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Thursday 18 January 2024 05:12:32 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से आज राष्ट्रपति भवन में उन महिलाओं के एक समूह ने मुलाकात की, जो प्रमुख स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न की संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का 'राष्ट्रपति जनता केसाथ' पहल के अंतर्गत इस मुलाकात का उद्देश्य जनता केसाथ गहरा संबंध स्थापित करना और उनके योगदान को मान्यता देना है। राष्ट्रपति ने महिला उद्यमियों केसाथ बातचीत में कहाकि उन्होंने भारतीय कारोबारी माहौल को परिवर्तित कर दिया है, उद्यमियों के रूपमें उनकी यात्रा और उपलब्धियां लोगों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं केलिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहाकि टेक स्टार्ट-अप से लेकर सामाजिक उद्यमों तक उनके कार्य ने उद्यमिता की दुनिया में भारतीय महिलाओं की क्षमताओं के विविध आयामों में एक प्रभावशाली अभिज्ञान प्रदान किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि महिला उद्यमियों का योगदान आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, उन्होंने पारंपरिक बाधाओं को तोड़ा है और भावी पीढ़ियों केलिए सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया है, वे एक समावेशी आर्थिक भविष्य की निर्माता हैं, जिसमें प्रगति का मार्ग लैंगिक आधार पर नहीं, बल्कि प्रतिभा और महत्वाकांक्षा के आधार पर प्रशस्त होता है। राष्ट्रपति ने कहाकि वे केवल बिजनेस लीडर ही नहीं हैं, बल्कि परिवर्तन की अग्रदूत भी हैं, वे उन लाखों युवा महिलाओं केलिए आदर्श हैं, जो अपनी प्रगति और विकास का सपना देखने का साहस करती हैं। राष्ट्रपति ने महिला उद्यमियों से आग्रह कियाकि वे ऐसीही अन्य उद्यमशील महिलाओं की पहचान करें और उनकी सशक्तिकरण की यात्रा में उनका समर्थन करने के नए तरीकों के बारेमें भी ध्यान दें। उन्होंने कहाकि ऐसी कई महिलाएं हैं, जो आर्थिक रूपसे स्वतंत्र होने का सपना देखती हैं, लेकिन ये नहीं जानतीकि इस लक्ष्य को हासिल करने केलिए उन्हें कौन सा रास्ता अपनाना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमें एक ऐसे भारत के निर्माण केलिए मिलकर काम करने का संकल्प लेना चाहिए, जहां प्रत्येक महिला सशक्त हो और प्रत्येक युवा महिला अपने सपनों को साकार करने केलिए आत्मविश्वास केसाथ आगे बढ़े। उन्होंने कहाकि स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम को हमारे युवाओं की क्षमता का लाभ उठाने और देश में उद्यमशीलता के माहौल को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। उन्होंने इस कार्यक्रम के उद्देश्य को हासिल करने में दिए गए अमूल्य योगदान की सराहना की। उन्होंने कहाकि उनके जैसे युवाओं के नवाचारी प्रयासों के कारण आज भारत लगभग 1,17,000 स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न केसाथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बन गया है। उन्होंने कहाकि युवाओं की सफलता से विकास की एक लहर पैदा होनी चाहिए, ताकि हम देश के सभी हिस्सों से ऐसी ही सफलता की कई कहानियां सुन सकें।