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Wednesday 13 March 2024 12:24:30 PM
पोखरण (राजस्थान)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शौर्य भूमि राजस्थान के पोखरण में भारत की तीनों सेनाओं के लाइव फायर और त्वरित कार्रवाई अभ्यास के रूपमें स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के एक समन्वित प्रदर्शन का अवलोकन किया। 'भारत शक्ति' में देश की शक्ति के प्रदर्शन के रूपमें स्वदेशी हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की गई, जिसपर प्रधानमंत्री ने कहाकि रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण पर भारत गौरवांवित है और जो देश की शानदार भरोसेमंद आत्मनिर्भर पहल है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारतीय सेनाओं का प्रदर्शित पराक्रम और कौशल नए भारत का आह्वान है। उन्होंने कहाकि पोखरण एकबार फिर भारत की आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और उसके आत्मगौरव की त्रिवेणी का साक्षी बना है, यह वही पोखरण है, जो भारत की परमाणु शक्ति का साक्षी है और यहीं पर आज हम फिर स्वदेशीकरण से सशक्तिकरण का दम देख रहे हैं। उन्नत एमआईआरवी तकनीक से लैस लंबी दूरी की अग्नि मिसाइल के परीक्षण पर प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनिया के बहुतही कम देशों केपास ऐसी आधुनिक तकनीक और क्षमता है, यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की एक और बड़ी उड़ान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरों पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहाकि विकसित भारत की कल्पना आत्मनिर्भर भारत के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहाकि भारत खाने के तेल से आधुनिक लड़ाकू विमान तक हरक्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की सफलता भारत के टैंकों, तोपों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और मिसाइल प्रणालियों से देखी जा सकती है, जो भारत की मजबूत सैन्य शक्ति को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री ने हर्षपूर्वक कहाकि हम हथियार और गोला बारूद, संचार उपकरण, साइबर और स्पेस तक मेड इन इंडिया की उड़ान अनुभव कर रहे हैं, यही तो 'भारत शक्ति' है। उन्होंने स्वदेश निर्मित तेजस लड़ाकू विमानों, उन्नत हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों, पनडुब्बियों, विध्वंसक, विमान वाहक, उन्नत अर्जुन टैंक और तोपों का भी उल्लेख किया। रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के कदमों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने नीतिगत सुधारों और निजी क्षेत्र को शामिल करने तथा क्षेत्र में एमएसएमई स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने का जिक्र किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों का उल्लेख किया और वहां 7000 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्ट्री ने भारत में काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बाहर से न मंगाई जानेवाली वस्तुओं की सूची तैयार करने और इन वस्तुओं के भारतीय इकोसिस्टम का समर्थन करने केलिए तीनों सेनाओं के प्रमुखों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि इन 10 वर्ष में स्वदेशी कंपनियों से 6 लाख करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे गए हैं, इस दौरान देश का रक्षा उत्पादन दोगुना होकर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है, इन 10 वर्ष में 150 से अधिक रक्षा स्टार्टअप शुरू हुए हैं और रक्षा बलों ने उन्हें 1800 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार और उपकरण स्वदेशी रूपसे बनाए जाते हैं तो सशस्त्र बलों की ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है, इन 10 वर्ष में भारत ने अपने स्वयं के लड़ाकू जेट, विमान वाहक, सी 295 परिवहन विमान और उन्नत उड़ान इंजन का उत्पादन किया है। भारत में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के डिजाइन, विकास और निर्माण के हालिया कैबिनेट निर्णय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र के विकास और भविष्य में पैदा होने वाले असंख्य रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर पैदा होने पर विश्वास जताया। उस समय को याद करते हुएकि जब भारत दुनिया में सबसे बड़ा रक्षा आयातक हुआ करता था प्रधानमंत्री ने रक्षा निर्यातक के रूपमें भारत के उद्भव पर प्रकाश डाला और 2014 की तुलना में देश के रक्षा निर्यात में आठ गुना वृद्धि का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने 2014 से पहले रक्षा घोटालों, गोला-बारूद की कमी और आयुध कारखानों की खराब हालत होने के माहौल को याद करते हुए आयुध कारखानों को 7 बड़ी कंपनियों में निगमित करने का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि इसी तरह एचएएल को बर्बादी के कगार से वापस लाया गया और रिकॉर्ड लाभ वाली कंपनी में बदल दिया गया। उन्होंने सीडीएस के निर्माण, वॉर मेमोरियल और सीमावर्ती अवसंरचना की स्थापना का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने वन रैंक वन पेंशन के कार्यांवयन का उल्लेख करते हुए गौरव केसाथ कहाकि मोदी की गारंटी का मतलब क्या होता है, यह हमारे सैनिक परिवारों ने भी अनुभव किया है। उन्होंने बतायाकि राजस्थान के 1.75 लाख रक्षाकर्मियों को ओआरओपी के तहत 5000 करोड़ रुपये का लाभ मिला है। उन्होंने इस बात पर बल दियाकि सशस्त्र बलों की ताकत राष्ट्र की आर्थिक ताकत के अनुपात में बढ़ती है। उन्होंने कहाकि जब हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेंगे तो भारत का सैन्य सामर्थ भी नई बुलंदी पर होगा। उन्होंने इस प्रक्रिया में राजस्थान की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहाकि विकसित राजस्थान विकसित सेना को भी उतनी ही ताकत देगा। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवके राम चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार भी उपस्थित थे।