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Saturday 20 April 2024 12:23:26 PM
नई दिल्ली/ लखनऊ। स्वदेशी और अत्याधुनिक तेजस विमानों के निर्माण केलिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है। इसे वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ ने मौजूदा 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के ऑर्डर को पूरा करने केलिए इनके उत्पादन की तैयारी पहले से ही कर ली है। एलसीए तेजस के सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल में अत्याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। यह अतिउन्नत सर्वो वाल्व आधारित इलेक्ट्रो हाइड्रोलिक सर्वो एक्टयूएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल का दावा करता है।
अत्याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक उच्च दबाव, नियंत्रण मॉड्यूल, अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण और परीक्षण की विशेषता से लैस हैं तथा स्वदेशी तकनीकी कौशल में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निरंतर अनुसंधान का प्रतीक है। रिसर्च सेंटर इमारत हैदराबाद और केंद्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान बेंगलुरु केसाथ समन्वय करके एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स केलिए सफल उड़ान परीक्षणों ने उत्पादन से जुड़े कार्यों का मार्ग प्रशस्त किया है। इन महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन सहायक उपकरण प्रभाग हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ में किया जारहा है।
स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल भारत की विमान और अंतरिक्ष यान विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस प्रयास में सीईएमआईएलएसी और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय जैसी प्रमाणन एजेंसियों के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस मुंबई, सार्वजनिक और निजी उद्योगों का उल्लेखनीय योगदान है। डीआरडीओ के अध्यक्ष और सचिव एवं एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के महानिदेशक ने इस उपलब्धि पर एडीए, आरसीआई, एचएएल, सीएमटीआई और भागीदार उद्योग टीमों को बधाई दी है।