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Monday 26 February 2024 01:56:57 PM
चंडीगढ़। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने चंडीगढ़ में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का एक क्षेत्रीय सुविधा कार्यालय खोलने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र के फिल्म निर्माताओं केलिए व्यवसाय करने को और भी अधिक आसान बनाना है। उन्होंने कहाकि भारत सरकार फिल्म निर्माण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कटिबद्ध है एवं फ़िल्म सुविधा कार्यालय की स्थापना से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने तक हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं और भारत विश्व का पसंदीदा फिल्मांकन स्थल बन रहा है। अनुराग ठाकुर ने विश्वास जताते हुए कहाकि पंजाब में बनने वाली फिल्मों में भी अपार संभावनाएं हैं, इसलिए केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में सीबीएफसी का सुविधा कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है, ताकि प्रमाणन हासिल करना आसान हो और फिल्म को पूरा करने की प्रक्रिया भी तेज हो।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने 'चित्र भारती फिल्म महोत्सव' के समापन समारोह में यह घोषणा की और कहाकि पंचकूला में 5वें चित्र भारती फिल्म महोत्सव में फ़िल्म जगत से जुड़े लोगों से मिलने एवं विचारों को साझा करने का उन्हें सुअवसर मिला, चित्र भारती का मंच सिर्फ फिल्मों का जश्न नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा जगत में आ रहे सार्थक बदलावों के गौरव का उत्सव है, एक ऐसा उत्सव, जो न सिर्फ मनोरंजन जगत का उत्सव है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक भी है। उन्होंने कहाकि चंडीगढ़ क्षेत्र के फिल्म निर्माता अपनी-अपनी फिल्मों केलिए सीबीएफसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने केलिए दिल्ली या मुंबई जाए बिना ही अपनी-अपनी फिल्मों की स्क्रीनिंग केसाथ उनमें विभिन्न कट्स/ संशोधनों को प्रस्तुत करने की सुविधा प्राप्तकर सकते हैं। उन्होंने कहाकि इस कदम से विशेषकर पंजाबी फिल्म उद्योग को औरभी अधिक मजबूती मिलेगी। अनुराग ठाकुर ने कहाकि दुनियाभर में भारत को एक कंटेंट हब के रूपमें देखा जा रहा है और भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों की शूटिंग एवं फिल्म निर्माण केबाद की प्रक्रिया दोनों ही केलिए पसंदीदा देश भी बनता जा रहा है।
अनुराग ठाकुर ने कहाकि समानांतर रूपसे हमारे अपने कंटेंट को दुनियाभर में काफी सराहा जा रहा है। उन्होंने कहाकि हर साल दुनिया में बनने वाली 2500 फिल्मों में से आधे से अधिक भारत में बनती हैं, फीचर फिल्मों से वृत्तचित्र और लघु फिल्मों से धारावाहिकों तक भारतीय सिनेमा आज जीवन के हर रंग को अपने कैनवास पर चित्रित कर रहा है और स्थानीय कहानियों को वैश्विक स्तर पर पहुंचा रहा है, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ताकि फिल्म किस भाषा में बनाई जा रही है, जबतक कंटेंट दिलचस्प रहेगा, तबतक उसके प्रशंसक हमेशा बने रहेंगे। उन्होंने विशेष रूपसे दिव्यांग फिल्म प्रशंसकों केलिए सिनेमाघरों को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में सरकार की विभिन्न पहल के बारेमें बतायाकि सरकार ने इस संबंध में एक नया दिशानिर्देश तैयार करने के उद्देश्य से विभिन्न हितधारकों से पहले ही टिप्पणियां आमंत्रित की हैं, ताकि श्रवण एवं दृष्टिबाधित लोगों को अन्य लोगों की तरह ही फिल्म का आनंद लेने का अवसर मिल सके। अनुराग ठाकुर ने कहाकि देश के सभी नागरिकों केलिए समान अवसर सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण रहा है, विकलांग के बजाय दिव्यांग कहने वाले वह पहले व्यक्ति हैं, उनके द्वारा अभिव्यक्त की गई रुचि के कारण ही सरकार ने प्रत्येक फिल्म के दिव्यांगों केलिए उपयुक्त संस्करण को जारी करने का दायित्व अपने ऊपर लिया है।
पायरेसी के खतरे पर अनुराग ठाकुर ने कहाकि हमने हाल हीमें फिल्म पायरेसी को रोकने केलिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में बहुत सार्थक बदलाव किए हैं। उन्होंने कहाकि पायरेसी को रोकने केलिए हमारे सभी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के केंद्रों पर विशेष नोडल अधिकारी नियुक्त किए जारहे हैं, देशभर में 12 नोडल अधिकारी पायरेसी के खिलाफ शिकायतें प्राप्त करेंगे और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पायरेटेड कंटेंट को हटाने के निर्देश देंगे। उन्होंने कहाकि शिकायत मिलने के 48 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी, पायरेसी न केवल फिल्म उद्योग केलिए, बल्कि दुनिया केलिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहाकि रिपोर्ट्स के मुताबिक पायरेसी की वजह से फिल्म इंडस्ट्री को हर साल 20000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अनुराग ठाकुर ने चित्र भारती फिल्म महोत्सव के आयोजकों को बधाई देते हुए कहाकि युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने एवं उन्हें देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रतिबिंबित करने वाली सार्थक फिल्में बनाने केलिए प्रेरित करने के प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं और मैं इसे देखने केलिए उत्सुक हूं, इनमें से कई फिल्में निकट भविष्य में दुनियाभर के प्रमुख फिल्म महोत्सवों में प्रदर्शित होंगी।