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Tuesday 20 February 2024 02:41:46 PM
पुणे। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा हैकि हमें युद्ध लड़ने में सहायक हमारी पारंपरिक उपकरण सामग्री को भविष्य के युद्धों के उभरते परिप्रेक्ष्य के अनुकूल बनाने हेतु उनका फिरसे डिजाइन और पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता है। नौसेना प्रमुख पुणे के गिरिनगर में सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईएलआईटी) में 'भारत की समुद्री चुनौतियां एवं भारतीय नौसेना के प्रयास' विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एडमिरल आर हरिकुमार ने पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूपमें भारतीय नौसेना के प्रभावी दृष्टिकोण का उल्लेख किया।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने इस अवसर पर हिंद महासागर क्षेत्र के महत्व और समुद्री चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के हालही में संचालित समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का भी जिक्र किया। नौसेना प्रमुख ने समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने केलिए आत्मनिर्भर दृष्टिकोण तथा उन्नत सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संयुक्तता के युग में सशस्त्र बलों को आकार देने में तकनीकी योद्धाओं की भूमिका का जिक्र करते हुए युद्ध होने की स्थिति में भविष्य की तैयारियों केलिए विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के महत्व पर बल दिया।
नौसेना प्रमुख ने कहाकि उनकी पुणे में सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान की इस यात्रा ने आधुनिक भारतीय नौसेना की नींव रखने वाले भारत के महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती को भी और स्मरणीय बना दिया है। एडमिरल आर हरिकुमार ने पुणे के सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान में नव स्थापित प्रयोगशालाओं का दौरा किया और मित्रवत देशों सहित तीनों सेवाओं के अधिकारियों को तकनीकी योद्धाओं, भविष्य के कमांडरों तथा स्टाफ अधिकारियों के रूपमें प्रशिक्षित करने पर सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान की प्रशंसा की और बधाई भी दी।