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Wednesday 28 February 2024 06:13:29 PM
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने समुद्र में एक संयुक्त अभियान में जब एक संदिग्ध नौका को पकड़ा तो उससे लगभग 3300 किलोग्राम प्रतिबंधित सामग्री 3089 किलोग्राम चरस, 158 किलोग्राम मेथमफेटामाइन और 25 किलोग्राम मॉर्फिन बरामद हुई। भारतीय नौसेना के समुद्री निगरानी विमान से प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी, जिसमें स्वापक नियंत्रण ब्यूरो ने भी अपने इनपुट केसाथ इस सूचना की पुष्टि की थी। इस विशेष अभियान को संचालित करने केलिए पहले सेही मिशन पर तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत को बड़े पैमाने पर तस्करी केसाथ भारतीय जल क्षेत्र में आनेवाली एक संदिग्ध नौका को रोकने केलिए लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप ख़तरनाक नशीले पदार्थों की यह भारीभरकम बरामदगी हुई। माना जा रहा हैकि भारतीय नौसेना और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो की यह असाधारण सफलता है।
भारतीय नौसेना की इकाइयों ने समुद्र में संदिग्ध नाव का सफलतापूर्वक पता लगाया, उसके बारेमें जानकारी प्राप्त की और फिर उसे रोकने की कार्रवाई की। इस नौका पर तलाशी एवं कार्रवाई के परिणामस्वरूप हुई नशीले पदार्थों की जब्ती हाल के दिनों में प्रतिबंधित वस्तुओं की पकड़ी गई सबसे बड़ी मात्रा है। इसके बाद नाव को भारतीय नौसेना के युद्धपोत से इसके चालक दल और प्रतिबंधित सामग्री को कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपने केलिए निकटतम भारतीय बंदरगाह तक खींचकर लाया गया। यह कार्रवाई न केवल जब्त किए गए प्रतिबंधित पदार्थ की मात्रा एवं लागत के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि अवैध तरीके से और नशीले पदार्थों की तस्करी के मार्गों को अवरुद्ध करने केलिए भारतीय नौसेना तथा स्वापक नियंत्रण ब्यूरो केबीच सहयोगात्मक प्रयासों को भी उजागर करता है।
इस तरह की तस्करी मकरान तट से शुरू होती है और हिंद प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों की तरफ ये नशीले पदार्थ भेजे जाते हैं। भारतीय नौसेना और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के इस संयुक्त मिशन की सफलता विशेष रूपसे भारत के समुद्री पड़ोस में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से एक माध्यम के रूपमें समुद्र का उपयोग करने के प्रयासों को विफल करने में भारतीय नौसेना की मजबूत प्रतिबद्धता एवं संकल्प की पुष्टि करती है। गौरतलब हैकि भारतीय नौसेना ने इन वर्षों में ऐसे विशेष अभियान चलाए हैं, जिनमें उसने विदेशी समुद्री डाकुओं के जहाजों के अपहरण को विफल करना और समुद्री डाकुओं में भारतीय नौसेना की दहशत और दूसरे देशों की नावों को भी समुद्री डाकुओं से छुड़ाना जैसे अनेक साहसिक कारनामें हैं।