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Wednesday 8 May 2024 12:56:21 PM
लेह। भारत और भूटान केबीच 5वें संयुक्त सीमा शुल्क समूह की दो दिनी बैठक लेह में हुई। भारत सरकार के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड के विशेष सचिव एवं सदस्य (सीमा शुल्क) सुरजीत भुजबल और भूटान की शाही सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व एवं सीमा शुल्क विभाग के महानिदेशक सोनम जामत्शो ने बैठक में नए भूमि सीमा शुल्क स्टेशन खोलना और नए व्यापार मार्गों को अधिसूचित करना, बुनियादी ढांचे का विकास, पारगमन प्रक्रियाओं का स्वचालन और डिजिटलीकरण, तस्करी की रोकथाम, समन्वित सीमा पार प्रबंधन, सीमा शुल्क डेटा के आगमन पूर्व आदान-प्रदान, सीमा शुल्क सहयोग पर द्विपक्षीय समझौता और इलेक्ट्रॉनिक कार्गो प्रणाली के तहत पारगमन कार्गो की आवाजाही आदि कई द्विपक्षीय मुद्दों पर गहन चर्चा की। सोनम जामत्शो ने भूटान सीमा शुल्क प्रशासन केलिए आईआरएस कार्यक्रम सहित कार्यशालाओं, सेमिनारों, विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और कौशल विकास प्रदान करने में निरंतर समर्थन केलिए भारत सरकार और विशेष रूपसे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड को धन्यवाद दिया।
भूटान के राजस्व एवं सीमा शुल्क विभाग के महानिदेशक सोनम जामत्शो ने विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के जरिए भूटान केसाथ सीमापार व्यापार एवं आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ाने केलिए भारत सरकार की सराहना की। गौरतलब हैकि सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को फिरसे परिभाषित करने और व्यवहारिक बनाने, सीमा शुल्क सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप सीमापार व्यापार सुविधा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा केलिए भारत-भूटान संयुक्त सीमा शुल्क समूह की बैठकें हर साल आयोजित की जाती हैं। ये बैठकें भूमि सीमाओं पर सुचारू सीमा शुल्क निकासी केलिए संपर्क बढ़ाने और व्यापार बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पश्चिम बंगाल (6) और असम (4) राज्यों में भारत-भूटान सीमा पर 10 भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (लैंड कस्टम स्टेशन) हैं। भारत आयात के स्रोत और निर्यात गंतव्य दोनों के रूपमें भूटान का शीर्ष व्यापारिक भागीदार है। भूटान केसाथ 2014 के बादसे भारत का व्यापार 2014-15 में 484 मिलियन डॉलर से तीन गुना बढ़कर 2022-23 में 1,615 मिलियन डॉलर हो गया है, जो भूटान के कुल व्यापार का लगभग 80 प्रतिशत है।
भूटान केसाथ भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों के माध्यम से व्यापार उसके लिए खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि भूटान एक भूमि से घिरा हुआ देश है, भूटान केसाथ कनेक्टिविटी बढ़ाना भारत की 'पड़ोसी पहले' और 'एक्ट ईस्ट' नीति के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह बैठक आशावादी रुख केसाथ संपन्न हुई। दोनों देश एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करने के नए पहलुओं की खोज करने पर सहमत हुए, जिन्हें पारस्परिक लाभ केलिए अधिकतम किया जा सकता है एवं युवाओं की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं का जवाब दिया जा सकता है और नई प्रौद्योगिकियों व सामाजिक नवाचारों से संबंधित तेजीसे हो रहे बदलावों को अपनाया जा सकता है। दोनों पक्ष आपसी समृद्धि केलिए सीमा शुल्क और व्यापारिक सहयोग को और ज्यादा सुविधाजनक बनाने पर सहमत हुए।