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हाई प्रोटेक्शन की बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार

नई प्रक्रियाओं के साथ नई तरह की सामग्री का इस्तेमाल

देश की सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए सफल विकास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 April 2024 05:53:47 PM

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कानपुर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के कानपुर स्थित रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने 7.62 x 54 आर एपीआई (बीआईएस 17051 का स्तर 6) गोला-बारूद से सुरक्षा हेतु सशस्त्र बलों के जवानों केलिए देश में सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है। हालही में चंडीगढ़ की टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला में बीआईएस 17051-2018 के अनुसार इस बुलेट प्रूफ जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह जैकेट नए डिजाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहांपर नवीन प्रक्रियाओं के साथही नई तरह की सामग्री का इस्तेमाल भी किया गया है। इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजंक्शन विद) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों 7.62 x 54 आर एपीआई (स्नाइपर राउंड) की कई गोलियों (06 शॉट्स) को निष्क्रिय कर देता है।
नई बुलेट प्रूफ जैकेट में श्रम दक्षता की दृष्टि से प्रभावी रूपसे तैयार किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग केसाथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है, जो किसीभी अस्त्र-शस्त्र केसाथ होनेवाली कार्रवाई के दौरान पहनने की क्षमता तथा सहूलियत को बढ़ा देता है। आईसीडब्ल्यू हार्ड आर्मर पैनल और स्टैंडअलोन एचएपी का क्षेत्रफल घनत्व क्रमशः 40 किलोग्राम/मीटर2 तथा 43 किलोग्राम/मीटर2 से कम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष ने उच्चतम स्तर के खतरे से सैनिकों की सुरक्षा केलिए इस सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट के सफल विकास केलिए रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान को बधाई दी है।

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