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जापान के लिए मुंबई बहुत खास स्थान!

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव पर जापानी सिनेमा का प्रभाव

योग जैसी पारंपरिक मान्यताओं से हैं भारत और जापान समृद्ध

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 22 June 2024 12:55:18 PM

toshihiro kaneko

मुंबई। भारत-जापान के मित्रतापूर्ण संबंधों केलिए मुंबई बहुत खास है और मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव भी। मुंबई ही वह जगह है, जहां से भारत-जापान दोस्ती के खास संबंध शुरू हुए। जापान के मुख्य उप महावाणिज्यदूत तोशीहिरो कानेको ने इस अवसर पर 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में जापान और मुंबई केबीच संबंधों को रेखांकित किया। वे एमआईएफएफ-2024 में प्रेस कॉंफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। तोशीहिरो कानेको ने 19वीं सदी से भारत-जापान के स्थायी सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि ये जड़ें कपास के व्यापार से शुरू हुईं और आज हाईस्पीड रेल और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक गतिशील साझेदारी में विकसित हो गई हैं। तोशीहिरो कनेको ने दक्षिण मुंबई में 3000 से अधिक जापानी निवासियों की उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला, जो लंबे समय से दोनों देशों को जोड़ने वाले शिपिंग व्यापार मार्गों का प्रमाण है।
राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम केसाथ एक दशक पुरानी साझेदारी का जश्न मनाते हुए उन्होंने महोत्सव में जापानी सिनेमा के गहन प्रभाव पर प्रकाश डाला। इसवर्ष अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा 'जापानी फ़िल्म' अनुभाग विशेष स्क्रीनिंग पैकेज और मोजाइक जैसी श्रेणियों में 11 जापानी फ़िल्में प्रदर्शित की गईं, जिन्होंने पारंपरिक जापानी कलाओं और समकालीन कहानी कहने की तकनीकों के मिश्रण से दर्शकों को आकर्षित किया। तोशीहिरो कानेको ने जापान-भारत केबीच जीवंत सांस्कृतिक आदान-प्रदान को रेखांकित किया और सिनेमा एवं सांस्कृतिक पहलों से कलात्मक सहयोग को बढ़ावा देने तथा भारत-जापान संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने केप्रति जापान की स्थायी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने जापान के फिल्म आयोग द्वारा जापान में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दी जानेवाली पर्याप्त सब्सिडी काभी उल्लेख किया, जिससे देश का पसंदीदा फिल्मांकन स्थल के रूपमें आकर्षण बढ़ा है।
जापान के मुख्य उप महावाणिज्यदूत तोशीहिरो कानेको ने तेजीसे बढ़ते एनीमेशन क्षेत्र पर कहाकि एनीमेशन के क्षेत्र में हम काबुकी थिएटर तकनीकों जैसी पारंपरिक जापानी संस्कृति का मिश्रण देखते हैं, जो समकालीन फिल्मों को औरभी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं। उन्होंने कहाकि यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ाता है, बल्कि हमारे देशों केबीच संबंधों को भी मजबूत करता है। जापान की तकनीकी क्षमता पर जोर देते हुए उन्होंने शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा, जिसमें जापानी तकनीशियनों को भारतीय छात्रों केसाथ मिलकर विशेष कौशल प्रदान करने की वकालत की गई। उन्होंने कहाकि इस तरह की पहल भारत के फिल्म उद्योग को बढ़ावा देनेमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। तोशीहिरो कानेको ने कहाकि हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और शिंतो धर्म की पारंपरिक मान्यताओं से लेकर योग जैसे समकालीन हितों तक हमारे देश लगातार समान आधार तलाश रहे हैं और एक-दूसरे के सांस्कृतिक ताने-बाने को समृद्ध कर रहे हैं।
तोशीहिरो कानेको ने भविष्य के सहयोग के बारेमें उम्मीदें जाहिर करते हुए फिल्म बनाने वालों और निर्माताओं से सह निर्माण के अवसरों का पता लगाने का आग्रह किया। उन्होंने निर्बाध निर्माण के अनुभवों को सुविधाजनक बनाने केलिए जापान के सरकार केंद्रित फिल्म आयोगों का लाभ उठाने केलिए प्रोत्साहित किया। सिनेमाई योगदान के अलावा जापान की मौजूदगी ने जापान नेशनल टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन (जेएनटीओ) और ऑल निप्पॉन एयरवेज (एएनए) द्वारा सुगम पर्यटन संवर्धन प्रयासों को भी बढ़ावा दिया। गौरतलब हैकि 18वां मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव सीमाओं केपार गहरे संबंधों को मजबूती देते हुए सिनेमा का जश्न मनाने केलिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूपमें काम कर रहा है।

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