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भारत का खसरा और रूबेला पर नियंत्रण

भारत को रेडक्रॉस से खसरा और रूबेला चैंपियन पुरस्कार

भारतीय राजदूत व मिशन की उपप्रमुख ने पुरस्कार लिया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 8 March 2024 05:05:31 PM

india gets measles and rubella champion award from red cross

वाशिंगटन डीसी। भारत को खसरा और रूबेला रोगों की रोकथाम में अनुकरणीय प्रयासों केलिए अमरीका के वाशिंगटन डीसी में रेडक्रॉस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 'खसरा और रूबेला चैंपियन' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार वाशिंगटन डीसी में भारत की राजदूत और मिशन की उपप्रमुख श्रीप्रिया रंगनाथन ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से प्राप्त किया। गौरतलब हैकि खसरे और रूबेला साझेदारी में एक बहुएजेंसी योजना समिति शामिल है, जिसमें अमेरिकन रेडक्रॉस, बीएमजीएफ, जीएवीआई, यूएस सीडीसी, यूएनएफ, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ शामिल हैं। ये संस्थान विश्व में खसरे से होनेवाली मौतों को कम करने और रूबेला बीमारी को रोकने केलिए समर्पित रूपसे कार्य कर रहे हैं।
भारत ने खसरा और रूबेला रोगों में कमी लाने केलिए कई चुनौतियों का सामना किया है। भारत ने एक श्रृंखला के माध्यम से खसरा और रूबेला रोगों के प्रकोप को रोकने में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत सरकार देश से खसरा और रूबेला को समाप्त करने की दिशा में कार्यरत है। एमआर वैक्सीन वर्ष 2017 से देश के सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा है। खसरा और रूबेला टीकाकरण के माध्यम से रोकी जा सकने वाली बीमारियां हैं। खसरा और रूबेला चैंपियन पुरस्कार सार्वजनिक स्वास्थ्य केप्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता और बच्चों में इन संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने में इसके उत्कृष्ट नेतृत्व का उत्सव मनाता है। यह देश के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने केलिए खसरे को एक अनुरेखक के रूपमें उपयोग करता है और खसरा एवं रूबेला उन्मूलन कार्यक्रम में क्षेत्रीय नेतृत्व प्रदान करने केलिए भारत को मान्यता देता है।
भारत सरकार के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सक्रिय खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान और वंचित आबादी तक पहुंचने केलिए नवीन रणनीतियों, सुदृढ़ निगरानी प्रणालियों और प्रभावी जनजागरुकता पहल ने स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खसरा और रूबेला चैंपियन पुरस्कार देश के अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, नीति निर्माताओं और देशभर के समुदायों के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप देश के 50 जिलों में लगातार खसरे का कोई मामला सामने नहीं आया है, जबकि 226 जिलों में बीते 12 महीने में रूबेला का कोई मामला नहीं मिला है।

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