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Wednesday 7 February 2024 02:05:40 PM
नई दिल्ली। लोकसभा में ऐतिहासिक संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक-2024 पारित कर दिया गया है। इससे पहाड़ी जातीय समूह, पदारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। संशोधन बिल को जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में पेश किया, जिसपर वृहद चर्चा केबाद लोकसभा में पास कर दिया गया। गौरतलब हैकि यह लंबे समय से इन समुदायों की मांग थी, जो पूरी हुई। संशोधन बिल में स्पष्ट किया गया हैकि जम्मू कश्मीर की अनुसूचित जनजातियों की सूची में इन समुदायों को शामिल करने से गुज्जर और बकरवाल जैसे मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों को उपलब्ध आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, उनको जैसा आरक्षण मिल रहा था, वैसा ही आरक्षण मिलता रहेगा।
संशोधन बिल के अनुसार जम्मू कश्मीर की नई सूचीबद्ध अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण इस प्रकार प्रदान किया जाएगा, ताकि इसका उन समुदायों पर कोई प्रभाव न पड़े, जो पहले से ही अनुसूचित जनजातियों के रूपमें सूचीबद्ध हैं। संशोधन बिल को राज्यसभा की मंजूरी के पश्चात केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सरकार आरक्षण पर अपनी अधिसूचना जारी करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगाकि अनुसूचित जनजातियों की मौजूदा सूची में शामिल लोगों को समानस्तर का आरक्षण मिलता रहे। नरेंद्र मोदी सरकार में संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक-2024 का पारित होना इन जातियों के विकास की दिशामें एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मोदी सरकार ने ऐसे अधिनियम के माध्यम से जम्मू कश्मीर में प्रगतिशील और सकारात्मक बदलाव लाने केलिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।