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Wednesday 13 March 2024 04:30:38 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने राष्ट्रीय संग्रहालय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की पुनर्निर्मित वेबसाइट का अनावरण किया। उन्होंने कॉरपोरेट घरानों के प्रतिनिधियों को एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 केतहत स्मारकों को अंगीकार करने केलिए समझौता ज्ञापन भी सौंपे। मीनाक्षी लेखी ने इस अवसर पर कहाकि एएसआई की पुनर्निर्मित वेबसाइट और हेरिटेज 2.0 को अपनाना भारत की परंपरा केसाथ डिजिटलीकरण समावेशन एवं आधुनिकता का एक ठोस कदम है। उन्होंने कहाकि यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विरासत भी विकास भी' के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहाकि केवल एएसआई का कॉरपोरेट्स केसाथ एमओयू हमारी 4000 विरासतों को संरक्षित करने के अपने कार्य को पूरा नहीं कर सकता है, ऐसे में इस प्रयास में सभीको शामिल किया जाना चाहिए, चाहे वह सरकार हो, कॉरपोरेट्स या फिर नागरिक हों, 'सबका साथ सबका विकास और सबका प्रयास' की थीम पर सभीको मिलकर काम करने की जरूरत है।
संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने कहाकि 4000 स्मारकों में से 14 को अंगीकारकर इस यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहाकि दर्शकों को बेहतर अनुभव देने, स्मारकों का जीवंत इतिहास बताने और भारत की संस्कृति में उनके स्थान को और अधिक बेहतर ढंग से व्याख्या की जाएगी। उन्होंने कहाकि जब हमने 'अडॉप्ट ए हेरिटेज वेबसाइट' बनाई थी, उसपर हजारों स्मारक लोड किए गए थे। उन्होंने कहाकि कॉरपोरेट इंडिया सीमित रूपमें या व्यापक रूपसे इन्हें अपना सकता है और देश के अमृतकाल का हिस्सा बन सकता है। उन्होंने कहाकि आजकल छात्र जानकारी लेने केलिए वेबसाइट को एक मूल्यवान संसाधन मानते हैं, ऐसे में इस व्यापक डिजिटल बदलाव से सभी लोग तकनीक का लाभ उठा सकते हैं, जो एएसआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गोविंद मोहन ने कहाकि यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया हैकि ज्यादा से ज्यादा लोग देश के सांस्कृतिक खजानों के बारेमें जान सकें। एएसआई देशभर में 3600 से अधिक स्मारकों को अपने संरक्षण में रखने केसाथ इन सांस्कृतिक विरासत में आगंतुकों की सुरक्षा और उनके अनुभव को बेहतर बनाने में बाहरी भागीदारों के साथ सहयोग के महत्व को पहचानता है।
एएसआई और कॉरपोरेट प्रतिनिधियों केबीच करार से विशिष्ट स्मारकों को अपनाने, उनके रखरखाव में योगदान देने और लोगों के सामने बेहतर तरीके से विवरण प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी लेने की प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप दिया जाएगा। स्मारक सारथी/ साथी केलिए चयन प्रक्रिया में उचित परिश्रम, विभिन्न पक्षों केसाथ चर्चा और प्रत्येक स्मारक पर उनकी प्रतिबद्धता केसाथ क्षमता का मूल्यांकन शामिल था। चयनित स्मारक सारथी/ साथी स्वच्छता, सुगम्यता, सुरक्षा और ज्ञान श्रेणियों में सुविधाएं प्रदान करने और रखरखाव करने केलिए जिम्मेदार होंगे, उन्हें जिम्मेदार और विरासत के अनुकूल इकाइयों के रूपमें स्थापित किया जाएगा। यह पहल मौजूदा एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 कार्यक्रम पर आधारित है और भावी पीढ़ियों केलिए हमारी विरासत की रक्षा करने और दर्शकों का शुरू से अंततक अनुभव बेहतर बनाने में सार्वजनिक और निजी दोनों संस्थाओं की सामूहिक जिम्मेदारी को रेखांकित करती है। इन स्मारकों की सूची में कुतुब मीनार, पुराना किला अग्रसेन की बावली, हुमायूं का मकबरा, ऊपरी किला अगुआडा, एलीफेंटा गुफाएं, आगरा का किला, भीमबेटका, बौद्ध स्तूप, कैलाशनाथ मंदिर, खजुराहो का मंदिरों का समूह, सफदरजंग का मकबरा, स्मारकों का समूह, मामल्लापुरम, जमाली कमाली व बलबन के मकबरे केबीच का क्षेत्र और कोणार्क का सूर्य मंदिर प्रमुख हैं।