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Tuesday 19 March 2024 12:13:34 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 125वें प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल राज्य सिविल सेवा अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी अधिकारियों को पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने पर बधाई दी और कहाकि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के रूपमें आपकी नौकरी अखिल भारतीय आयाम प्राप्त करती है और बहुत अधिक जिम्मेदारी की भी मांग करती है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि वे सभी राज्य सरकारों में वरिष्ठ स्तरपर कार्यरत हैं, साथही उनमें से कई लोगों ने 20 साल से अधिक की सेवा पूरी कर ली है, इसका मतलब हैकि वे शासन प्रणालियों व उनकी चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं एवं उनमें से प्रत्येक ने अपने राज्य और लोगों के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि वे उस स्थिति में हैं, जहां वे दूसरों केलिए प्रेरणा बन सकते हैं, उनका प्रत्येक कदम उनके आसपास के लोगों को विभाग या संगठन की प्रगति केलिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने केलिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अधिकारियों से कहाकि देश 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के संकल्प केसाथ बढ़ रहा है और आशा हैकि आपकी कार्यशैली एवं निर्णय देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि आईएएस अधिकारियों के रूपमें उन्हें प्रशासनिक कामकाज, सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर एक अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य विकसित करने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहाकि इन दिनों प्रौद्योगिकी सक्षम और जागरुक नागरिक, प्रदान की जारही हर सेवा की उपलब्धता पर नज़र रखते हैं, चाहे वह सार्वजनिक हो या निजी। उन्होंने कहाकि ये अक्सर पूछे जानेवाले प्रश्नों के दिन हैं और सेवा प्रदाता सक्रिय रूपसे प्रश्नों का उत्तर देते हैं और ग्राहकों को संतुष्ट करने का पूरा प्रयास करते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि आपको डिजिटल गवर्नेंस के बदलावों को अपनाना है, इसके अनुसार अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है और एक कुशल एवं स्मार्ट प्रशासन केलिए आपको एआई, ब्लॉकचेन और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी नवीनतम तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि यह वह समय है, जब सहयोग और अनुकूलन समय की मांग है। उन्होंने कहाकि कम समय अवधि में वांछित परिणाम प्राप्त करने केलिए संगठनात्मक, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर विभिन्न हितधारकों केबीच सहयोग जरूरी है, इसी तरह समृद्ध और विविध अनुभवों केसाथ नए विचारों और नई प्रौद्योगिकियों का अनुकूलन ऐसे अनेक प्रभावशाली बदलाव ला सकता है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रशासनिक अधिकारियों को कोईभी विकास का कार्य करते समय स्थिरता और समावेशिता को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहाकि चूंकि दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरों का सामना कर रही है, इसलिए यह भी आवश्यक हैकि वे पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपनाने और स्थिरता को प्रोत्साहन देने केलिए नवीन उपाय करें। उन्होंने कहाकि समावेशन विकास का एक और प्रमुख पहलू है, जिसका अर्थ है भागीदारी को प्रोत्साहित करना और वंचित तथा हाशिए पर रहनेवाले वर्गों सहित सभीकी प्रगति सुनिश्चित करना है।