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Saturday 9 March 2024 02:16:48 PM
गाज़ियाबाद। भारत की राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मु ने वायुसेना स्टेशन हिंडन गाज़ियाबाद में शानदार परेड समारोह में भारतीय वायुसेना की 45 स्क्वाड्रन एवं 221 स्क्वाड्रन को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति ध्वज तथा भारतीय वायुसेना के 11 बेस रिपेयर डिपो और 509 सिग्नल यूनिट को राष्ट्रपति की पताका देकर सम्मानित किया। गौरतलब हैकि राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जानेवाला ध्वज और पताका किसीभी सैन्य इकाई को प्राप्त होने वाला सर्वोच्च सम्मान है। भारतीय वायुसेना के इतिहास में ऐसा पहलीबार हुआ हैकि जब एकही समारोह में चार इकाइयों को एकसाथ प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड और कलर्स से सम्मानित किया गया है। वायुसेना स्टेशन हिंडन आगमन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए ध्वज फॉर्मेशन में तीन एमआई-171वी हेलीकॉप्टरों ने हवाई सलामी दी। नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। औपचारिक परेड की कमान 11 बीआरडी के ग्रुप कैप्टन केएस शानू नायर ने संभाली। समारोह में राष्ट्रपति ने 45 स्क्वाड्रन, 221 स्क्वाड्रन, 11 बेस रिपेयर डिपो और 509 सिग्नल यूनिट केलिए पहले दिन के कवर भी जारी किए।
राष्ट्रपति स्टैंडर्ड 45 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन एम सुरेंद्रन और 221 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन शुभांकन ने प्राप्त किया, जबकि प्रेसिडेंट कलर्स 11 बीआरडी के एयर ऑफिसर कमांडिंग एयर कमोडोर आशुतोष वैद्य और 509 एसयू के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन विवेक शर्मा ने प्राप्त किए। राष्ट्रपति ने परेड को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ध्वज और पताका प्राप्त करने वाली इकाइयों को बधाई दी और राष्ट्र केप्रति अनुकरणीय सेवाओं केलिए उनकी सराहना की। राष्ट्रपति ने भारत और विदेशों में युद्ध के समय तथा शांतिकालीन अभियानों के दौरान भारतीय वायुसेना के अदम्य साहस, प्रतिबद्धता एवं बलिदान का उल्लेख किया। उन्होंने देश में चल रहे अंतरिक्ष कार्यक्रमों और आगामी गगनयान मिशन में भी भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर किया। राष्ट्रपति ने कहाकि देशसेवा में भारतीय वायुसेना का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। उन्होंने जिक्र कियाकि वायु योद्धाओं ने साल 1948, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में अद्भुत साहस, समर्पण एवं आत्म बलिदान का परिचय दिया है, इसके अलावा देश विदेश में आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहाकि हमारे वीर वायु सैनिकों की ओर से प्रदर्शित कर्तव्य को लेकर समर्पण और दृढ़ संकल्प सभी नागरिकों केलिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि वायुसेना के अधिकारियों और जवानों केलिए यह गर्व की बात हैकि जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को इसरो के गगनयान मिशन केलिए चुना गया है, वे वायुसेना के अधिकारी हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि तेजीसे बदलते इस युग में सुरक्षा आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं भी तेजीसे बदल रही हैं, अन्य क्षेत्रों की तरह रक्षा क्षेत्र में भी तकनीक की भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। राष्ट्रपति ने इसपर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कीकि भारतीय वायु सेना पिछले कुछ वर्षों से आधुनिक तकनीक अपना रही है। उन्होंने कहाकि मुझे बताया गया है कि 1959 में गठित 45 स्क्वाड्रन फ्लाइंग डैगर्स ने 1965 एवं 1971 के युद्धों के दौरान अनेक अभियान को अंजाम देकर सम्मान अर्जित किया, पिशाच विमानों से शुरू हुई इस स्क्वाड्रन की यात्रा मिग-21 से होते हुए आज स्वदेशी तेजस विमान के माध्यम से आगे बढ़ रही है। वर्ष 1963 में गठित 221 स्क्वाड्रन बहादुर ने भी 1965 और 1971 के युद्धों में असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहाकि इसने बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के दौरान आक्रामक युद्धशैली व कुशलता से अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया है, कारगिल युद्ध में ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान भारतीय वायुसेना के कुल मिशनों में एक चौथाई से अधिक मिशन इस स्क्वाड्रन ने संचालित किए थे।
राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय वायुसेना का 11 बेस रिपेयर डिपो एक अग्रणी रिपेयर डिपो है, भारतीय सशस्त्र संस्थानों का यह पहला डिपो है, जिसे सैन्य उड़ान योग्यता प्रमाणन केंद्र 'अनुमोदित डिजाइन और जीवन विस्तार एजेंसी' का दर्जा प्रदान है, इस डिपो ने लड़ाकू विमानों के अध्ययन करने और उनका कायाकल्प करने में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है और रखरखाव में स्वदेशीकरण को अपना कर आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य की ओरभी कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहाकि 509 सिगनल यूनिट वायु रक्षा प्रणालियों का एक अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है, जो सभी हवाई गतिविधियों की निगरानी करती है, यह यूनिट 'सतत तत्पर' के अपने आदर्श वाक्य पर निष्ठापूर्वक अडिग है। राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए प्रसन्नता व्यक्त कीकि भारतीय वायुसेना की सभी शाखाओं में महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, उन्हें वायुसेना में करियर बनाने केलिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास केसाथ कहाकि आनेवाले समय में अधिक से अधिक लड़कियां वायुसेना में शामिल होंगी और देश की सेवा करेंगी। उन्होंने कहाकि वायुसेना में महिलाओं का बढ़ता प्रतिनिधित्व वायुसेना को और अधिक समावेशी बनाएगा।