स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 9 February 2024 05:13:43 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हरित क्रांति के प्रमुख केंद्र और कृषिक्षेत्र में अद्वितीय योगदान देनेवाले आईएआरआई यानी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 62वें दीक्षांत समारोह में स्नातक छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान कीं और उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि हम सभी किसानों और कृषि से जुड़ी समस्याओं से परिचित हैं, हमारे कई किसान भाई-बहन आजभी ग़रीबी में जीवनयापन कर रहे हैं, हमें किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य तथा उन्हें गरीबी के जीवन से समृद्धि की ओर बढ़ाने का काम सुनिश्चित करने केलिए और अधिक तत्परता से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि वर्ष 2047 में जब भारत एक विकसित राष्ट्र के रूपमें उभरेगा तो भारतीय किसान इस यात्रा के अग्रदूत होंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सम्मानित वैज्ञानिकों को भी बधाई दी, जिन्होंने कृषिक्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने कहाकि किसान सच्चे अर्थों में अन्नदाता ही नहीं जीवनदाता भी हैं और ऐसा कहा जाता हैकि किसान के हल की नोक से खींची गई रेखा सभ्यता के पूर्व के समाज और विकसित समाज केबीच की रेखा है। उन्होंने कहाकि भारत को खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का योगदान अद्वितीय है, इसने न केवल कृषि से संबंधित अनुसंधान एवं विकास कार्यों को कुशलतापूर्वक किया है, बल्कि यहभी सुनिश्चित किया हैकि ऐसे अनुसंधान जमीन पर दिखें। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई हैकि संस्थान ने 200 से अधिक नई प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं, आईएआरआई ने 2005 और 2020 के बीच 100 से अधिक किस्में विकसित की हैं और इसके नाम पर 100 से अधिक पेटेंट हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि स्थापना केबाद सेही आईएआरआई देश केलिए मानव संसाधन विकसित करने का कार्य कर रहा है और इसके अंतर्गत कई स्कूल हैं जैसे फसल सुधार स्कूल, पौधा संरक्षण स्कूल, बुनियादी विज्ञान स्कूल, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन स्कूल, सामाजिक विज्ञान स्कूल, बागवानी विज्ञान स्कूल, ये अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत में एक बड़ी आबादी का जीविकोपार्जन खेती से होता है, भारत की जीडीपी में भी कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी हैकि हमारी अर्थव्यवस्था का यह आधार यथासंभव बढ़े और इसमें किसी तरह की कोई बाधा न आए। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुईकि सरकार किसानों की आय बढ़ाने, नई कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करने और सुचारू सिंचाई प्रणाली प्रदान करने केलिए काम कर रही है और किसानों की आय में वृद्धि केलिए सभी फसलों के एमएसपी में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि कृषि एकमात्र ऐसा क्षेत्र था, जिसने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सकारात्मक वृद्धि दिखाई। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों केलिए एक बहुत लाभदायक योजना है, जिसके माध्यम से मृदा स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति का आकलन किया जा सकता है। उन्होंने उल्लेख कियाकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सरकार फसल क्षति में बीमा कवर प्रदान करती है, ताकि किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिल सके, परम्परागत कृषि विकास योजना केतहत जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप मृदा स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। उन्होंने कहाकि किसान सम्पदा योजना से देश में खाद्य प्रसंस्करण को व्यापक बढ़ावा मिलने केसाथ किसानों को बेहतर मूल्य पाने में सहायता मिलेगी, यह किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशामें एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। दीक्षांत समारोह में कृषि विज्ञान के 26 विषयों में 5 विदेशी छात्रों सहित 543 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई, साथही प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे।