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Tuesday 23 April 2024 11:04:44 AM
नोम पेन्ह/ नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक प्रशासन एवं पेंशन मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने सिविल सेवा में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सहयोग केलिए सिविल सेवा मंत्रालय कंबोडिया केसाथ समझौता किया है, जो अगले 5 वर्ष के दौरान सिविल सेवा में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में भारत और कंबोडिया केबीच सौहार्दपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूती देगा। कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में एक औपचारिक समारोह में इस एमओयू पर किंगडम ऑफ कंबोडिया की ओरसे उप प्रधानमंत्री और सिविल सेवा मंत्री हुन मैनी और भारत सरकार की ओरसे कंबोडिया में भारत की राजदूत डॉ देवयानी खोबरागड़े ने हस्ताक्षर किए।
डीएआरपीजी सचिव वी श्रीनिवास ने इस अवसर पर कहाकि यह समझौता सिविल सेवाओं में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में दोनों देशों केबीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान एवं सहयोग को मजबूत करने और बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा, साथही भारत की कार्मिक प्रशासन एजेंसियों और कंबोडिया के सिविल सेवा मंत्रालय की एजेंसियों केबीच संवाद की सुविधा भी प्रदान करेगा। समझौते के तहत ऐसा प्रशासनिक सुधारों, सुशासन संबंधी वेबिनार, शोध प्रकाशनों, संस्थागत आदान प्रदान, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और सुशासन के तौर-तरीकों को एकदूसरे के यहां लागू किए जाने पर केंद्रित यात्राओं के माध्यम से किया जाएगा। भारत के अमृतकाल उत्सव में केंद्र सरकार नागरिकों और सरकार केबीच की खाई को पाटकर अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों को अपनाने केलिए व्यापक रूपसे प्रतिबद्ध है। सरकार का नीति वाक्य अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार है, जो डिजिटल रूपसे सशक्त नागरिक और डिजिटल रूपसे परिवर्तित संस्थान की परिकल्पना करता है।
गौरतलब हैकि वर्ष 2023-24 में कंबोडिया के 156 सिविल सेवकों ने भारतीय राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में हुए 4 क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लिया था। वर्ष 2024-25 केलिए कंबोडिया के 240 सिविल सेवकों केलिए 6 क्षमता निर्माण कार्यक्रम होना प्रस्तावित है। भारत की ओर से एमओयू के सभी प्रावधानों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। इस दौरान विदेश मंत्रालय, कंबोडिया में भारतीय दूतावास, भारत में कंबोडिया के दूतावास और किंगडम ऑफ कंबोडिया के सिविल सेवा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, लंदन में भारतीय उच्चायोग से डीएआरपीजी सचिव वी श्रीनिवास, डीएआरपीजी संयुक्त सचिव एनबीएस राजपूत और डीएआरपीजी उप सचिव पार्थसारथी भास्कर भी उपस्थित थे।