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Monday 26 February 2024 03:43:07 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के 107वें स्थापना दिवस और दीक्षांत समारोह में आज स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्राओं को उपाधियां प्रदान कीं और उनको बधाई देते हुए उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं। राष्ट्रपति ने समारोह में कहाकि एक लड़की को आजभी शिक्षा प्राप्त करने केलिए अनेक सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहाकि इस संस्थान के लोगो में एक लैटिन वाक्य अंकित है-Per ardua ad astra जिसका अर्थ है 'विपत्ति के माध्यम से सितारों तक' इससे विश्वास हैकि बड़ी संख्या में चिकित्सा क्षेत्र में लड़कियों की सफलता महिला सशक्तीकरण को गति देगी और सामाजिक रूढ़ि को तोड़ने का कार्य करेगी। राष्ट्रपति ने कहाकि किसीभी देश की चिकित्सा सुविधाओं का स्तर उस देश के विकासस्तर का सूचक होता है और कई रिपोर्ट्स के अनुसार आजभी भारत में प्रति व्यक्ति डॉक्टर और नर्स की संख्या आदर्श मानकों से कम है। उन्होंने कहाकि देश की अधिकतम आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में होनेके बावजूद भी स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाएं शहरी क्षेत्रों में अधिक केंद्रित हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस अवसर पर डॉक्टरों को नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए कहाकि डॉक्टर को लोग भगवान समझते हैं और वे अपनी इस नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए उसीके अनुकूल आचरण करें। राष्ट्रपति ने कहाकि आप सही अर्थ में एक सफल डॉक्टर या नर्स तभी मानें जाएंगे, जब आपमें पेशेवर दक्षता के साथ-साथ करुणा, दया और सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य विद्यमान हों। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि चिकित्सा बिरादरी अपने पेशेवर जीवन में नैतिकता और उच्च मूल्यों के अनुसार काम करेगी और 'वन हेल्थ' के एकीकृत दृष्टिकोण केसाथ सभी समस्याओं को हल करने का प्रयास करेगी। राष्ट्रपति ने कहाकि गांधीजी ने भी चरित्र के बिना ज्ञान और मानवता के बिना विज्ञान को पाप बताया है, इसलिए डॉक्टरों का प्राथमिक उद्देश्य पैसा कमाना नहीं, बल्कि 'स्वयं से पहले सेवा' होना चाहिए। उन्होंने कहाकि आज चिकित्सा विज्ञान सिर्फ इलाज तकही सीमित नहीं है, इसका दायरा बहुत व्यापक हो गया है, चौथी औद्योगिक क्रांति के कारण भौतिक, डिजिटल और जैविक क्षेत्रों केबीच का अंतर कम हो रहा है। उन्होंने कहाकि सिंथेटिक बायोलॉजी में होरहे नए प्रयोग और सीआरआईएसपीआर जीन एडिटिंग जैसी नई तकनीकें सदियों से चली आरही समस्याओं का समाधान ढूंढने में मददगार साबित हो रही हैं, लेकिन इन प्रौद्योगिकियों के दुरूपयोग की समस्या भी बनी हुई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज चिकित्सा क्षेत्र में एक अत्यंत प्रतिष्ठित संस्थान है और आज मैं लेडी हार्डिंग को भी याद करना चाहूंगी, जिन्होंने महिलाओं की पीड़ा को दूर करने के उद्देश्य से इस संस्थान का शिलान्यास किया था। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई हैकि एलएचएमसी को अंग प्रत्यारोपण पुनर्प्राप्ति केंद्र के रूपमें पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कहाकि मुझे बताया गया हैकि वर्ष 1916 में एलएचएमसी की यात्रा एक छोटे से संस्थान की तरह शुरू हुई थी, आज इस संस्थान में 200 से अधिक अंडर ग्रेजुएट, 150 से अधिक पोस्ट ग्रेजुएट सीटें हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यह जानकर खुशी हैकि एलएचएमसी ने नॉर्वे सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय मानव दूध बैंक और स्तनपान परामर्श केंद्र 'वात्सल्य-मातृ अमृत कोष' की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास जतायाकि यह केंद्र स्तनपान के बारेमें जागरुकता पैदा करने और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मददगार साबित होगा। गौरतलब हैकि एलएचएमसी और संबंधित अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य में विशेषकर महिला स्वास्थ्य में सुधार और जागरुकता लाने केलिए प्रयत्नशील हैं। एलएचएमसी ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध की समस्या को हल करने केलिए व्यापक एंटीबायोटिक प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया है, दूसरे चिकित्सा संस्थानों के सहयोग से आईड्रोन पहल केतहत ब्लड बैग डिलीवरी पर भी काम कर रहा है।