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Wednesday 6 March 2024 12:54:10 PM
मुंबई। केंद्रीय सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा हैकि भारत सरकार मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग की उन्नति केलिए अनुकूल माहौल बनाने पर काम कर रही है। मुंबई में फिक्की फ्रेम्स के 24वें संस्करण के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहाकि भारत का मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग सॉफ्ट पावर और अनेक देशों केबीच मुख्य योगदानकर्ता है, मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में विकास और रोज़गार की अधिकता अंतर्निहित है और यह भारत की अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ाने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहाकि फिक्की फ्रेम्स संचार और आदान प्रदान केलिए मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग (एमएंडई) की हस्तियों, प्रभावशाली लोगों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाया है। फिक्की फ्रेम्स के उद्घाटन सत्र में महाराष्ट्र सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, अभिनेत्री रानी मुखर्जी, फिक्की के उपाध्यक्ष अनंत गोयनका, एमएंडई समिति के फिक्की अध्यक्ष केविन वाज़ और एवीजीसी के फिक्की अध्यक्ष आशीष कुलकर्णी ने भाग लिया।
सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहाकि हमारे समाज को आकार देने, हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित करने और हमारे सामूहिक प्रयासों को प्रतिबिंबित करने में एमएंडई खंड की महत्वपूर्ण भूमिका को भारत सरकार ने पहचाना है। उन्होंने कहाकि यह उद्योग केवल हमारे देश केलिए ही नहीं, बल्कि दुनिया केलिए भी मार्गदर्शक का कार्य करता है। उन्होंने कहाकि यह क्षेत्र भारतीय जीवन के वैविध्यपूर्ण चित्रपट से गहराई से मेल खाता है, यह सीमाओं को पार करता है और हमारे जैसे विविधताओं से भरपूर राष्ट्र केलिए अनेकता में एकता को बढ़ावा देता है। संजय जाजू ने कहाकि एमएंडई एक अनूठा खंड है, जिसमें विकास और रोज़गार की अधिकता अंतर्निहित है, साथही इस क्षेत्र में होने वाले व्यवधानों के दृष्टिकोण से यह एक उभरता हुआ क्षेत्र भी है। उन्होंने कहाकि यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संजय जाजू् ने कहाकि भारत डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, ऑनलाइन मीडिया सामग्री की उपलब्धता के कारण एमएंडई क्षेत्र भी त्वरित बदलाव का साक्षी बन रहा है, देश के कोने-कोने में किफायती स्मार्टफोन और डेटा की उपलब्धता के कारण इंटरनेट पर मौजूद सामग्री तक पहुंच बढ़ गई है।
सूचना एवं प्रसारण सचिव ने बतायाकि भारत में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन और 4 करोड़ से अधिक कनेक्टेड टीवी हैं, पिछले साल की फिक्की-अर्न्स्ट एंड यंग रिपोर्ट के अनुसार भारत के एमएंडई क्षेत्र का आकार 2 लाख करोड़ के करीब होने का अनुमान है। सूचना एवं प्रसारण सचिव ने बतायाकि डिजिटल मीडिया खंड में साल दर साल 30 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी जा रही है, असली बदलाव ओटीटी खंड के विकास केसाथ आया है, हमारे पास देश में करीब 60 ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें से अनेक क्षेत्रीय भाषाओं में हैं। उनका कहना थाकि भारत में ओटीटी खंड का मूल्य फिलहाल 10 हजार करोड़ रुपये है, हमारे देश में सामग्री की वृद्धि के कारण यह खंड विदेशी निवेश भी आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहाकि कई देश भारत की ओटीटी सामग्री केलिए शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजार बन रहे हैं, ये सभी आंकड़े एमएंडई क्षेत्र को भारत की सॉफ्ट पावर और अनेक देशों केबीच भारत के उत्थान में मुख्य योगदानकर्ता का मार्ग प्रशस्त करते हैं। संजय जाजू ने कहाकि भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र को बढ़ावा देने केलिए सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन, सूचना प्रौद्योगिकी मध्यवर्ती दिशानिर्देश, डिजिटल मीडिया आचार संहिता (नियम), डीटीएच सेक्टर और अन्य में केबल में संवर्धित एफडीआई सीमा आदि कई कदम उठाए जा रहे हैं।
