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Friday 24 May 2024 07:04:14 PM
पुणे/ पेरिस। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे के छात्र चिदानंद नाइक की कोर्स के अंत में बनाई गई फिल्म 'सनफ्लॉवर वर द फर्स्ट वन्स टू नो' को फ्रांस में 77वें कान्स फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म केलिए कान्स ला सिनेफ पुरस्कार मिला है। विजेता की आधिकारिक घोषणा 23 मई 2024 को महोत्सव में की गई, जहां छात्र निदेशक चिदानंद नाइक ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। यह भारतीय सिनेमा केलिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसमें भारतीय फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर खासी प्रशंसा मिल रही है। फिल्म का निर्देशन चिदानंद एस नाइक ने और फिल्मांकन सूरज ठाकुर ने किया है, संपादन मनोज वी का है और ध्वनि अभिषेक कदम ने दी है। एफटीआईआई ने पिछले कुछ वर्षों में कान्स महोत्सव में अपने छात्रों की फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।
एफटीआईआई छात्रों की एक और फिल्म 'कैटडॉग' के 73वें कान्स में पुरस्कार जीतने के चार साल बाद यह मान्यता मिली है। कान्स फिल्म महोत्सव-77 में विभिन्न श्रेणियों में भारत से कई प्रविष्टियां देखी गईं। एफटीआईआई के कई पूर्व छात्र जैसे पायल कपाड़िया, मैसम अली, संतोष सिवन, चिदानंद एस नाइक और उनकी टीम को इस साल के कान्स में पहचान मिली। फिल्म 'सनफ्लॉवर वर द फर्स्ट वन्स टू नो' एक बुजुर्ग महिला की कहानी है, जो गांव में मुर्गा चुरा लेती है, जिससे समुदाय में अशांति फैल जाती है। मुर्गे को वापस लाने केलिए एक भविष्यवाणी की जाती है, जिसमें बूढ़ी महिला के परिवार को निर्वासन में भेज दिया जाता है। यह एफटीआईआई फिल्म टीवी विंग के एक साल के कार्यक्रम का निर्माण है, जहां विभिन्न विषयों यानी निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक सिनेमैटोग्राफी, संपादन, ध्वनि के चार छात्रों ने साल के अंत में समन्वित अभ्यास के रूपमें एक परियोजना केलिए एकसाथ काम किया।
एफटीआईआई के एक वर्षीय टेलीविजन पाठ्यक्रम के किसी छात्र की यह पहली फिल्म है, जिसको प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुना गया और जीता गया। वर्ष 2022 में एफटीआईआई में शामिल होने से पहले चिदानंद एस नाइक को 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 75 क्रिएटिव माइंड्स में से एकके रूपमें भी चुना गया था, जो सिनेमा के क्षेत्रमें उभरते युवा कलाकारों को पहचानने और सहयोग करने केलिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एक पहल थी। एफटीआईआई के अध्यक्ष आर माधवन ने फिल्म की छात्र इकाई को बधाई दी है। उन्होंने कहाकि इस बेहद प्रतिष्ठित सम्मान केलिए चिदानंद नाइक और सनफ्लॉवर वर द फर्स्ट वन्स टू नो' की पूरी टीम को बधाई! और यही कामना हैकि वह अपनी असाधारण पहचान बनाएं और प्यार केसाथ एक शानदार करियर की शुरुआत करें, साथही ऐसी विश्वस्तरीय प्रतिभा को निखारने केलिए एफटीआईआई केसभी कर्मचारियों और प्रशासन को भी बहुत-बहुत बधाई और अभिवादन!
'ला सिनेफ़' उत्सव का एक आधिकारिक खंड है, जिसका उद्देश्य नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और दुनियाभर के फिल्म स्कूलों की फिल्मों को मान्यता देना है। यह फिल्म दुनियाभर के 555 फिल्म स्कूलों द्वारा प्रस्तुत कुल 2263 फिल्मों में से चुनी गई 18 लघु फिल्मों (14 लाइव एक्शन और 4 एनिमेटेड फिल्मों) में से एक थी। एफटीआईआई की अनूठी शिक्षाशास्त्र और सिनेमा और टेलीविजन के क्षेत्रमें शिक्षा के लिए अभ्यास आधारित सह शिक्षण दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप संस्थान के छात्रों और इसके पूर्व छात्रों ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रशंसा हासिल की है। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिल्म स्कूलों में से एक है और आज इसने भारत को गौरवांवित किया है।