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Wednesday 24 April 2024 04:40:55 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छठे अंतर्राष्ट्रीय आपदारोधी अवसंरचना सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए आपदा राहत इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्वपूर्ण मुद्दे पर वैश्विक चर्चा और निर्णयों को मजबूत करने पर जोर दिया। वर्ष 2019 में स्थापना केबाद से आपदा राहत बुनियादी ढांचे केलिए विश्व के 39 देशों व 7 संगठनों के गठबंधन की प्रभावशाली प्रगति को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यह अब एक वैश्विक गठबंधन है। उन्होंने कहाकि भविष्य केलिए यह एक अच्छा संकेत है। प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि लोगों, परिवारों और समुदायों पर इसका वास्तविक प्रभाव संख्याओं से परे है, क्योंकि इनसे होनेवाली क्षति का मूल्यांकन आमतौर पर डॉलर में किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनुष्यों पर प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उल्लेख कियाकि भूकंप के कारण घर नष्ट हो जाते हैं, जिससे हजारों लोग बेघर हो जाते हैं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण पानी एवं सीवेज की प्रणालियों में बाधाएं उत्पन्न हो जाती हैं, जिससे लोगों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाता है। उन्होंने ऊर्जा संयंत्रों को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक आपदाओं का भी जिक्र किया, जिससे संभावित खतरनाक स्थितियां पैदा हो सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें बेहतर कल केलिए आज सुदृढ़ बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि आपदा केबाद के पुनर्निर्माण का हिस्सा होने केसाथ नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी सुदृढ़ता को शामिल किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आपदा केबाद राहत एवं पुनर्वास कार्य पूरा करने केबाद सुदृढ़ बुनियादी ढांचे की ओर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि आपदाएं और व्यवधान अत्यधिक परस्पर जुड़े हुए विश्व में व्यापक प्रभाव पैदा करते हैं। उन्होंने कहाकि समस्त विश्व सामूहिक रूपसे तभी सुदृढ़ हो सकता है, जब प्रत्येक देश अपने आपमें सुदृढ़ हो। उन्होंने साझा जोखिमों के कारण सुदृढ़ और साझा महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि सीडीआरआई तथा यह सम्मेलन दुनियाभर को आपदा राहत के सामूहिक मिशन केलिए एकसाथ आने में मदद करेगा। उन्होंने कहाकि साझा रूपसे सशक्त होने केलिए हमें सबसे कमजोर लोगों का समर्थन करना चाहिए। आपदाओं के बहुत अधिक जोखिम वाले छोटे द्वीपीय विकासशील देशों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने ऐसे 13 स्थानों पर आपदा राहत परियोजनाओं के वित्तपोषण केलिए सीडीआरआई कार्यक्रम का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोमिनिका में प्रतिरोधी आवास, पापुआ न्यू गिनी में प्रतिरोधी परिवहन नेटवर्क, डोमिनिकन गणराज्य और फिजी में उन्नत प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों का उदाहरण दिया। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त कियाकि सीडीआरआई का फोकस ग्लोबल साउथ पर भी है। प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान चर्चा के केंद्र में वित्तपोषण सहित एक नए आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह के गठन को याद करते हुए कहाकि इस तरह के कदम सीडीआरआई के विकास केसाथ दुनिया को एक लचीले भविष्य की ओर ले जाएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि अगले दो दिन में अंतर्राष्ट्रीय आपदारोधी अवसंरचना सम्मेलन में सार्थक विचार-विमर्श होगा।