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प्रधानमंत्री ने काशी में मनाई संत रविदास जयंती

संत रविदास को समर्पित विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास

'जातिवादी नकारात्मकता से बचें व संत रविदास की शिक्षाएं अपनाएं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 23 February 2024 04:02:18 PM

inauguration and foundation stone of development works dedicated to saint ravidas

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महान संत गुरु रविदास की 647वीं जयंती पर आयोजित समारोह में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पास सीर गोवर्धनपुर में संत गुरु रविदास जन्मस्थली मंदिर में रविदास पार्क से सटे संत रविदास की नवस्थापित प्रतिमा का उद्घाटन किया और लगभग 32 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ किया एवं लगभग 62 करोड़ रुपये की लागत से संत रविदास संग्रहालय और पार्क के सौंदर्यीकरण की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए संत रविदास की 647वीं जयंती पर देशभर से श्रद्धालुओं की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए विशेष रूपसे पंजाब से काशी आने वाले लोगों की भावना सराही और कहाकि काशी एक मिनी पंजाब जैसा दिखने लगा है। प्रधानमंत्री ने संत रविदास की जन्मस्थली का दोबारा दौरा करने और उनके आदर्शों एवं संकल्प को बढ़ावा देने केलिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि काशी के प्रतिनिधि के रूपमें उन्हें संत रविदास के अनुयायियों की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने संत रविदास की जन्मस्थली के उन्नयन केलिए योजनाओं का उल्लेख किया, जिसमें मंदिर क्षेत्र का विकास, पहुंच मार्गों का निर्माण, पूजा, प्रसाद आदि की व्यवस्था शामिल है। प्रधानमंत्री ने संत रविदास की नई प्रतिमा की चर्चा की और संत रविदास संग्रहालय की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज महान संत और समाज सुधारक गाडगे बाबा की भी जयंती है और बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर गाडगे बाबा के काम के बहुत बड़े प्रशंसक थे और गाडगे बाबा भी बाबासाहेब से प्रभावित थे। प्रधानमंत्री ने कहाकि संत रविदास की शिक्षाओं ने हमेशा उनका मार्गदर्शन किया, वे संत रविदास के आदर्शों के अनुरूप सेवा करने काअवसर मिलने केलिए आभारी हैं। उन्होंने हालही में मध्य प्रदेश में संत रविदास स्मारक के शिलान्यास का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने भक्ति आंदोलन में संत रविदास की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहाकि यह भारत का इतिहास हैकि संत, ऋषि या महान व्यक्तित्व के रूपमें एक उद्धारकर्ता जरूरत के समय सामने आता है। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि संत रविदास ने विभाजित और खंडित भारत को फिरसे ऊर्जावान बनाया है। उन्होंने कहाकि संत रविदास ने समाज में स्वतंत्रता को अर्थ दिया और सामाजिक विभाजन को भी पाट दिया। प्रधानमंत्री ने अस्पृश्यता, वर्गवाद और भेदभाव के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। उन्होंने कहाकि संत रविदास को मत और धर्म की विचारधाराओं में नहीं बांधा जा सकता, रविदासजी सबके हैं और सभी रविदासजी के हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि जगतगुरु रामानंद के शिष्य के रूपमें वैष्णव समुदाय भी संत रविदास को अपना गुरु मानता है और सिख समुदाय उन्हें बहुत आदर की दृष्टि से देखता है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित कियाकि गंगा में आस्था रखने वाले और वाराणसी से जुड़े लोग संत रविदास से प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि वर्तमान सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र पर चलते हुए संत रविदास की शिक्षाओं और आदर्शों को आगे बढ़ा रही है। समानता और एकजुटता पर संत रविदास की शिक्षा के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि समानता वंचित और पिछड़े समुदायों को प्राथमिकता देने से आती है। उन्होंने विकास यात्रा में पीछे छूट गए लोगों तक सरकारी पहल का लाभ पहुंचाने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि दलितों, वंचितों और गरीबों के उत्थान केप्रति सरकार की मंशा स्पष्ट है और यही आज दुनिया में भारत की प्रगति का कारण है। उन्होंने कहाकि संतों की वाणी हर युग में हमारा मार्ग प्रशस्त करने केसाथ ही हमें सावधान भी करती है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि ज्यादातर लोग जाति और पंथ के मतभेदों में उलझे रहते हैं तथा जातिवाद की यह बीमारी मानवता को नुकसान पहुंचाती है, अगर कोई किसी को जाति के नाम पर उकसाता है तो इससे मानवता को भी नुकसान होता है।
प्रधानमंत्री ने दलितों के कल्याण का विरोध करने वाली ताकतों केप्रति आगाह किया। उन्होंने कहाकि ऐसे लोग जाति की राजनीति की आड़ में वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति करते हैं, वंशवाद की राजनीति ऐसी ताकतों को दलितों एवं जनजातियों के उत्थान की सराहना करने से रोकती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें जातिवाद की नकारात्मक मानसिकता से बचना होगा और रविदास जी की सकारात्मक शिक्षाओं का पालन करना होगा। उन्होंने कहाकि भलेही कोई सौ साल जी ले, लेकिन जीवनभर काम करना चाहिए, क्योंकि कर्म ही धर्म है तथा कर्म निःस्वार्थ भाव से करना चाहिए। उन्होंने कहाकि संत रविदास की यह शिक्षा आज पूरे देश के लिए है। प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्ष में विकसित भारत की नींव को मजबूत करने पर जोर दिया और रेखांकित कियाकि गरीबों और वंचितों की सेवा के लिए अभियानों का दायरा 140 करोड़ देशवासियों की भागीदारी से ही बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि संत रविदास की कृपा से नागरिकों के सपने सच होंगे और हमें देश के बारेमें सोचना होगा, हमें विभाजनकारी विचारों से दूर रहकर देश की एकता को मजबूत करना है। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संत गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर न्यास के अध्यक्ष संत निरंजन दास और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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