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बकरे की पीठ पर लिखा राम बना अभयदान!

कसाई मोहम्मद शफी शेख गिरफ्तार और बड़ी साजिश हुई विफल

नवीं मुम्बई में बकरा ईद पर बेचने केलिए लाया था राम लिखा बकरा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 17 June 2024 01:43:43 PM

ram written on the back of the goat became a protection gift!

मुंबई। जाको राखे साईंया मार सके ना कोय। जी हां! यह सच्चाई है और हर किसी के साथ जुड़ी है। नवीं मुम्बई में बकरा ईद केलिए एक बकरे की कुर्बानी किस प्रकार विफल हुई यह इस सच्चाई का ज्वलंत उदाहरण है। बकरा ईद पर इस बकरे की कुर्बानी सुनिश्चित थी, मगर उसकी पीठ पर राम लिखना उसे न केवल जीवनदान दे गया, बल्कि उसे बकरा मंडी में बेचने आया मोहम्मद शफी शेख गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे यह कहावत भी चरितार्थ हो गईकि जाको राखे साईंया मार सके ना कोय। हुआ यह कि नवीं मुम्बई में मोहम्मद शफी शेख बकरा ईद पर कुर्बानी के बकरे को उसकी पीठ पर राम लिखकर या लिखाकर उसे बेचने को बकरा मंडी पहुंचा। फिर क्या था यह बकरा सेकेंडों-मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह देख श्रीराम केप्रति आस्थावान हिंदू गुस्से में भर गए। देशभर में प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं और यह आस्था केप्रति नफरत फैलाने और कानून व्यवस्था का मुद्दा बन गया।
कुर्बानी के बकरे की पीठ पर राम, मोहम्मद शफी शेख ने लिखा या किसी ने लिखवाकर इसे बेचने केलिए बकरा मंडी लाया गया, इससे यह तो पता चल ही गया हैकि यह एक वर्ग में नफरत फैलाने की बड़ी साजिश थी। यह भी समझा गयाकि मुसलमानों में हिंदुओं के आराध्य भगवान श्रीराम और अयोध्या में उनके भव्य मंदिर निर्माण के प्रति कितनी दुर्भावना है और वे अपनी दुर्भावनाओं को अंजाम देने केलिए किस हद तक जा सकते हैं। बकरा मंडी में आस्थावान हिंदू पहुंच गए और गनीमत रही कि पुलिस ने भी वहां पहुंचकर त्वरित कार्रवाई करते हुए बकरे को अपने कब्जे में लेकर मोहम्मद शफी शेख को गिरफ्तार कर लिया, अन्यथा यह मामला जनसामान्य में मुंबई में ही नहीं, देश में भी किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया बन जाता। जागरुक नागरिकों और पुलिस की तत्परता से न केवल पीठ पर राम लिखे बकरे को बचा लिया गया, बल्कि मोहम्मद शफी शेख की मीट शॉप पर भी बृह्नमुंबई महानगरपालिका ने ताला लटका दिया, जो शांति व्यवस्था और बड़े धार्मिक टकराव का कारण बनने जा रहा था।
समझने वाले इस घटनाक्रम को इस तरह भी समझ रहे हैंकि जिस बकरे की कुर्बानी निश्चित थी और जिन्होंने जिस मकसद से बकरे की पीठ पर राम लिखकर नफरत फैलाने की कोशिश की, यह नाम उस बकरे को भगवान श्रीराम का आर्शीवाद बन गया। उस बकरे का कोई भी बाल बांका नहीं कर पाया। भगवान श्रीराम केलिए ऐसी सोच रखने वाले देशभर में ही नहीं, दुनियाभर में बेइज्जत और बेनकाब हो गए हैं। मोहम्मद शफी शेख अपने इस घृणित कृत्य से जेल में बेड़ियों में जकड़ दिया गया है। माना जा रहा हैकि बकरा ईद पर धार्मिक उन्माद और शांति भंग की यह बड़ी साजिश थी, जो विफल कर दी गई। बकरा प्रभुश्री राम का कृपापात्र होने से सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

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