स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 27 February 2024 02:47:53 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वस्त्र, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सीआईटीआई टेक्सटाइल सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2024 समारोह में कहा हैकि वस्त्र उद्योग देश की जीडीपी की प्रेरक शक्ति है एवं इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, जो इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बनने केलिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहाकि भारत टेक्स-2024 कार्यक्रम भविष्य में वस्त्र उद्योग क्षेत्र के वैश्विक स्तरपर अग्रणी बनने की क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने सीआईटीआई के समर्थन और कड़ी मेहनत केलिए उसकी सराहना की और वस्त्र उद्योग क्षेत्र के विकास एवं देश के युवाओं को रोज़गार एवं अवसर प्रदान करने में सहायता करने का विश्वास व्यक्त किया।
वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने न केवल देश बल्कि, विश्व की जरूरतों को पूरा करने की सीआईटीआई की क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने सीआईटीआई अधिकारियों को धन्यवाद दिया और वस्त्र उद्योग क्षेत्र में उनके योगदान एवं वस्त्र उद्योग के विकास केलिए सरकार का मार्गदर्शन करने को लेकर आभार भी व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री ने सीआईटीआई टेक्सटाइल सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2024 वितरित किए, जिसकी श्रेणियों में सततता से संबंधित पहलुओं का एक व्यापक क्षेत्र शामिल है, इनमें सामाजिक जवाबदेही व हरित पहल में सर्वश्रेष्ठ अभ्यास, अभिनव सामग्री प्रबंधन, पुनर्चक्रण प्रयास, वैकल्पिक सामग्री का उपयोग, टिकाऊ रिटेल अभ्यास, टिकाऊ व सामाजिक प्रभाव में अग्रणी महिला उद्यमियों की मान्यता, उत्कृष्ट मानव संसाधन अभ्यास और वस्त्र उद्योग केलिए अनुकरणीय सेवा प्रमुख हैं।
सीआईटीआई टेक्सटाइल सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार हर एक पुरस्कार श्रेणी वस्त्र क्षेत्र के भीतर स्थिरता को बढ़ावा देने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और जिम्मेदार व्यावसायिक अभ्यासों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सीआईटीआई के अध्यक्ष राकेश मेहरा ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण में वस्त्र उद्योग में टिकाऊ पहल के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद कपड़ा और रेलवे राज्यमंत्री दर्शना विक्रम जरदोश ने भी संबोधित किया। सीआईटीआई के उपाध्यक्ष अश्विन चंद्रन ने समापन भाषण में सीआईटीआई सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2024 की सफलता में योगदान देनेवाले सभी प्रतिभागियों, प्रायोजकों और हितधारकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने वस्त्र उद्योग के भीतर टिकाऊ अभ्यासों को बढ़ावा देने में सामूहिक प्रयास पर जोर दिया।