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Wednesday 7 February 2024 05:47:15 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज के शताब्दी समारोह में छात्राओं को आकांक्षी बनने केलिए प्रोत्साहित करते हुए उनको 2047 के विकसित भारत की मैराथन का प्रमुख भागीदार बताया है। जगदीप धनखड़ ने कहाकि देश में कुशल शासन के परिणामस्वरूप महिला सशक्तिकरण ने हमारी लड़कियों को इतना सक्षम बना दिया हैकि वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा का प्रभावशाली ढंग से नेतृत्व कर रही हैं। जगदीप धनखड़ ने शिक्षा को सबसे प्रभावशाली परिवर्तन करने वाला तंत्र बताते हुए कहाकि शिक्षा ही वह परिवर्तन है, जो समाज में समानता ला सकता है। लड़कियों की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहाकि बालिका शिक्षा एक क्रांति है, जिससे वे आज घर समाज देश और विश्व के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस बात पर प्रकाश डालाकि इसके लिए एक इकोसिस्टम का पहले ही निर्माण किया जा चुका है, जहां वे अपनी प्रतिभा का पूरी तरह उपयोग कर सकती हैं और अपनी पूरी क्षमता का एहसास कर सकती हैं। उन्होंने कहाकि यह उनके लिए कुछ बड़ा और उस तरह से सोचने का समय है जैसा वे सोचना चाहती हैं। उपराष्ट्रपति ने छात्राओं से यह भी आग्रह कियाकि वे कभीभी असफलता से न घबराएं, बल्कि प्रत्येक विफलता को एक सीढ़ी के रूपमें लिया जाना चाहिए। नारी शक्ति वंदन अधिनियम, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और एलपीजी कनेक्शन के वितरण जैसी सरकार की पहलों का उल्लेख करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि इस सदी में हमारे पास एक निर्णायक क्षण है, लड़कियां भारत के विकास को परिभाषित कर रही हैं। उपराष्ट्रपति ने उपस्थित छात्राओं से गौरवांवित भारतीय होने, भारत का सम्मान करने और उसकी अभूतपूर्व प्रगति में विश्वास करने काभी आग्रह किया। उन्होंने आर्थिक राष्ट्रवाद का अनुसरण करने, स्वदेशी अपनाने और लोकल केलिए वोकल बनने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस अवसर पर कॉरपोरेट और उद्योग जगत की हस्तियों से देश के शैक्षणिक संस्थानों विशेषकर लड़कियों की शिक्षा में लगे संस्थानों को उदारतापूर्वक संभालने का आग्रह किया है। उपराष्ट्रपति ने शैक्षणिक संस्थानों में कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी निधि से योगदान देने का आह्वान करते हुए कहाकि उन्हें इस बारेमें उद्योग जगत केसाथ बातचीत करने में खुशी होगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को लोकतंत्र में सबसे बड़ा हितधारक बताया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि अमृतकाल में आशा और अपार संभावनाओं का समय है। उन्होंने कहाकि भारत पहले सेही एक वैश्विक अर्थव्यवस्था है और निवेश तथा इसके अवसरों केलिए पसंदीदा स्थान है, हमारी प्रगति बेजोड़ है और दुनिया हमारी ओर देख रही है। इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज के शताब्दी समारोह में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह, गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष आलोक बी श्रीराम, कॉलेज के संकाय सदस्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।