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Thursday 18 January 2024 05:59:16 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से आए आदिवासी छात्र-छात्राओं से उपराष्ट्रपति निवास पर मुलाकात में उनसे कहा हैकि आदिवासी हमारे देश की शान हैं और मैं आपको यही कहूंगाकि आप इस देश के मालिक हैं, आप जमीन से जितना जुड़े हुए हैं और कोई नहीं जुड़ा हुआ है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि जनजाति की ताकत को यदि समझना है, इसके महत्व को समझना है, इसकी प्रतिभा को समझना है तो राष्ट्रपति भवन चले जाइए। जनजाति महिला द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति हैं और आज जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, सबसे जीवंत लोकतंत्र है, अप्रत्याशित प्रगति की ओर चल रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि आजका भारत बदल गया है और यही कारण हैकि भारत के तीन सर्वोच्च पद नंबर एक पर ट्राइबल महिला हैं, नंबर दो पर किसान पुत्र है और नंबर तीन पर है अन्य पिछड़ा वर्ग से एवं दुनिया में क्रांति भारत की वजह से आ रही है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने वकालत के दिनों का जिक्र करते हुए छात्र-छात्राओं को बतायाकि उनका छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा और कर्नाटक में धरवाड़ जैसी जगहों पर बहुत आना जाना रहा था, इन जगहों की एक खास बात हैकि ईश्वर ने इनपर बड़ी कृपा की है और ये नेचुरल रिसोर्सेस से भरपूर हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि 2014 में एक बदलाव आया और भारत के प्रधानमंत्री ने जोर दियाकि इन इलाकों की पहचान खनन से नहीं होनी चाहिए, बल्कि वहां के प्रतिभाशाली लोगों से होनी चाहिए। जगदीप धनखड़ ने कहाकि भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है, जो हमें प्रेरणा देता है और दुनिया को भी पता लग गया हैकि वह कौन हैं। उन्होंने कहाकि आज भारत अमृतकाल में है और दुनिया हमारी प्रगति को देखकर आश्चर्यचकित है।
उपराष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं से आह्वान कियाकि 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल का पर्व मनाएगा, उसके कर्णधार आप हैं, उसके योद्धा आप हैं, आपके सबल कंधों पर ही विकसित भारत का निर्माण होगा। छात्र-छात्राओं को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि सदा स्वस्थ रहें, स्वस्थ सोचे, बिल्कुल नहीं डरे। उन्होंने कहाकि कई बार हम लोग गांव से आते हैं तो हमें डर लग जाता है शहर की चमक दमक से। उन्होंने कहाकि मत डरिए, क्योंकि शहरों में भी ताकत ग्रामीण की ही है, ट्राइबल की ही है। उपराष्ट्रपति से भेंट केबाद छात्र-छात्राओं ने संसद का भ्रमण किया। इस अवसर पर डॉ सुदेश धनखड़, राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी, उपराष्ट्रपति के सचिव सुनील गुप्ता, राज्यसभा के सचिव रजित पुन्हानी, अवर सचिव वंदना कुमार और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। गौरतलब हैकि छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के आदिवासी छात्र-छात्राओं ने जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम केतहत संसद भ्रमण किया और उपराष्ट्रपति से भेंट की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले 15 वर्ष से जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम का संचालन युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केंद्र संगठन के माध्यम से कर रहा है। इसमें दूर-दराज के व उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के जनजातीय युवक-युवतियों को देशभर के प्रमुख शहरों में भ्रमण पर लेकर जाते हैं। कार्यक्रम के उद्देश्य प्रमुखतः आदिवासी युवाओं की आकांक्षा बढ़ाना, उन्हें देश के विकास गतिविधियों, योजनाओं व रोज़गार के अवसरों से अवगत कराना और देश के दूसरे भागों के युवाओं से मिलवाना है। इस कार्यक्रम में 2006-07 से 2022-23 तक 25,880 आदिवासी युवक-युवतियां भाग ले चुकी हैं। इस वर्ष देशभर के 25 प्रमुख शहरों में कार्यक्रम हो रहे हैं एवं प्रत्येक कार्यक्रम में 200 प्रतिभागी होते हैं। गुरुग्राम (हरियाणा) में भी एक कार्यक्रम 15 से 21 जनवरी 2024 तक हो रहा है। इसमें भाग ले रहे छात्र-छात्राएं ही आज उपराष्ट्रपति से मिले हैं। छ्त्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकुमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और राजनंदगांव से 140 प्रतिभागी हैं, जबकि 60 प्रतिभागी मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से हैं।