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Sunday 3 March 2024 04:20:59 PM
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह सांध्य महाविद्यालय की एकेडमिक अफेयर्स कमिटी ने 'भारत में संघवाद और लोकतंत्र के 75 वर्ष' पर आईसीएसएसआर की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूपमें आए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने कहाकि भारत में लोकतंत्र और संघवाद की अवधारणा वैदिककाल से ही विद्यमान है, वैदिक वांग्मय में कई स्थानों पर इनके संदर्भ देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहाकि भारतीय संघवाद अमेरिकी संघवाद के मॉडल से भिन्न है, इसलिए संघवाद को भारतीय परिप्रेक्ष्य में समझने की आवश्यकता है। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर बलवीर अरोड़ा थे, जिन्होंने कहाकि लोकतंत्र और संघवाद केबीच बहुत गहरा संबंध है और दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।
आईसीएसएसआर की संगोष्ठी के और भी विषय थे जैसे-न्यायिक संघवाद, राजकोषीय संघवाद और राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण से भारतीय संघवाद, जिनपर गहन और विस्तृत चर्चा हुई। इस मौके पर अपने-अपने क्षेत्र की जानी मानी अकादमिक और राजनीतिक हस्तियों पूर्व सांसद डी राजा, डॉ दलबीर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई क़ुरैशी आदि ने भी विचार प्रस्तुत किए। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार अत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए लोकतंत्र और संघवाद की महत्ता पर बल दिया और संगोष्ठी के सफल आयोजन केलिए बधाई दी। संगोष्ठी के संयोजक प्रोफेसर एसके जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और छात्र मौजूद थे।