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Tuesday 16 April 2024 04:42:45 PM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने देश में अबतक की सबसे अधिक प्रलोभन संबंधी सामग्री जब्त की है, जो देश में लोकसभा चुनाव के 75 साल के इतिहास में आगामी 2024 चुनाव के दौरान रिकॉर्ड जब्ती है। शुक्रवार 19 अप्रैल को 18वीं लोकसभा केलिए पहले चरण का मतदान शुरू होने से पहले धनबल के खिलाफ निर्वाचन आयोग के संघर्ष की दृढ़ता केसाथ प्रवर्तन एजेंसियों ने 4650 करोड़ से अधिक रुपये की रिकॉर्ड जब्ती की। यह 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान जब्त किए गए 3475 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि है। गौरतलब हैकि 45 प्रतिशत जब्ती ड्रग्स और नशीले पदार्थों की है, जिनपर आयोग का विशेष ध्यान था। यह जब्ती व्यापक योजना, सहयोग, एजेंसियों की सम्मिलित निवारण कार्रवाई, सक्रिय नागरिक भागीदारी और प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग से संभव हुई है। यह बरामदगी लोकसभा चुनाव को प्रलोभन और चुनावी कदाचार से मुक्त कराने और समान अवसर सुनिश्चित करने के ईसीआई के संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बीते महीने चुनाव की घोषणा करते हुए धन शक्ति को जोर देकर '4एम' चुनौतियों में से एक बताया था। सीईसी राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने ईसी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू केसाथ 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान में तैनात सभी केंद्रीय पर्यवेक्षकों से विचार-विमर्श किया, जो मुख्य रूपसे प्रलोभन मुक्त चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने केलिए सख्ती, निगरानी और जांच पर केंद्रित था। यह बरामदगी विशेष रूपसे छोटे और कम संसाधन वाले दलों के पक्ष में समान अवसर केलिए प्रलोभनों की निगरानी करने और चुनावी कदाचार पर अंकुश लगाने केलिए ईसीआई की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। तमिलनाडु के नीलगिरी में एक घटना में चुनाव आयोग ने कर्तव्य में ढिलाई और एक प्रमुख नेता के काफिले की चुनिंदा तरीके से जांच करने केलिए फ्लाइंग स्क्वाड टीम के लीडर को निलंबित कर दिया है। इसी तरह अधिकारियों ने एक राज्य के मुख्यमंत्री के काफिले में वाहनों की जांच की और दूसरे राज्य में एक उपमुख्यमंत्री के वाहन की भी जांच की। आयोग ने लगभग 106 सरकारी सेवकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है, जो चुनाव प्रचार में राजनेताओं की सहायता करते हुए आचार संहिता और निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए गए।
सीईसी राजीव कुमार ने आयकर, हवाई अड्डे के अधिकारियों और संबंधित जिलों के एसपी द्वारा निर्धारित समय के बिना विमानों एवं हेलीकॉप्टरों के उड़ान भरने की निगरानी और निरीक्षण करने, अंतर्राष्ट्रीय जांच चौकियों और जीएसटी अधिकारियों पर बॉर्डर एजेंसियों के कड़ी नज़र रखने, गोदामों विशेष रूपसे मुफ्त उपहारों के भंडारण केलिए बनाए गए अस्थायी गोदामों की बारीकी से निगरानी करने केलिए बीसीएएस निर्देशों के सख्त अनुपालन पर जोर दिया। चुनाव आयोग ने हमेशा इस बातपर जोर दिया हैकि परिवहन के सभी साधनों पर बहुआयामी निगरानी हो, सड़क परिवहन केलिए चेक पोस्ट और नाका, तटीय मार्गों केलिए तटरक्षक और डीएम एसपी केसाथ हवाई मार्गों केलिए एजेंसियों केसाथ निर्धारित समयसारणी के अनुसार उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टरों और विमानों की भी जांच हो। चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली बाधाओं को दूर करने और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सभी प्रवर्तन एजेंसियों को एक मंच पर लाने से मौजूदा स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ है। निगरानी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी की शुरुआत केसाथ ईएसएमएस एक ईसीआई इनहाउस विकसित पोर्टल एक उत्प्रेरक साबित हो रहा है। अवरोधन और बरामदगी की वास्तविक समय रिपोर्टिंग केलिए नवीन नवाचार, बरामदगी के दोहराव से बचने का परीक्षण विधानसभा चुनावों के आखिरी दौर में किया गया था।
