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Tuesday 5 March 2024 12:36:02 PM
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल छात्रों और मेडिकल/ ग़ैर मेडिकल परामर्शदाताओं के एक समूह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। यह समूह बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के 'सेवांकुर भारत कार्यक्रम' के तहत दिल्ली में है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के सेवांकुर भारत कार्यक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि यह गैर लाभकारी संगठन लगभग तीन दशक से लोक कल्याण की भावना से जरूरतमंदों को कम दरों पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का कार्य कर रहा है, इसमें कौशल विकास, रोज़गार, स्वयं सहायता समूह संचालन आदि लोकोपकार के कार्य भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रतिष्ठान के समाजसेवा एवं देश निर्माण के कार्य अनुकरणीय हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हम सब बाबासाहब आंबेडकर के जीवन से सीख सकते हैंकि कैसे अपनी व्यक्तिगत सफलताओं का सदुपयोग समाज कल्याण में किया जाए। उन्होंने कहाकि बाबासाहब के पास विदेश में बसकर अपने लिए एक आरामदायक जीवन चुनने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने अपने देश में रहकर सामाजिक समस्याओं के उन्मूलन केलिए संघर्ष किया, इसलिए हमें बाबासाहब के दिखाए आदर्शों पर चलते हुए सामाजिक न्याय, समानता एवं बंधुत्व की भावना केलिए कार्य करना है। राष्ट्रपति ने कहाकि 1997 में शुरू हुआ सेवांकुर भारत कार्यक्रम राष्ट्रीय अखंडता और एकता को बढ़ावा दे रहा है, यह युवाओं को जनसेवा का मार्ग दिखा रहा है और उनमें राष्ट्र प्रथम की भावना को मजबूत कर रहा है। उन्होंने अवकाश के दौरान राष्ट्र केलिए एक सप्ताह कार्यक्रम की सराहना की, जिसके तहत छात्र जनजातीय क्षेत्रों में जाते हैं और रहते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमारे कुछ जनजातीय भाई बहन विकास की मुख्यधारा में पीछे रह गए हैं, इसलिए उनके स्वास्थ्य में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि आनुवंशिक एवं संक्रामक रोगों के साथ-साथ गैर संक्रामक रोग भी इस समाज के लिए बड़ी चुनौती हैं। सरकार द्वारा जनजातीय समाज के स्वास्थ्य संबंधी सूचकांक में सुधार केलिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन ने वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया की समस्या से मुक्ति पाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहाकि छुट्टियों के दौरान राष्ट्र केलिए एक सप्ताह कार्यक्रम अच्छा है, जिसके अंतर्गत इस संस्थान से जुड़े विद्यार्थी और कार्यकर्ता जनजातीय क्षेत्रों में रहते हैं और जनजातीय भाई बहनों के जीवन की समस्याओं को निकटता से देखते हैं। उन्होंने कहाकि जनजातीय समुदाय की चुनौतियों, उनके रहन सहन, जीवनशैली एवं संस्कृति के बारेमें जागरुकता लाने का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि इसी महीने धर्मावाला (उत्तराखंड) में आठवां छुट्टियों के दौरान छुट्टियों के दौरान राष्ट्र केलिए एक सप्ताह आयोजित किया जाएगा, जिसकी सफलता केलिए मेरी अग्रिम शुभकामनाएं हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि स्वास्थ्य सेवा एक ऐसा पेशा है, जहां पैसा कमाना ही यदि मुख्य लक्ष्य हो तो समाज का कल्याण संभव नहीं है, इसीलिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय करुणा, दयालुता और परोपकार के मूल्यों को अपना चारित्रिक गुण बनाना होगा। उन्होंने कहाकि हम बाबासाहब आंबेडकर के जीवन से यह सीख सकते हैंकि अपनी व्यक्तिगत सफलता का उपयोग समाज के कल्याण केलिए कैसे किया जाए, हमें बाबासाहब के आदर्शों पर चलकर सामाजिक न्याय, समानता और बंधुत्व केलिए काम करना चाहिए।