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Tuesday 23 January 2024 02:13:24 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशभर से बहादुरी, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, समाजसेवा, खेल, कला और संस्कृति में अद्भुत क्षमता और उपलब्धियां अर्जित करने वाले 19 बच्चों को समारोहपूर्वक प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने बच्चों को अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहाकि उन्हें बच्चों केबीच उपस्थित होकर प्रसन्नता है और यह पुरस्कार समारोह बच्चों की अद्भुत क्षमता और प्रतिभा को प्रोत्साहित करने का अवसर है, यह उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनाने का अवसर भी है, सभी पुरस्कार विजेता बच्चों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि इसवर्ष के राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता 18 राज्यों से हैं, सबसे कम उम्र के पुरस्कार विजेता मास्टर अरमान उभरानी हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ का वंडर बॉय और गूगल मैथ बॉय कहा जाता है, अनुष्का है, जो चार साल की कम उम्र सेही कहानियां सुनाने में कुशल है, यह छोटीसी प्रतिभाशाली बच्ची अपनी कथाओं से हमारे जीवन मूल्यों को लोगों तक पहुंचा रही है। जम्मू-कश्मीर के इशफाक़ हामिद रबाब बजाने जैसी दुर्लभ हो रही कला को बढ़ावा दे रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि यह बहुतही प्रसन्नता की बात हैकि पुरस्कृत सभी बालक-बालिकाएं अपने-अपने क्षेत्र में बहुतही अच्छा काम कर रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उन्हें खुशी हैकि इस वर्ष के पुरस्कारों में जहां बहादुरी, कला और संस्कृति, समाज सेवा और खेल जैसी श्रेणियां हैं, वहीं विज्ञान और प्रौद्योगिकी और नवाचार को भी स्थान दिया गया है। राष्ट्रपति ने पुरस्कार श्रेणियों को समय की मांग के अनुसार अपडेट करने केलिए केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी पूरी टीम की प्रशंसा की। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमारे बच्चों में बहुमुखी प्रतिभा है, उनमें समर्पण और कड़ी मेहनत से अपनी पहचान बनाने की अपार क्षमता है, उन्हें सही दिशा दिखाना हमारा कर्तव्य है, जिससे वे अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का सही उपयोग कर सकें। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत केपास बड़ी संख्या में युवाओं के रूपमें अमूल्य संसाधन है, यह संसाधन न केवल भारत, बल्कि विश्वभर की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहाकि हमें अपने युवाओं को प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिये सक्षम बनाना होगा, उन्हें नवाचार और उद्यमिता केलिए प्रोत्साहित करना होगा, तभी वे इस तेजीसे बदलती दुनिया में अपना सही स्थान बना पाएंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आजकल बच्चे तकनीक कुशल हैं, वे अपनी शिक्षा केलिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन तकनीक का प्राय: दुरुपयोग भी होता है, डीप फेक, वित्तीय धोखाधड़ी, बच्चों का शोषण जैसे कई अपराध तकनीक के जरिये किए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि सोशल मीडिया किसीभी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने और लोगों केबीच जागरुकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम है, लेकिन इसका दुरुपयोग अफवाहें फैलाने में भी किया जारहा है। उन्होंने बच्चों को सतर्क रहने और गलत कामों से दूर रहने की सलाह दी, क्योंकि एक गलत कदम उनके भविष्य को खतरे में डाल सकता है। राष्ट्रपति ने कहाकि युवा पीढ़ी में शारीरिक गतिविधियां कम हो रही हैं। उन्होंने कहाकि कम शारीरिक गतिविधियों के कारण कई बीमारियां जो बच्चों और युवाओं में बहुत कम होती थीं, आज बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने युवाओं से कम से कम एक खेल सीखने और उसमें भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहाकि वे भलेही खेल को करियर के रूपमें नहीं अपनाएं, लेकिन खेल उन्हें शारीरिक और मानसिक रूपसे स्वस्थ रखता है, इससे उनमें टीम भावना विकसित होती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि बच्चे और युवा हमारे देश के भविष्य के अगुआ हैं, उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रदान करने केसाथ-साथ भारतीय संस्कृति एवं जीवन मूल्यों से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए कहाकि यह एक ऐतिहासिक दिन है, धीरज रखना, बड़ों का सम्मान करना, छोटों को प्यार देना, सबको साथ लेकर चलना, संकट के समय साहस से काम लेना, मर्यादा का हमेशा ध्यान रखना और सबकी भलाई केलिए काम करना, यह सब भगवान श्रीराम के आदर्श हैं, हमें भगवान श्रीराम के आदर्शों और रामायण में वर्णित जीवन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। राष्ट्रपति ने बच्चों से कहाकि वर्ष 2047 में जब देशवासी आज़ादी की शताब्दी का उत्सव मनाएंगे, तब आप महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे होंगे। उन्होंने कहाकि वर्ष 2047 का भारत न केवल आर्थिक रूपसे विकसित हो, बल्कि अपने आदर्शों से भी दुनिया को राह दिखाए, यह आप सबका प्रयास होना चाहिए, आपके कार्यों से भारत की तरक्की में तेजी आए, मैं यही मंगलकामना करती हूं।