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Tuesday 30 January 2024 04:59:06 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की भारत में हिम तेंदुओं की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है, जो भारत में हिम तेंदुए की आबादी का आकलन कार्यक्रम पहला वैज्ञानिक प्रयास है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में हिम तेंदुए की संख्या 718 है। भारतीय वन्यजीव संस्थान हिम तेंदुए की आबादी का आकलन कार्यक्रम केलिए राष्ट्रीय समन्वयक है। इस कार्यक्रम को सभी हिम तेंदुआ रेंज वाले राज्यों और दो संरक्षण भागीदारों-नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन मैसूर और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सहयोग से किया गया था। एसपीएआई ने व्यवस्थित रूपसे देश में संभावित हिम तेंदुए की 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र को शामिल किया, जिसमें वन और वन्यजीव कर्मचारी, शोधकर्ता, स्वयंसेवक और ज्ञान भागीदारों का योगदान शामिल था।
केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों सहित ट्रांस हिमालयी इलाके में लगभग 120000 किलोमीटर क्षेत्र को शामिल करते हुए एसपीएआई का यह कार्यक्रम 2019 से 2023 तक दो चरणों में चलाया गया था। पहले चरण में हिम तेंदुए के स्थानिक विवरण का मूल्यांकन करना, उनके निवास स्थान पर सहवास विश्लेषण करना और 2019 में पर्यावरण वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा भारत में हिम तेंदुओं की राष्ट्रीय जनसंख्या मूल्यांकन के दिशानिर्देशों के अनुरूप इनकी आबादी का पता करना शामिल है। यह व्यवस्थित दृष्टिकोण संभावित रेंज में अधिभोग आधारित नमूना दृष्टिकोण के माध्यम से तेंदुए के स्थानिक विवरण का आकलन करना शामिल है। दूसरे चरण में प्रत्येक चिन्हित स्तरीकृत क्षेत्र में कैमरा ट्रैप का उपयोग करके हिम तेंदुए की बहुतायत का अनुमान लगाया गया।
एसपीएआई के इस कार्यक्रम के दौरान हिम तेंदुए के संकेतों को रिकॉर्ड करने केलिए 13450 किलोमीटर क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया, जबकि 180000 ट्रैप रातों केलिए 1971 स्थानों पर कैमरा ट्रैप तैनात किए गए थे। हिम तेंदुए का निवास 93392 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में दर्ज किया गया था, इनकी अनुमानित उपस्थिति 100841 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पाई गई। हिम तेंदुओं की कुल 241 अद्वितीय तस्वीरें खींची गईं। डेटा विश्लेषण के आधार पर विभिन्न राज्यों में इनकी अनुमानित संख्या लद्दाख में 477, उत्तराखंड में 124, हिमाचल प्रदेश में 51, अरुणाचल प्रदेश में 36, सिक्किम में 21 और जम्मू कश्मीर में 9 है। हाल के वर्ष तक इस प्रजाति की व्यापक राष्ट्रव्यापी मूल्यांकन की कमी के कारण भारत में हिम तेंदुए की रेंज अपरिभाषित थी, 2016 से पहले इनकी रेंज के लगभग एक तिहाई (लगभग 100347 वर्ग किलोमीटर) क्षेत्र पर शोध में सबसे कम ध्यान दिया गया, जोकि लद्दाख, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे इलाकों में घटकर केवल 5 प्रतिशत रह गया था। हाल के स्थिति सर्वेक्षणों में 2016 में 56 प्रतिशत की तुलना में 80 प्रतिशत रेंज (लगभग 79745 वर्ग किलोमीटर) को लेकर प्रारंभिक जानकारी मिलती है।
हिम तेंदुए की संख्या पर जानकारी इकट्ठा करने केलिए एसपीएआई ने कैमरे के एक बड़े नेटवर्क का उपयोग करके हिम तेंदुओं के आवासों का सर्वेक्षण किया। इस रिपोर्ट में बताया गया हैकि पर्यावरण वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय केतहत डब्ल्यूआईआई में एक समर्पित हिम तेंदुआ प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसका प्राथमिक ध्यान अच्छी तरह से तैयार किए गए अध्ययन डिजाइन और लगातार क्षेत्र सर्वेक्षण की मदद से इसकी दीर्घकालिक आबादी निगरानी पर होगा। हिम तेंदुओं का लंबे समय तक अस्तित्व बनाए रखने केलिए लगातार निगरानी की जरूरत है, इसके लिए राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हिम तेंदुए की रेंज में आवधिक जनसंख्या आकलन दृष्टिकोण (प्रत्येक चौथे वर्ष) अपनाने पर विचार कर सकते हैं। ये नियमित मूल्यांकन चुनौतियों की पहचान करने, खतरों से निपटने और प्रभावी संरक्षण रणनीतियों को तैयार करने केलिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे।