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Friday 21 June 2024 02:03:23 PM
श्रीनगर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू कश्मीर न केवल योग, बल्कि स्वस्थ भारत, एकजुट भारत और राष्ट्रवाद से ओतप्रोत नज़र आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में समारोहपूर्वक 10वे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व किया और देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में योगाभ्यास करने वालों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस वर्ष योग दिवस कार्यक्रम युवा मन और शरीर पर योग के गहन प्रभाव को रेखांकित करता है। इसका उद्देश्य योगाभ्यास में हज़ारों लोगों को एकजुट करना, वैश्विक स्तरपर स्वास्थ्य और सेहत को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि योग दुनियाभर को आपस में जोड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने वर्ष 2015 से विभिन्न प्रतिष्ठित स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोहों का नेतृत्व करने की परंपरा शुरू की है, इनमें दिल्ली में कर्तव्य पथ, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और न्यूयॉर्क में संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय भी शामिल है।
वर्ष 2024 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय 'स्वयं और समाज केलिए योग' है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में दोहरी भूमिका के महत्व को दर्शाता है एवं जमीनीस्तर पर भागीदारी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में योग के प्रसार को प्रोत्साहित करता है। प्रधानमंत्री ने योग और साधना की भूमि जम्मू कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर उपस्थित होने केलिए सभीका आभार व्यक्त किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जम्मू कश्मीर में योग से उत्पन्न वातावरण ऊर्जा और अनुभव को महसूस किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की 10वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने स्मरण दिलायाकि संयुक्तराष्ट्र में भारत के प्रस्ताव का रिकॉर्ड 177 देशों ने समर्थन किया था। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के संदर्भ में इसके पश्चात स्थापित किएगए रिकॉर्डों का भी उल्लेख किया जैसे-2015 में कर्तव्य पथ पर 35000 लोगों ने योग किया और गतवर्ष संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय में उनके नेतृत्व में योग दिवस में 130 से अधिक देशों ने भाग लिया। उन्होंने इस बातपर भी प्रसन्नता जताईकि आयुष मंत्रालय के योग प्रमाणन बोर्ड ने भारत के 100 से अधिक संस्थानों और 10 प्रमुख विदेशी संस्थानों को मान्यता दी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनियाभर में योगाभ्यास करने वालों की संख्या बढ़ रही है और इसका आकर्षण निरंतर बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि योग की उपयोगिता को लोग पहचान रहे हैं और शायदही कोई ऐसा वैश्विक नेता हो, जिसने अपने संवादों के दौरान योग पर चर्चा न की हो। उन्होंने कहाकि सभी वैश्विक नेता उनके साथ संवादों के दौरान योग में गहरी रुचि दिखाते हैं, योग दुनिया के हर कोने में दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है। दुनियाभर में योग की बढ़ती स्वीकार्यता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने 2015 में तुर्कमेनिस्तान यात्रा के दौरान एक योग केंद्र के उद्घाटन को स्मरण किया। उन्होंने कहाकि तुर्कमेनिस्तान में राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालयों ने योग चिकित्सा को शामिल किया है, सऊदी अरब ने भी इसे अपनी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाया है और मंगोलियन योग फाउंडेशन कई योग विद्यालयों का संचालन कर रहा है। प्रधानमंत्री ने यूरोप में योग की स्वीकार्यता पर कहाकि अबतक 1.5 करोड़ जर्मन नागरिक योगाभ्यासी बन चुके हैं। उन्होंने इसवर्ष भारत द्वारा 101 वर्षीय फ्रांसीसी योग शिक्षिका को योग में योगदान केलिए पद्मश्री से सम्मानित किए जाने काभी स्मरण किया, जबकि वह एकबार भी भारत नहीं आई थीं। प्रधानमंत्री ने कहाकि योग आज शोध का विषय बन गया है और इसपर कई शोधपत्र पहले ही प्रकाशित हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने एक नई योग अर्थव्यवस्था पर भी बात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग पर्यटन केलिए बढ़ते आकर्षण और प्रामाणिक योग सीखने केलिए भारत आने की लोगों की इच्छा का उल्लेख किया। उन्होंने योग रिट्रीट, रिसॉर्ट, हवाई अड्डों और होटलों में योग केलिए समर्पित सुविधाओं, योग परिधान और उपकरण, व्यक्तिगत योग प्रशिक्षकों और योग केसाथ माइंडफुलनेस वेलनेस पहल करने वाली कंपनियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि ये सभी युवाओं केलिए रोज़गार के नए अवसरों का सृजन कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के विषय 'स्वयं और समाज केलिए योग' की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनिया योग को वैश्विक कल्याण के एक शक्तिशाली संवाहक के रूपमें देख रही है और यह हमें अतीत के बोझ से मुक्त करते हुए वर्तमान में जीने में सक्षम बनाता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि योग हमें यह एहसास दिलाता हैकि हमारा कल्याण हमारे आस-पास की दुनिया के कल्याण से जुड़ा है, जब हम भीतर से शांत होते हैं तो हम दुनिया परभी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। योग के वैज्ञानिक पहलुओं पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने सूचना के अतिरेक से निपटने और इसपर ध्यान केंद्रित करने के महत्व का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बतायाकि यही कारण हैकि सेना से खेल तकके क्षेत्रोंमें योग को शामिल किया जा रहा है, अंतरिक्ष यात्रियों को भी योग और ध्यान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, सकारात्मक विचारों को फैलाने केलिए कारावासों में भी योग कराया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए मार्ग प्रशस्त कर रहा है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि योग से प्राप्त प्रेरणा हमारे प्रयासों को सकारात्मक ऊर्जा देगी। उन्होंने जम्मू कश्मीर खासकर श्रीनगर के लोगों के योग के प्रति उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहाकि यह केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने केलिए एक मंच प्रदान करता है। उन्होंने लोगों की इस भावना कीभी प्रशंसा कीकि वे बारिश के मौसम के बावजूद घर से बाहर निकलकर योग को अपना समर्थन दिखा रहे हैं। उन्होंने कहाकि जम्मू कश्मीर में योग कार्यक्रम केसाथ 50000 से 60000 लोगों का जुड़ना बहुत बड़ी बात है। प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर के लोगों को उनके समर्थन और भागीदारी केलिए धन्यवाद दिया और दुनियाभर के सभी योग उत्साही लोगों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं। योग दिवस भारत सहित पूरे विश्व में मनाया गया। विभिन्न देशों की राजधानियों और प्रख्यात शहरों में योग दिवस के प्रति उत्साह देखा गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्रियों ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य आदि ने भी योग कार्यक्रमों में भाग लिया।