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यूएच-3एच हेलीकॉप्टर की शानदार विदाई!

भारतीय नौसेना विमानन के इतिहास में हमेशा केलिए अंकित हुआ

विशेष ऑपरेशन खोज व बचाव मिशनों में अभिनव क्षमता का प्रदर्शन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 29 June 2024 03:49:55 PM

grand farewell to uh-3h helicopter!

विशाखापत्तनम। भारतीय नौसेना के आईएनएस डेगा विशाखापत्तनम में आयोजित एक डी-इंडक्शन समारोह में 17 वर्ष की शानदार नौसेना विमानन सेवा केबाद यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को विदाई दी गई। पूर्वी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल समीर सक्सेना, यूएच-3एच स्क्वाड्रन के अनुभवी अधिकारी और नाविक अपने परिजनों केसाथ इस अवसर पर मौजूद रहे और यूएच-3एच हेलीकॉप्टर की महान सेवाओं को याद किया। यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को ऑपरेशनल पावर एवं सैन्य क्षमता को जारी रखने और इसे प्रदान करने केलिए आईएनएएस 350 में सी किंग 42सी हेलीकॉप्टर से प्रतिस्थापित किया जाएगा।
यूएच-3एच हेलीकॉप्टर का डी-इंडक्शन समारोह एक उल्लेखनीय युग का अंत दर्शाता है, जिसने विशेष संचालन, खोज और बचाव मिशनों में अभिनव क्षमताओं का प्रदर्शन किया। लगातार विकसित और गतिशील समुद्री वातावरण में यूएच-3एच हेलीकॉप्टर की परिचालन भूमिका भारतीय नौसेना विमानन के इतिहास में अंकित रहेगी। वर्ष 2007 में आईएनएच जलाश्व केसाथ भारतीय तटों पर लाएगए यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को 24 मार्च 2009 को आईएनएच डेगा विशाखापत्तनम में 'सारस' नाम से आईएनएएस 350 में शामिल किया गया था। इसने मानवीय सहायता और आपदा राहत संचालन, अपतटीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और विशेष अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी उन्नत खोज और बचाव क्षमताएं एवं रसद सहायता प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बहुत अहम थीं, जो प्राय: अनगिनत लोगों की जान बचाती थीं।
यूएच-3एच हेलीकॉप्टर नौसेना की शक्तिशाली 'सारस' स्क्वाड्रन को शक्ति, वीरता और दृढ़ता के आदर्श वाक्य के रूपमें सुशोभित करता है। यूएच-3एच हेलीकॉप्टर ने अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरी लगन से निभाया है, सतर्क निगरानी और अटूट समर्पण केसाथ भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की है। एक यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को भाग्य के शहर से विख्यात विशाखापत्तनम में प्रमुख स्थान पर स्थायी रूपसे प्रदर्शित किया जाएगा, जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। डी-इंडक्शन समारोह में चीफ ऑफ स्टाफ पूर्वी नौसेना कमान समीर सक्सेना ने राज्य सरकार को विमान के हस्तांतरण को चिन्हित करने केलिए एक स्मारक पट्टिका सौंपी, जिसे विशाखापत्तनम के संयुक्त कलेक्टर के मयूर अशोक ने प्राप्त की।

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