टीवी प्रसारण क्षेत्र में कई सुधार लाए गए हैं जैसे अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश जो कारोबार करने में आसानी और अनुपालन में आसानी सुनिश्चित करने का उल्लेख करते हुए संजय जाजू ने कहाकि राष्ट्रीय एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स नीति अब अपने उन्नत चरण में है और विश्व केलिए भारत में बनाएं का एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने आश्वासन दियाकि एवीजीसी नीति, जिसे उद्योग हितधारकों से प्राप्त इनपुट केसाथ तैयार किया गया है, निवेश की सुविधा प्रदान करेगी, नवाचार को बढ़ावा देगी, कौशल विकास सुनिश्चित करेगी, बौद्धिक संपदा की रक्षा करेगी और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करेगी। उन्होंने एवीजीसी और विस्तारित रिएलिटी सेक्टर केलिए एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की भी परिकल्पना की है, जो इस क्षेत्र केलिए विश्वस्तरीय प्रतिभाएं तैयार करेगा और इन्क्यूबेटर सेंटरों की स्थापना और उद्योग को मार्गदर्शन प्रदान करने की भी अनुमति देगा। उन्होंने बतायाकि विदेशी फिल्म निर्माताओं को भारत में शूटिंग करने केलिए प्रोत्साहन योजना की घोषणा की गई है, बड़े बजट की अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों का भारत में आना सुनिश्चित करने केलिए कई देशों केसाथ सह उत्पादन संधियों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहाकि प्रोत्साहन योजना से न केवल निवेश आएगा, बल्कि देश विदेश में संपर्क कायम होगा और हमें अपनी सॉफ्ट पावर दिखाने केलिए भी प्रेरित करेगा। गौरतलब हैकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत के एमएंडई क्षेत्र को बढ़ावा देने और दुनिया के सामने हमारी सिनेमाई संस्कृति को प्रदर्शित करने केलिए इफ्फी, एमआईएफएफ आदि जैसे फिल्म समारोहों का भी आयोजन करता है और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भाग लेता है। सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहाकि मंत्रालय कई क्षेत्रीय फिल्म समारोह भी करता है, जो मुख्यधारा से अछूते रहे क्षेत्रों में जमीनीस्तर पर फिल्म निर्माण, फिल्म देखने और एमएंडई सामग्री का उपभोग करने की संस्कृति का प्रसार करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहाकि फिक्की फ्रेम्स जैसे सम्मेलन भारत को एमएंडई क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाएंगे और हमारे देश में कई गुना प्रभाव लाएंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे। मंगल प्रभात लोढ़ा ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से सम्मेलन के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहाकि आनेवाले समय में भारत जैसे युवा राष्ट्र केलिए कौशल और पुन: कौशल को अत्यधिक महत्व मिलेगा। उन्होंने उद्योग जगत से कौशल क्षेत्र में सहायता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करना सभीके सामूहिक योगदान पर निर्भर करता है।
अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने कहाकि फिक्की फ्रेम्स 2024 ने लगातार बदलते मीडिया और मनोरंजन उद्योग केलिए एजेंडा निर्धारित किया है। उन्होंने कहाकि महामारी ने हमें अनुकूलन, नवाचार और नए सिरे से कल्पना करने केलिए मजबूर किया, ताकि हम दर्शकों से जुड़ सकें। उन्होंने कहाकि जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की पसंद विकसित हो रही है, अनूठी और नवोन्मेषी सामग्री प्रदान करने की मांग बढ़ रही है। इस अवसर पर फिक्की-ईवाई रिपोर्ट रीइन्वेंट इंडियाज मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर इज़ इनोवेटिंग फॉर द फ्यूचर भी लॉंच की गई। बीते वर्षों की तरह फिक्की फ्रेम्स 2024 तीन दिनों केलिए उद्योग जगत की हस्तियों, प्रभावशाली लोगों और नीति निर्माताओं सहित एमएंडई हितधारकों केबीच संचार और आदान-प्रदान का मंच प्रदान करेगा। यह सम्मेलन इस उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 400000 से अधिक भारतीय और विदेशी पेशेवरों को एकसाथ लाया है।