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Thursday 15 February 2024 06:16:33 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के 125वें संस्थापक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा हैकि भ्रष्टाचार और संरक्षण युवा नवोन्वेषी दिमागों के सबसे बुरे हत्यारे हैं और ये योग्यता एवं स्थिरता के विपरीत हैं। उन्होंने कहाकि युवा भ्रष्टाचार से नफरत करते हैं, क्योंकि वे भाई-भतीजावाद और पक्षपात से अपने को ठगा हुआ महसूस करते हैं। शासन इकोसिस्टम में हाल के सुधारों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डालाकि सत्ता गलियारे अब भ्रष्ट तत्वों से पूरी तरह मुक्त कर दिए गए हैं और अब एक पारदर्शी, जवाबदेह प्रणाली स्थापित कर दी गई है। उन्होंने कहाकि अब ऐसा समय है, जब योग्यता का बोलबाला है, युवा अपने सपनों की आकांक्षा कर सकते हैं और उनको पूरा भी कर सकते हैं तथा अपनी क्षमताओं का पूरा दोहन कर सकते हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि कानून के सामने समानता लोकतांत्रिक शासन केलिए सबसे अपरिहार्य विशेषता है, अब कोईभी कानून से ऊपर नहीं है और कानून के लंबे हाथ हर किसी तक पहुंच रहे हैं, खासकर उन लोगों तक जिन्होंने कभी नहीं सोचा थाकि उन्हें कानून केप्रति जवाबदेह ठहराया जाएगा। कानून के शासन का सम्मान करने के महत्व पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि कानून का सम्मान राष्ट्रवाद का सम्मान है, कानून का सम्मान लोकतंत्र का सम्मान है और कानून का सम्मान योग्यता के आधार पर चीजों के मिलने का सम्मान है तथा कानून का सम्मान भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। सत्ता और सत्ता के पदों पर बैठे लोगों का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दियाकि विशेष रूपसे सत्ता और सत्ता के पदों पर बैठे लोगों का यह प्रमुख दायित्व हैकि वे कानून केप्रति सम्मान दिखाकर एक उदाहरण पेश करें।
जगदीप धनखड़ ने कहाकि एक दशक पहले हमारे देश को पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा माना जाता था, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बोझ थी, लेकिन अब दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अफ्रीकी संघ को जी20 के स्थायी सदस्य के रूपमें शामिल करने पर उन्होंने कहाकि भारत की आवाज़ वैश्विक स्तरपर सुनी जाती है और हमारे राष्ट्र की वैश्विक छवि काफी बेहतर हुई है, भारत ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनकर उभरा है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, संसद और राज्यों विधानसभाओं में महिलाओं केलिए एक तिहाई आरक्षण को अनिवार्य करने वाले 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' जैसी नरेंद्र मोदी सरकार की कई उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि लंबे समय केबाद हम आशा और संभावनाओं के युग में हैं। छात्रों और युवाओं को भारत@2047 का मैराथन धावक बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमारा भारत उन बहुत कम देशों में से है, जिन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग और हरित हाइड्रोजन मिशन जैसी डिसरप्टिव प्रौद्योगिकियों की क्षमता को चैनलाइज़ करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
उपराष्ट्रपति ने युवाओं को विकास का इंजन, स्थिरता का वास्तुकार और समृद्ध भविष्य का संरक्षक बताते हुए कहाकि आज उनके लिए अपार अवसर और संभावनाएं उपलब्ध हैं। जगदीप धनखड़ ने युवाओं से आग्रह कियाकि वे असफलता से कभी न डरें और अपने विचारों को साहसपूर्वक लागू करें। उन्होंने शिक्षकों, अभिभावकों और माता-पिता से अपील कीकि उन्हें इस बात की सराहना करनी चाहिएकि असफलता निरंतरता, अथकता, निडरता का प्रमाण है, ये इस बात का प्रमाण हैंकि आप प्रयास कर रहे हैंकि आप सफल होने की आकांक्षा रखते हैं। उन्होंने उनका कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, 6जी और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उन्हें बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि हम तकनीकी क्रांति के शिखर पर हैं। इस मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह, हिंदू कॉलेज गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष टीसीए रंगाचारी, हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर अंजू श्रीवास्तव, संकाय सदस्य, छात्र और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।