को संबोधित किया। इसमें लगभग 1,000 पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। रक्षामंत्री ने उनसे बातचीत की और मातृभूमि की सेवा केलिए उनके प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
गौरतलब हैकि सशस्त्र बल के पहले कमांडर इन चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा की राष्ट्रसेवा को मान्यता देने केलिए हर साल 14 जनवरी को सशस्त्र बल वयोवृद्ध दिवस मनाया जाता है। जनरल केएम करियप्पा 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। यह दिवस पहलीबार 2016 में मनाया गया था, तबसे इसे हरसाल पूर्व सैनिकों के सम्मान में इंटरैक्टिव कार्यक्रमों की मेजबानी करके मनाया जाता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों की देश एवं नागरिकों केप्रति अनुकरणीय सुरक्षा सेवा का उल्लेख करते हुए कहाकि हर भारतीय के दिल में सैनिक विशेष स्थान रखते हैं, हमारे सैनिक परिवार, जाति और पंथ से ऊपर हैं और केवल राष्ट्र के बारेमें सोचते हैं, वे अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाते हैं, क्योंकि वे इस तथ्य को जानते हैंकि यदि राष्ट्र सुरक्षित है तो सबकुछ सुरक्षित है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण केलिए रक्षा मंत्रालय की अटूट प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहाकि वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और पुन: रोज़गार प्रदान करने तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार काम कर रही है, उनकी भलाई सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने कहाकि जहां सरकार देश की प्रगति के और अधिक प्रयास कर रही है, वहीं लोगों की भी यह सामूहिक जिम्मेदारी हैकि वे सैनिकों और उनके आश्रितों को अपने परिवार की तरह मानें और सुनिश्चित करेंकि वे हमेशा उनके साथ खड़े रहें। उन्होंने लोगों से सेवानिवृत्त और सेवारत सैनिकों का सम्मान करने की अपनी इच्छाशक्ति को और मजबूत करने की अपील की। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय सैनिकों की बहादुरी, अखंडता, पेशेवर और मानवता का न केवल पूरा देश, बल्कि दुनिया सम्मान और मान्यता रखती है।
राजनाथ सिंह ने कहाकि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में लड़ने वाले हमारे सैनिकों की बहादुरी को दुनियाभर में सम्मान केसाथ याद किया जाता है और हम भारतीय भी न सिर्फ अपने बल्कि दूसरे देशों के सैनिकों का भी सम्मान करते हैं। रक्षामंत्री ने उल्लेख कियाकि भारत-पाकिस्तान केबीच 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 90,000 से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था, हम उनके साथ जैसा चाहते वैसा व्यवहार कर सकते थे, लेकिन हमारी संस्कृति और परंपरा ऐसी हैकि हमने शत्रु सैनिकों से पूरी तरहसे मानवीय रवैया अपनाया और उन्हें पूरे सम्मान केसाथ उनके देश वापस भेज दिया। उन्होंने कहाकि दुश्मन सैनिकों केसाथ भारतीय सेना का ऐसा व्यवहार मानवता के सुनहरे अध्यायों में से एक है। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पितकर शहीदों को उनके सर्वोच्च बलिदान और समर्पित सेवा केलिए श्रद्धांजलि अर्पित की। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ मेंटेनेंस कमांड एयर मार्शल विभास पांडे और एयर ऑफिसर कमांडिंग एयर फोर्स स्टेशन कानपुर एयर कमोडोर एमके प्रवीण भी इस दौरान उपस्थित थे।