ईएसएमएस पोर्टल सभी नियंत्रण स्तरों पर त्वरित और समय पर समीक्षा केलिए माउस क्लिक करने पर डिजिटल मार्ग और जब्ती जानकारी की सुविधा प्रदान करता है। आंकड़ों के अनुसार विभिन्न एजेंसियों के 6398 जिला नोडल अधिकारी, 734 राज्य नोडल अधिकारी, 59000 फ्लाइंग स्क्वाड और स्टेटिक्स सर्विलांस टीम को विस्तृत वास्तविक समय की निगरानी और अपडेट केलिए ईएसएमएस प्लेटफॉर्म पर शामिल किया गया है। नोडल अधिकारियों को ईएसएमएस के उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रणाली ने 2023 के दौरान विधानसभा चुनाव के दौरान मजबूती से जड़ें जमा ली थीं, जब पिछले चुनाव में 239.35 करोड़ रुपये के मुकाबले 2014.26 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर में सफल कार्यांवयन और क्षेत्र से फीडबैक केसाथ मौजूदा चुनाव में कार्यांवयन से पहले इसकी समीक्षा की गई है और इसे मजबूत बनाया गया है। सावधानीपूर्वक और विस्तृत योजना, सबसे अधिक संख्या में प्रवर्तन एजेंसियों की भागीदारी, एजेंसियों केबीच सहयोगात्मक प्रयास केलिए केंद्र और राज्यों दोनों से सबसे बड़ी संख्या में प्रवर्तन एजेंसियों को इकट्ठा किया गया है।
लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले और जनवरी 2024 से और अधिक गहनता से चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चुनाव में धनबल के प्रभाव से निपटने के महत्व पर जोर देने केलिए प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश का दौरा किया है। जिलों की गहन समीक्षा और उनके प्रदर्शन का आकलन करने व चुनाव के दौरान वित्तीय संसाधनों के दुरुपयोग के खिलाफ बढ़ी हुई सतर्कता को प्रोत्साहित करने केलिए मुख्य सचिवों, डीजीपी और प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों से चर्चा की है। फ़ील्डस्तरीय कर्मचारी भी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा चल रही समीक्षा के अधीन हैं। परिणामस्वरूप चुनाव की आधिकारिक घोषणा से पहले के महीनों में देशभर में नकदी, शराब, ड्रग्स, कीमती धातुओं और मुफ्त उपहारों के रूपमें कुल 7502 करोड़ रुपये की जब्ती दर्ज की गई, इससे अबतक कुल 12000 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती हो गई है। विशेष रूपसे नशीले पदार्थों की बरामदगी पर काफी ध्यान दिया गया, जो जनवरी और फरवरी 2024 में कुल बरामदगी का लगभग 75 प्रतिशत था। चुनाव आयोग ने मादक पदार्थों की तस्करी केलिए प्रमुख मार्गों और गलियारों की पहचान करने एवं प्रभावी जवाबी उपाय सुनिश्चित करने केलिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशालय और उसके वरिष्ठ अधिकारियों केसाथ सहयोग किया है।
निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव केलिए व्यय पर्यवेक्षकों के रूपमें नियुक्त वरिष्ठ अधिकारी आयोग की आंख व कान के रूपमें काम करते हैं, कुल 656 व्यय पर्यवेक्षकों को संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को सौंपा गया है, जबकि 125 को अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किया गया है। डोमेन विशेषज्ञता के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड और चुनाव प्रक्रियाओं के अनुभव वाले विशेष व्यय पर्यवेक्षकों को भी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में तैनात किया गया है। निर्वाचन आयोग के सीविजिल ऐप ने किसीभी प्रकार के प्रलोभन के वितरण पर नागरिकों से सीधे शिकायतों के माध्यम से व्यय निगरानी प्रक्रिया को भी मजबूत किया है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से नकदी, शराब और मुफ्त वस्तुओं के वितरण से संबंधित कुल 3262 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। चुनाव आयोग ने गठित 'जिला शिकायत समितियों' को जब्ती से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान केलिए निर्दिष्ट स्थानों पर दैनिक सुनवाई करने का निर्देश दिया। सीईओ और डीईओ को इन समितियों के प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। ये उपाय एक व्यापक व्यय निगरानी प्रक्रिया की आधारशिला के रूपमें काम करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जनता को कम से कम असुविधा केसाथ बरामदगी में वृद्धि होती है। आनेवाले दिनों में अभियान तेज होने के साथ चुनाव आयोग अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रलोभन मुक्त चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने केलिए अपनी सतर्कता बढ़ाने केलिए तैयार है।