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Saturday 3 February 2024 01:00:16 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम नई दिल्ली में भारत की सबसे बड़ी और अपनी तरह की पहली गतिशीलता प्रदर्शनी भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो-2024 का अवलोकन किया, जिसमें देश में बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों की गतिशीलता और मोटर वाहनों की मूल्य श्रृंखला में भारत की क्षमताओं को दिखाया गया है। एक्सपो में प्रदर्शनियां, सम्मेलन, खरीदार-विक्रेता बैठकें, स्टेट सैशन, सड़क सुरक्षा मंडप और गो-कार्टिंग जैसे सार्वजनिक केंद्रित आकर्षण बने हुए हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर इस भव्य आयोजन केलिए भारत के ऑटोमोटिव उद्योग को बधाई दी और एक्सपो में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शकों के प्रयास भी सराहे। उन्होंने कहाकि भारतीय ऑटो उद्योग के सामने संभावनाओं का आकाश है और हम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका का विस्तार करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों को भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो-2024 देखने आने की सलाह देते हुए कहाकि यह संपूर्ण गतिशीलता और आपूर्ति श्रृंखला समुदाय को एक मंच पर लाता है। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के गतिशीलता संबंधी सम्मेलन को याद किया और बैटरी एवं इलेक्ट्रिक वाहनों पर अपने फोकस को याद किया और संतोष व्यक्त कियाकि उन्हें अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली है। उन्होंने कहाकि तीसरे कार्यकाल में इस गतिशीलता को और नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को दोहराते हुए कहाकि 'ये ही समय है, सही समय है' यही सही समय है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की अर्थव्यवस्था तेजीसे बढ़ रही है और वर्तमान सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने केलिए तैयार है। उन्होंने बीते 10 वर्ष में सरकार के प्रयासों के बारेमें बतायाकि लगभग 25 करोड़ लोग ग़रीबी से बाहर निकले हैं और जब कोई नागरिक ग़रीबी से बाहर निकलता है तो परिवहन का साधन चाहे वह साइकिल हो दोपहिया हो या चार पहिया उसकी पहली आवश्यकता बन जाती है। नव मध्यम वर्ग के आविर्भाव को छूते हुए उन्होंने ऐसे आर्थिक स्तर में पाई जानेवाली आकांक्षाओं को पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जोकि ना के बराबर है। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश के बढ़ते दायरे और मध्यम वर्ग की बढ़ती आय से भारत के मोबिलिटी सेक्टर को ताकत मिलेगी, बढ़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती आय की संख्या से गतिशीलता क्षेत्र में नया विश्वास पैदा होगा। उन्होंने बतायाकि भारत में बिकने वाली कारों की संख्या 2014 के 10 साल बाद 21 करोड़ से अधिक हो गई है, जबकि भारत में बिकने वाली इलेक्ट्रिक कारों की संख्या 2 हजार प्रतिवर्ष से बढ़कर आज 12 लाख प्रतिवर्ष हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 10 वर्ष में यात्री वाहनों की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि दोपहिया वाहनों की संख्या में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ताजा आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में कारों की बिक्री ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने उपस्थित उद्योग जगत से आग्रह कियाकि देश में गतिशीलता क्षेत्र एक अभूतपूर्व माहौल देख रहा है और आपको इसका लाभ उठाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर नई नीतियां बना रहा है। उन्होंने बजट का जिक्र करते हुए बतायाकि यह भारत के मोबिलिटी क्षेत्र केलिए कई अवसर लेकर आया है, इस अभूतपूर्व व्यय से रेल, सड़क, हवाई अड्डे, जलमार्ग परिवहन और अन्य प्रकार के परिवहन में बदलाव आया है और आएगा। उन्होंने अटल सुरंग से अटल सेतु जैसे इंजीनियरिंग चमत्कारों को रिकॉर्ड समयसीमा में पूरा करने की भी बात की। उन्होंने कहाकि 10 वर्ष में भारत में 75 नए हवाई अड्डे बने हैं, लगभग 4 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गई हैं, 90000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं, 3500 किलोमीटर हाईस्पीड कॉरिडोर विकसित किए गए हैं, 15 नए शहरों को मेट्रो मिली है और 25000 रेल मार्गों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहाकि बजट में 40000 रेल डिब्बों को आधुनिक वंदे भारत प्रकार की बोगियों में बदलने की घोषणा की गई है, ये कोच जब सामान्य ट्रेनों में लगेंगे तो भारतीय रेलवे का कायापलट हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी सरकार की गति और पैमाने ने भारत में गतिशीलता की परिभाषा को बदल दिया है। उन्होंने नौकरियों को व्यवस्थित और समय पर पूरा करने के बारेमें बात की और लॉजिस्टिक संबंधी बाधाओं को दूर करने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि पीएम राष्ट्रीय गति शक्ति मास्टरप्लान देश में एकीकृत परिवहन को बढ़ावा दे रहा है, विमान और जहाज पट्टे केलिए गिफ्ट सिटी नियामक ढांचे पर काम किया गया है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति लॉजिस्टिक्स की समस्याओं का समाधान कर रही है, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से लागत कम हो रही है और बजट में घोषित तीन रेलवे आर्थिक गलियारों से देश में परिवहन की सुगमता भी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने व्यापार में तेजी लाने और राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट को समाप्त करने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के परिवर्तनकारी प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने उद्योग में ईंधन और समय दोनों बचाने में फास्ट टैग तकनीक की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने पुष्टि कीकि फास्ट टैग तकनीक उद्योग में ईंधन और समय की बचत की सुविधा प्रदान कर रही है। एक हालिया अध्ययन का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि फास्ट टैग टेक्नोलॉजी अर्थव्यवस्था में 40000 करोड़ रुपये के वार्षिक लाभ में योगदान दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की दहलीज पर है, जिसमें ऑटो और मोटर वाहनों के पुर्जे बनाने वाले उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
