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Sunday 5 May 2024 03:35:57 PM
सिडनी। भारत और ऑस्ट्रेलिया सहयोगी परियोजनाओं केलिए मिलकर काम करने के साथही बाजार पहुंच के मुद्दों को समय पर हल करेंगे तथा लोगों केबीच परस्पर संपर्क को गहरा करेंगे एवं प्राथमिकता वाले आयात डेटा साझा करने केलिए संस्थागत तंत्र बनाएंगे और चल रही समग्र आर्थिक सहयोग समझौता वार्ताओं के परिणामोन्मुख सफल समापन केलिए नवीन क्षेत्रों पर काम करेंगे। ऑस्ट्रेलिया ओशिनिया क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है और दोनों देशों केबीच 2023-24 में वाणिज्यिक व्यापार लगभग 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा है, जो आगेभी विकास की महत्वपूर्ण संभावना का संकेत देता है। इस हेतु भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के अंतर्गत पहली संयुक्त समिति की बैठक दोनों देशों केलिए व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ करने एवं व्यापार सुविधा, निवेश प्रोत्साहन के साथही प्रौद्योगिकी के समर्थन सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के नए अवसरों की खोज करने केलिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूपमें कार्य करती है।
भारत सरकार में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सीजीआई मेलबोर्न में एक गोलमेज बैठक में आईएनएयू सीईसीए केलिए आईएनएयू आर्थिक साझेदारी और आकांक्षाओं को गहरा करने के तरीकों पर भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई व्यापार जगत के नेताओं केसाथ विस्तृत चर्चा की। केनबरा में विदेश मामलों और व्यापार विभाग के उप सचिव जॉर्ज मीना के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल केसाथ विभिन्न व्यापार और संभावित निवेश संबंधी मुद्दों पर भी सार्थक चर्चा हुई। संयुक्त समिति की बैठक में दोनों पक्षों ने ईसीटीए के सुचारु कार्यांवयन को स्वीकार करते हुए जैविक उत्पादों पर परस्पर मान्यता प्रबंधन सहित भिंडी, अनार, अंगूर, पनीर, मैकाडामिया नट्स, दाल और एवोकैडो जैसे उत्पादों से संबंधित बाजार पहुंच के मुद्दे, टैरिफ दर कोटा की व्यवस्था विशेष रूपसे जेनरिक औषधियों पर ऑस्ट्रेलिया में औषधि मूल्य निर्धारण नियंत्रण, व्हिस्की और वाइन पर नियामक चुनौतियों के उद्देश्य से कार्य समूह की प्रगति और ईसीटीए उपसमिति की बैठकों के परिणामों केसाथ ही समय पर समाधान केलिए नियमित बैठकों की आवश्यकता और इन उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने तथा तटीय पर्यटन व महत्वपूर्ण खनिजों सहित पारस्परिक हित के क्षेत्र और भारत में झींगा एवं केकड़ों केलिए रोगमुक्त क्षेत्र स्थापित करने केलिए सहयोग हेतु आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के कार्यांवयन मुद्दों पर संक्षेप में विवरण दिया।
संयुक्त समिति की बैठक में मासिक आधार पर प्राथमिकता वाले आयात डेटा के नियमित आदान-प्रदान के उद्देश्य से मुक्त व्यापार समझौते केलिए अपनी तरह का पहला संस्थागत तंत्र स्थापित किया। इसमें विशेष रूपसे स्टार्टअप पर निवेश को बढ़ावा देने केलिए आगामी मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंच कार्यक्रम केलिए एकीकृत दृष्टिकोण पर भी संक्षेप में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सेवा मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें सीमापार ई-भुगतान की सुविधा केलिए भारत के अनुरोध एवं नर्सिंग और दंत चिकित्सा जैसे व्यवसायों में पारस्परिक मान्यता समझौतों पर विचार शामिल है। इसके अलावा ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते के अनुरूप ईएनटी/ एलएमटी आवश्यकता को हटाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई, साथही दोनों देशों केबीच स्वास्थ्यकर्मियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने एवं टेली मेडिसिन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी चर्चा की गई। संयुक्त समिति ने ठोस और पारस्परिक रूपसे लाभप्रद आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने केलिए भारत-ऑस्ट्रेलिया दोनों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे दोनों देशों केलिए सहयोग और समृद्धि में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
भारत-ऑस्ट्रेलिया समग्र आर्थिक सहयोग समझौता वार्ता के अंतर्गत नौ दौर केबाद हुई प्रगति समीक्षा करने और इसके पूरा होने की दिशा में आगे बढ़ने केलिए भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते की उपलब्धियों के आधार पर एक संतुलित परिणाम पर पहुंचने केलिए मुख्य वार्ताकार स्तर पर भी चर्चा हुई। बैठक में विश्व व्यापार संगठन के मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग के स्थायी समाधान के लंबे समय से लंबित मुद्दे के शीघ्र समाधान केलिए ऑस्ट्रेलिया के समर्थन के महत्व को स्पष्ट किया। ऑस्ट्रेलिया ने सेवाओं केलिए घरेलू समर्थन की बहुपक्षीय व्यवस्था केलिए भारत से समर्थन मांगा। दोनों पक्ष आवश्यकता पड़ने पर इन मामलों पर अंतर-सत्रीय चर्चा करने पर सहमत हुए। सिडनी और मेलबर्न में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार परिषद एवं व्यापर परिसंघ केसाथ भारतीय उद्योग परिसंघ सहित व्यवसायों और व्यापारिक संगठनों केसाथ बैठकें करके आपसी हित के क्षेत्रों का पता लगाया गया। इन बैठकों में दोनों पक्षों के व्यवसायों एवं सरकारों की कड़ी मेहनत करने और रणनीतिक साझेदारी को एक नए स्तरपर ले जाने केलिए नया समन्वयन करने की अत्यधिक उत्सुकता का पता चला, जिससे दोनों देशों के व्यवसायों और नागरिकों को महत्वपूर्ण लाभ होगा।