Thursday 30 May 2024 06:04:03 PM
सिनेमैटोग्राफर रवि वर्मन
मुंबई। सिनेमैटोग्राफर रवि वर्मन को हिंदी फिल्म 'जॉय गुरु' की शूटिंग केलिए चुना गया है, जो प्रसिद्ध बाउल गायिका पार्वती बाउल के जीवन पर एक काल्पनिक लेख है। पार्वती बाउल बंगाल की एक बाउल लोक गायिका, संगीतकार और कहानीकार हैं और भारत के अग्रणी बाउल संगीतकारों में से एक हैं। पार्वती बाउल, बंगाल की बाउल परंपरा का पर्यायवाची नाम हैं। माना जाता हैकि वे सिर्फ एक गायिका ही नहीं, बल्कि एक चित्रकार और कवि भी हैं, वे बाउल संप्रदाय के आध्यात्मिक और कलात्मक सार का प्रतीक हैं, उनका जीवन और कार्य बाउल परंपरा के रहस्यमय एवं दार्शनिक पहलुओं से गहराई से जुड़ा हुआ है, जो प्रेम, भक्ति और दिव्य संबंध की खोज पर जोर देता है। इसका निर्देशन स्टूडियो निर्माता अनिरुद्ध दासगुप्ता और एडिटेड मोशन पिक्चर्स (यूएसए/ भारत) के अपर्णा दासगुप्ता और लेखक निर्देशक सौम्यजीत मजूमदार के एलओके आर्ट्स कलेक्टिव (यूके/ भारत) कर रहे हैं। यह फिल्म भारत के सबसे प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक के जीवन और कलात्मकता का एक मनोरम चित्रण करने का वादा करती है।
सिनेमैटोग्राफर रवि वर्मन को सिनेमैटोग्राफी में उनके असाधारण काम और जिन फिल्मों में वे काम करते हैं, उनमें दृश्य भव्यता और भावनात्मक गहराई लाने केलिए जाना जाता है। रवि वर्मन के पोर्टफोलियो में पोन्नियिन सेलवन 1 और 2 'बर्फी', 'तमाशा', 'राम लीला' जैसी उल्लेखनीय फिल्में शामिल हैं, जहां कहानी के सार को अपने लेंस के माध्यम से पकड़ने की उनकी अद्वितीय क्षमता को व्यापक रूपसे सराहा गया है। रवि वर्मन की विशेषज्ञता जटिल कहानी कहने केसाथ प्राकृतिक सुंदरता को मिश्रित करने की उनकी क्षमता में निहित है, जो उन्हें एक ऐसी फिल्म केलिए आदर्श विकल्प बनाती है, जिसका उद्देश्य एक आध्यात्मिक और कलात्मक आइकन के जीवन का पता लगाना है। रवि वर्मन कहते हैंकि फिल्म 'जॉय गुरु' प्रसिद्ध गायिका और संगीतकार पार्वती बाउल के जीवन का जश्न मनाती है। वे कहते हैंकि संगीत और छायांकन एक गहरा, आंतरिक संबंध साझा करते हैं, दोनों आत्मा को गहराई से छूते हैं, बाउल परंपरा कला का एक शुद्ध रूप है और पार्वती बाउल ने इसे जीवित रखकर और कई अन्य भारतीय पारंपरिक लोक कलाओं केसाथ इसका प्रसार करके कला की महत्वपूर्ण सेवा की है। वे कहते हैंकि पार्वती बाउल की निःस्वार्थ सेवा उन्हें बहुत प्रेरित करती है और यह बायोपिक पीढ़ी-दर-पीढ़ी को कला को स्पष्टता केसाथ समझने में मदद करेगी, उन्हें इस फिल्म से जुड़ने पर गर्व है।
सौम्यजीत मजूमदार निर्देशित फिल्म जॉय गुरु का उद्देश्य पार्वती बाउल के जीवन में गहराई से उतरना है, उनके शुरुआती दिनों से लेकर बाउल परंपरा के पथप्रदर्शक बनने तक की उनकी यात्रा की खोज करना है। रवि वर्मन की भागीदारी यह सुनिश्चित करती हैकि फिल्म एक दृश्य मनोरंजन होगी, जिसमें ग्रामीण बंगाल केसाथ-साथ केरल के शांत परिदृश्य, बाउल प्रदर्शन की जीवंत ऊर्जा और पार्वती के जीवन के शांत, आत्मनिरीक्षण क्षण शामिल होंगे। भावनाओं को जगाने केलिए प्रकाश, रंग और रचना का उपयोग करने की उनकी क्षमता पार्वती बाउल की कहानी के आध्यात्मिक और कलात्मक आयामों को स्क्रीन पर लाने में महत्वपूर्ण होगी। रवि वर्मन की सिनेमैटोग्राफिक प्रतिभा और पार्वती बाउल के जीवन की समृद्ध कथा केबीच सहयोग से एक ऐसा सिनेमाई अनुभव तैयार होने की उम्मीद है, जो देखने में आश्चर्यजनक और गहराई से प्रभावित करने वाला होगा, जो गहन और सौंदर्य की दृष्टि से उल्लेखनीय फिल्में बनाने केलिए भारतीय सिनेमा की प्रतिष्ठा को और मजबूत करेगा। वे बताते हैंकि यह फिल्म अपनी अंतिम स्क्रिप्टिंग चरण में है और 2025 तक फ्लोर पर आ जाएगी।