वैश्विक ऑटोमोटिव बाजार में भारत के कद पर प्रधानमंत्री ने टिप्पणी कीकि आज भारत यात्री वाहनों केलिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है और वैश्विक स्तरपर वाणिज्यिक वाहनों का निर्माण करने वाले शीर्ष तीन देशों में से एक है। प्रधानमंत्री ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी पहल से विभिन्न क्षेत्रों का समर्थन करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहाकि उद्योग केलिए सरकार ने 25000 करोड़ रुपये से अधिक की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना शुरू की है, नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण को बढ़ावा दे रहा है, इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग पैदा करने केलिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने कहाकि एफएएमई योजना ने राष्ट्रीय राजधानी केसाथ कई अन्य शहरों में भी इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि बजट में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने केलिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है और स्टार्टअप्स को दी गई कर छूट को और बढ़ाने के निर्णय काभी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि ये फैसले मोबिलिटी क्षेत्र में नए अवसर पैदा करेंगे। ईवी उद्योग में लागत और बैटरी की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने अनुसंधान में इन निधियों का उपयोग करने की सिफारिश की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग को अनुसंधान के ऐसे रास्ते तलाशने केलिए प्रोत्साहित किया, जो बैटरी निर्माण केलिए भारत के प्रचुर कच्चे माल का उपयोग करते हैं और हरित हाइड्रोजन एवं इथेनॉल जैसे क्षेत्रों में खोज करते हैं। उन्होंने कहाकि भारत में उपलब्ध कच्चे माल का उपयोग करके बैटरी बनाने केलिए अनुसंधान क्यों नहीं किया जाता? ऑटो सेक्टर को हरित हाइड्रोजन और इथेनॉल मेंभी अनुसंधान का पता लगाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने जहाजरानी उद्योग में हाइब्रिड जहाजों के विकास केलिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी का लाभ लेने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि भारत का जहाजरानी मंत्रालय स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके हाइब्रिड जहाज बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, स्टार्टअप्स के कारण भारत में ड्रोन क्षेत्र को नई उड़ान मिलने का भी जिक्र किया और ड्रोन से संबंधित अनुसंधान केलिए धन का उपयोग करने की सिफारिश की। उन्होंने जलमार्गों के जरिए परिवहन के किफायती साधनों के आविर्भाव पर ध्यान दिया और स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके हाइब्रिड जहाज बनाने की दिशा में जहाजरानी मंत्रालय के प्रयासों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने मोबिलिटी उद्योग में चालकों के मानवीय पहलू की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और ट्रक चालकों को होनेवाली कठिनाइयों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर ड्राइवरों केलिए भोजन, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, पार्किंग और आराम की सुविधाओं केसाथ आधुनिक भवन विकसित करने की एक नई योजना की जानकारी देते हुए कहाकि सरकार ट्रक ड्राइवरों और उनके परिवारों की चिंता को समझती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार इस योजना के पहले चरण में देशभर में ऐसी 1000 इमारतें बनाने की तैयारी कर रही है, इससे ट्रक और टैक्सी चालकों के जीवनयापन और यात्रा में आसानी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा और दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। अगले 25 वर्ष में गतिशीलता क्षेत्र में अपार संभावनाओं पर नरेंद्र मोदी ने उद्योग से इन संभावनाओं का पूरी तरह से उपयोग करने केलिए खुदको तेजीसे बदलने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने देश में 15 हजार से अधिक आईटीआई का उल्लेख किया, जो इस उद्योग को श्रमशक्ति प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने उद्योग जगत केसे उद्योग की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रमों को अधिक प्रासंगिक बनाने केलिए आईटीआई केसाथ सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने सरकार की स्क्रैपेज नीति का भी जिक्र किया, जहां पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बदले नए वाहनों पर रोड टैक्स में छूट प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री ने एक्सपो की टैगलाइन बियॉन्ड बाउंड्रीज़ का उल्लेख किया। उन्होंने टायर उद्योग से किसानों के सहयोग से रबर केलिए आयात निर्भरता कम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने एक एकीकृत और समग्र दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने उद्योग जगत से स्वदेशी डिजाइनिंग क्षमताओं को बढ़ावा देने का आह्वान किया। एक्सपो के शुभारंभ कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडे और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।