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Tuesday 12 March 2024 03:06:12 PM
श्रीनगर। केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने एसकेआईसीसी श्रीनगर में जम्मू कश्मीर डिवीजन के ग्रामीण कारीगरों को खादी ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 411 मशीनरी और टूलकिट प्रदान किए हैं। इस दौरान हनी मिशन योजना केतहत वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए जम्मू के 30 मधुमक्खी पालकों को 300 मधुमक्खी बक्से वितरित किए गए, कुम्हार सशक्तिकरण योजना केतहत कश्मीर के 100 कुम्हारों को 100 इलेक्ट्रिक चाक दिए गए, 100 शिल्पियों को 10 हाइड्रा पल्पर पेपर माचे मशीनें दी गईं, एबीएफपीआई योजना के तहत 10 कारीगरों को फल और सब्जी मशीनों का 1 सेट दिया गया और पीएमटीसी पंपोर में प्रशिक्षण ले रहे 200 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए।
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने इस अवसर पर कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार की गारंटी से बीते 10 वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की पहुंच स्थानीय से वैश्विक हो गई है। उन्होंने कहाकि ग्रामीण भारत के कुशल कारीगरों को 'आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत' और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान' से जोड़ने केलिए केवीआईसी कारीगरों को टूलकिट और मशीनरी केसाथ बड़े पैमाने पर आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहाकि ग्रामोद्योग विकास योजना केतहत केवीआईसी ने अबतक 27000 से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए हैं, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में एक बड़ा बदलाव आया है। योजना केतहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी वितरित की जा चुकी हैं, जबकि हनी मिशन योजना केतहत अबतक 20000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक मधुमक्खी के शहद बॉक्स और मधुमक्खी कॉलोनी वितरित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहाकि खादी कारीगरों से सीधा संवाद स्थापितकर जम्मू के कार्यालय में 110 खादी संस्थानों के माध्यम से 10000 से अधिक खादी कारीगरों को रोज़गार मिल रहा है एवं खादी कारीगरों में 80 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है।
मनोज कुमार ने कहाकि प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से पांच वर्ष में जम्मू-कश्मीर में 54252 नई इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनपर भारत सरकार ने 27 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी केसाथ 1124.39 करोड़ रुपये दिए हैं। इसके जरिए जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में 4,34,016 नए लोगों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। मनोज कुमार ने कारीगरों केसाथ विचार साझा करते हुए कहाकि 10 वर्ष में 'नए भारत की नई खादी' ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई दिशा दी है, परिणामस्वरूप इस अवधि में खादी उत्पादों की बिक्री चार गुना से अधिक बढ़ गई है, खादी के उत्पादन और बिक्री में वृद्धि से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूपसे समृद्ध हुए हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने केलिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग भारत के गांवों और सीमावर्ती क्षेत्रों में जा रहा है और मधुमक्खी पालन, मिट्टी के बर्तन, चमड़े का काम और अगरबत्ती बनाने जैसी विभिन्न ग्रामोद्योग गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
मनोज कुमार ने कहाकि खादी और ग्रामोद्योग आयोग वेस्ट वुड और टर्नवुड क्राफ्ट जैसे कई ग्रामीण कुटीर उद्योगों में बेहद ग़रीब श्रमिकों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहाकि प्रशिक्षित श्रमिकों को उद्योग से संबंधित मशीनरी और टूलकिट वितरित किए जाते हैं, इसी तरह 2018-19 से 2022-23 तक जम्मू कश्मीर ने 895 मधुमक्खी पालकों को लगभग 8950 मधुमक्खी बक्से और मधुमक्खी कॉलोनी वितरित की हैं, 600 कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक केसाथ अगरबत्ती उत्पादन में शामिल 40 श्रमिकों को संबंधित मशीनरी और टूलकिट वितरित किए गए हैं। वितरण कार्यक्रम में केवीआईसी सदस्य (उत्तरी क्षेत्र) नागेंद्र रघुवंशी, खादी संस्थानों के प्रतिनिधि, खादी श्रमिक और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थी, बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।