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Saturday 11 May 2024 05:55:22 PM
पेरिस/ नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय कान फिल्म महोत्सव में भारत केलिए यह एक विशेष वर्ष है, क्योंकि भारत पर्व केसाथ प्रतिष्ठित कान फिल्म महोत्सव का 77वां संस्करण भी जोरशोर से तैयार है। भारत की केंद्र एवं राज्य सरकारों और फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों वाला कॉर्पोरेट भारतीय प्रतिनिधिमंडल महत्वपूर्ण पहलों की एक श्रृंखला के जरिए दुनिया के अग्रणी फिल्म बाज़ार मार्चे डु फिल्म्स में भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन करेगा। ऐसा पहलीबार होगा जब 14 से 25 मई 2024 तक होनेवाला 77वां कान फिल्म महोत्सव भारत पर्व की भी मेजबानी करेगा, इसमें दुनियाभर के सिनेमाजगत के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि फिल्मी हस्तियों, फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, खरीदारों और बिक्री एजेंटों केसाथ जुड़ सकेंगे। इसमें विभिन्न स्तरों पर रचनात्मक अवसरों के साथही रचनात्मक प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। भारत पर्व के दौरान 20 से 28 नवंबर 2024 तक गोवा में होनेवाले 55वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के आधिकारिक पोस्टर और ट्रेलर का भी अनावरण किया जाएगा।
भारत पर्व में 55वें आईएफएफआई केसाथ होनेवाले प्रथम विश्व ऑडियो-विजुअल एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) केलिए सेव द डेट का विमोचन होगा। कान फिल्म महोत्सव में 108 विलेज इंटरनेशनल रिवेरा मंच पर 15 मई को प्रख्यात फिल्मी हस्तियों की मौजूदगी में भारत मंडप का उद्घाटन किया जाएगा। भारत मंडप भारतीय फिल्म समुदाय केलिए विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने केलिए एक मंच के रूपमें कार्य करता है, जिसमें उत्पादन कार्य में सहयोग को बढ़ावा देना, क्यूरेटेड ज्ञान सत्र, वितरण सौदे कराना, स्क्रिप्ट की सुविधा, बी2बी बैठकें और दुनियाभर के प्रमुख मनोरंजन एवं मीडिया कर्मियों केसाथ नेटवर्किंग शामिल है। इसका आयोजन राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम उद्योग भागीदार के रूपमें भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ के सहयोग से करेगा। भारतीय फिल्म उद्योग को अन्य फिल्मी हस्तियों से जुड़ने और सहयोग प्रदान करने केलिए भारतीय उद्योग परिसंघ के माध्यम से मार्चे डु कान में एक 'भारत स्टॉल' लगाया जाएगा।
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद के डिजाइन भारत मंडप को इस वर्ष की थीम-क्रिएट इन इंडिया को दर्शाने केलिए इसे 'द सूत्रधार' नाम दिया गया है। इस वर्ष कान फिल्म महोत्सव में भारत की उपस्थिति खास है, जो भारतीय सिनेमा के समृद्ध इतिहास और रचनात्मकता के परिदृश्य को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दर्शाएगा। सुर्खियों में पायल कपाड़िया की प्रसिद्ध कृति ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट दर्शकों को लुभाने और प्रतिष्ठित पाल्मे डी'ओर केलिए प्रतिस्पर्धा को तैयार है। यह विशेष रूपसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि तीन दशक बाद भारतीय फिल्म कान फिल्म महोत्सव के आधिकारिक चयन के प्रतियोगिता खंड में शामिल हुई है। यह सिनेमाई परिदृश्य ब्रिटिश-भारतीय फिल्म निर्माता संध्या सूरी की संतोष में मार्मिक कथा, डायरेक्टर्स फोर्टनाइट में अन सर्टेन रिगार्ड केसाथ करण कंधारी की विचारोत्तेजक सिस्टर मिडनाइट और एल'एसिड में मैसम अली की सम्मोहक इन रिट्रीट से समृद्ध हुआ है। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के छात्र की फिल्म सनफ्लॉवर्स वेयर फर्स्ट वन्स टू नो को ला सिनेफ प्रतिस्पर्धा खंड में चुना गया है। कन्नड़ में बनी यह लघु फिल्म दुनियाभर की प्रविष्टियों केबीच चुनी गई और अब अंतिम चरण में पहुंची 17 अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्मों केसाथ प्रतिस्पर्धा करेगी।
कान फिल्म महोत्सव में श्याम बेनेगल की 'मंथन', जो अमूल डेयरी सहकारी आंदोलन पर केंद्रित फिल्म है को शास्त्रीय अनुभाग में प्रस्तुत किया जाएगा, जो महोत्सव के भारतीय लाइनअप में ऐतिहासिक महत्व का स्पर्श जोड़ेगी। इस फिल्म के रीलों को मंत्रालय की एक इकाई एनएफडीसी-नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया के फिल्म वॉल्ट में कई दशक तक संरक्षित किया गया था और अब फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने सुरक्षित किया है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन को कान फिल्म महोत्सव में प्रतिष्ठित पियरे एंजनीक्स ट्रिब्यूट से सम्मानित किया जाएगा। इस गौरव से सम्मानित होनेवाले वे ऐसे पहले भारतीय बन जाएंगे। वे कान प्रतिनिधियों केलिए मास्टरक्लास भी देंगे। भारत के विविध स्थानों और फिल्म प्रतिभा को प्रदर्शित करने में मदद केलिए गोवा, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड और दिल्ली सहित कई भारतीय राज्यों के भाग लेने की संभावना है। भारत के सहयोग से फिल्म निर्माण के अवसरों की खोज पर प्रचुर प्रोत्साहन और निर्बाध सुविधाएं-'आओ भारत में बनाएं' शीर्षक से 15 मई को 12 बजे मुख्य मंच रिवेरा में एक सत्र आयोजित किया जाएगा।
पैनल चर्चा में फिल्म निर्माण, सह निर्माण के अवसरों और शीर्षस्तर की पोस्ट प्रोडक्शन सुविधाओं केलिए भारत के विशाल प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला जाएगा। पैनल बताएगाकि फिल्म निर्माता इन पहलों का कैसे स्वागत कर रहे हैं, भारत में फिल्मांकन केलिए जमीनी स्तरपर वास्तविक अनुभव क्या हैं और कौनसी रोमांचक कहानियां साझा की जा रही हैं। महोत्सव के दौरान भारत मंडप में संवादात्मक सत्र में भारत में फिल्म निर्माण केलिए प्रोत्साहन, फिल्म समारोहों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, फिल्मांकन स्थल के रूपमें भारत, भारत और स्पेन, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अन्य देशों केसाथ द्विपक्षीय फिल्म सह निर्माण जैसे विषयों शामिल होंगे। इन सत्रों का उद्देश्य सशक्त भारतीय फिल्म उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों केसाथ जुड़ने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं केलिए चर्चा, नेटवर्किंग और सहयोग के अवसरों को सुविधाजनक बनाना है।